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नीतीश के '7 निश्चय' थीम पर मन रहा बिहार दिवस

पटना, 22 मार्च (आईएएनएस)। बिहार राज्य की स्थापना दिवस पर पटना समेत पूरे राज्यभर में 'बिहार दिवस-2016' का आयोजन किया जा रहा है। दो दिवसीय बिहार दिवस में इस साल 'सुशासन के सात निश्चय' को थीम बनाया गया है।

गांधी मैदान में आयोजित मुख्य समारोह का उद्घाटन मुख्यमंत्री नीतीश कुमार मंगलवार शाम चार बजे करेंगे। उद्घाटन समारोह के बाद रंगारंग कार्यक्रम होगा। मुख्य समारोह को लेकर ऐतिहासिक गांधी मैदान सजधज कर तैयार है। गांधी मैदान में अलग-अलग विभागों के पैवेलियन बनाए गए हैं।

बिहार के शिक्षा मंत्री अशोक चौधरी ने मंगलवार को बताया कि राज्य के सभी जिला मुख्यालयों में भी बिहार दिवस का आयोजन किया जा रहा है। इस साल बिहार दिवस सुशासन के सात निश्चय 'आर्थिक हल : युवाओं पर बल, आरिक्षत रोजगार महिलाओं का अधिकार, हर घर बिजली लगातार, हर घर नल का जल, घर तक पक्की गली-नालियां, शौचालय निर्माण-घर का सम्मान और अवसर बढ़े-आगे बढ़े' पर आधारित है।

इन सात निश्चयों के आधार पर विभागों के पैवेलियन में बिहार की लोक कलाओं, जीवन शैली, सांस्तिक पहचान को दिखलाया गया है और होली को देखते हुए विशेष रंग का इस्तेमाल किया गया है। इस मौके पर सभी सरकारी भवनों को आकर्षक ढंग से सजाया गया है।

इधर, बिहार दिवस के मौके पर पटना में 684 कला जत्था के कलाकारों व पटना के विभिन्न सांस्तिक संस्थाओं के रंगकर्मियों को लेकर मद्य निषेध सांस्कृतिक मार्च' निकाला गया। ऐतिहासिक गोलघर से शुरू यह पैदल मार्च गांधी मैदान मुख्य समारोह स्थल पर आकर समाप्त हो गया।

गांधी मैदान में विभागों के स्टल समेत करीब 50 स्टल लगाए गए हैं। इस मौके पर मंगलवार और बुधवार को सांस्कृतिक कार्यक्रमों का आयोजन किया गया है।

बिहार दिवस समारोह को लेकर सुरक्षा के पुख्ता प्रबंध किए गए हैं। पटना के वरिष्ठ पुलिस अधीक्षक मनु महाराज ने बताया कि सुरक्षा को ध्यान में रखते हुए मैदान के सभी गेटों और मैदान के चारों ओर दंडाधिकारियों की प्रतिनियुक्ति की गई है तथा अतिरिक्त पुलिस बलों को तैनात किया गया है।

इंडो-एशियन न्यूज सर्विस।

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    हिमाचल के मुख्यमंत्री और उनके परिवार के सदस्यों के खिलाफ जांच उनके केंद्रीय इस्पात मंत्री (2009-2011) रहते हुए उन पर लगे आय से अधिक संपत्ति के आरोपों के संदर्भ में हो रही है।

    सीबीआई के एक अधिकारी ने कहा, "यह एफआईआर प्राथमिक जांच का परिणाम है, जिसमें यह सामने आया है कि वीरभद्र ने केंद्रीय इस्पात मंत्री के रूप में 2009 से 2012 के दौरान अपने और अपने परिवार के सदस्यों के नाम पर 6.03 करोड़ रुपये की संपत्ति जमा की थी। इस संपत्ति को उनकी आय से अधिक पाया गया।"

    दिल्ली उच्च न्यायालय ने पांच अप्रैल को वीरभद्र से सीबीआई द्वारा उनके खिलाफ दायर मामले में पूछताछ में शामिल न होने का कारण पूछा था।

    हिमाचल प्रदेश उच्च न्यायालय के आदेश के तहत वीरभद्र किसी भी प्रकार की पूछताछ और गिरफ्तारी से बचे हुए हैं। सीबीआई ने दिल्ली उच्च न्यायालय से हिमाचल उच्च न्यायालय के इस आदेश को रद्द करने का आग्रह किया हुआ है।

    उच्च न्यायालय में वीरभद्र सिंह ने याचिका दायर कर सीबीआई द्वारा उनके खिलाफ दायर एफआईआर को खारिज करने की मांग की है जिसकी सुनवाई की जा रही थी।

    अतिरिक्त सॉलिसिटर जनरल पी.एस. पटवालिया ने अदालत को बताया था कि इस मामले में गंभीर रूप से रुकावट पैदा हो गई है। उन्होंने कहा था कि सीबीआई ने इस पर एक दस्तावेज पूर्ण रूप से तैयार किया है। उन्होंने यह भी कहा कि 'जो तथ्य इस दस्तावेज से निकलकर सामने आए हैं, वे बेहद-बेहद गंभीर हैं।'

    सिंह को हिमाचल उच्च न्यायालय ने पहले ही एक अक्टूबर 2015 को इस मामले से गिरफ्तारी से सुरक्षा दे दे रखी थी। सीबीआई को उन्हें गिरफ्तार करने, उनसे पूछताछ करने और उनके खिलाफ आरोपपत्र दायर करने से रोक दिया गया।

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    विदेश मंत्रालय के प्रवक्ता विकास स्वरूप ने ट्वीट कर कहा, "पांच दिन, पांच देश! पांच दिनों की यात्रा के आखिरी चरण में मेक्सिको की लाभप्रद यात्रा के बाद मोदी भारत के लिए रवाना।"

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    मेनका ने कहा, "उन्होंने (पर्यावरण मंत्रालय ने) बंगाल में हाथियों की हत्या की अनुमति दे दी है, हिमाचल प्रदेश में बंदरों को मारने का आदेश दिया है और गोवा में मोरों को मारने की इजाजत दे दी है।"

    उन्होंने कहा कि उन्हें पर्यावरण मंत्रालय की 'पशुओं की हत्या की हवस समझ नहीं आती।'

    मेनका ने संवाददाताओं से कहा, "चंद्रपुर में 53 जंगली भालुओं को मार डाला गया तथा 50 और भालुओं को मारने की अनुमति दे दी गई। यहां तक कि उनके अपने वन्यजीव विभाग ने भी कहा है कि वे पशुओं की हत्या नहीं करना चाहते। मुझे पशुओं को मारने की उनकी हवस समझ नहीं आती।"

    उन्होंने पशुओं की हत्या के लिए पर्यावरण मंत्री को भी जिम्मेदार ठहराया।

    इसमें प्रकाश जावड़ेकर की भूमिका के बारे में उन्होंने कहा, "अब आप मुझे बताइए कि क्या भूमिका हो सकती है? उन्हें केवल अनुमति देनी है। यह पहली बार है जब पर्यावरण मंत्रालय पशुओं की हत्या की अनुमति दे रहा है।"

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