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सियाचिन हादसा : सियाचिन से बेस कैंप लाए गए सैनिकों के शव

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मप्र : भोजशाला पर सबकी नजर, भारी पुलिस बल तैनात

धार, 11 फरवरी(आईएएनएस)। मध्यप्रदेश के धार जिले में स्थित भोजशाला पर सबकी नजर है, क्योंकि शुक्रवार को वसंत पंचमी के मौके पर पूजा और जुमे की नमाज को लेकर विवाद बना हुआ है। हिंदूवादी संगठन वसंत पंचमी पर पूरे दिन सरस्वती की पूजा कराना चाहते हैं, वहीं मुस्लिम समाज भारतीय पुरातत्व सर्वेक्षण के आदेश के पालन की बात कहते हुए नमाज पर अड़ा हुआ है।

तनाव के बनते हालात से निपटने के लिए प्रशासन ने सुरक्षा के पुख्ता इंतजाम किए हैं और भोजशाला व उसके आसपास का इलाका छावनी में बदल गया है।

भारतीय पुरातत्व सर्वेक्षण ने वसंत पंचमी (शुक्रवार) के दिन होने के कारण पूजा और नमाज का समय तय किया है।

इसके मुताबिक, सूर्योदय से दोपहर 12 बजे तक पूजा और एक से तीन बजे के बीच नमाज होगी। यहां प्रति मंगलवार व वसंत पंचमी को पूजा और शुक्रवार को जुमे की नमाज होती है। अन्य दिनों में लोग भोजशाला में जा सकते हैं।

एएसआई द्वारा पूजा और नमाज का समय तय किए जाने के बाद से हिंदूवादी संगठन पूरे दिन पूजा की मांग करते आ रहे हैं। भोज उत्सव समिति और हिंदू जागरण मंच द्वारा शहर में रैली आदि भी निकाली जा चुकी है। इन स्थितियों ने सरकार और प्रशासन की मुसीबत बढ़ा दी है। राज्य सरकार के प्रवक्ता नरोत्तम मिश्रा भी गुरुवार को धार का दौर करने के बाद एएसआई के निर्देशों के पालन की बात कह चुके हैं।

पुलिस अधीक्षक राजेश हिंगणकर ने गुरुवार को आईएएनएस को बताया कि सुरक्षा के पूरे इंतजाम हैं, सुरक्षा बलों को तैनात किया गया है। एएसआई ने जो व्यवस्था की है, उसका प्रशासन द्वारा हर हाल में पालन कराया जाएगा।

भोज उत्सव समिति के संरक्षक विजय सिंह ने संवाददाताओं से चर्चा के दौरान कहा कि उनकी सिर्फ एक मांग है और वह है भोजशाला में वसंत पंचमी पर पूजा करने की।

दूसरी ओर, जिला वक्फ कमेटी के अध्यक्ष शकील खान का कहना है कि वे चाहते हैं कि प्रशासन एएसआई के निर्देशों का पालन कराए।

प्रशासनिक सूत्रों के अनुसार, धार में चप्पे-चप्पे पर पुलिस बल की तैनाती की गई है। सुरक्षा में लगभग छह हजार पुलिस बल लगा हुआ है। भोजशाला तक जाने वाले मार्ग पर बेरिकेटिंग की गई है। इसके अलावा डोन और सीसीटीवी कैमरों से नजर रखी जा रही है।

प्रशासनिक अधिकारी गुरुवार की शाम तक दोनों पक्षों से बातचीत में लगे रहे, मगर कोई रास्ता नहीं निकल पाया। लिहाजा प्रशासन का सारा जोर सुरक्षा इंतजामों पर आकर ठहर गया है।

ज्ञात हो कि धार एक ऐतिहासिक नगरी है यहां राजा भोज ने 1010 से 1055 ईवी तक शासन किया। उन्होंने 1034 में धार नगर में सरस्वती सदन की स्थापना की, यही स्थान भोजषाला कहलाया।यहां मां सरस्वती (वाग्देवी)की प्रतिमा स्थापित की गई जो 1880 में एक अग्रेज व्यक्ति अपने साथ लंदन ले गया। वर्तमान में यह प्रतिमा लंदन में ही है।

ऐतिहासिक तथ्यों के आधार पर पता चलता है कि कुछ लोगों द्वारा भोजशाला को मस्जिद बताए जाने पर धार स्टेट ने ही 1935 में परिसर में शुक्रवार को जुमे की नमाज पढ़ने की अनुमति दे दी। तभी से यह व्यवस्था चली आ रही, कई बार विवाद हुए। हिंसा भी हुई। अब एक बार फिर बसंत पंचमी शुक्रवार को होने पर विवाद व तनाव बन गया है।

इंडो-एशियन न्यूज सर्विस।

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  • सियाचिन हादसा : सियाचिन से बेस कैंप लाए गए सैनिकों के शव
    नई दिल्ली, 13 फरवरी (आईएएनएस)। हिमस्खलन हादसे में शहीद हुए सियाचिन की सोनम सैन्य चौकी पर तैनात नौ जवानों के शवों को शनिवार को बेस कैंप लाया गया। सेना ने यह जानकारी दी।

    सेना के एक प्रवक्ता ने कहा, "मौसम बहुत कम समय के लिए हल्का सा साफ हुआ और साहसिक कदम उठाते हुए सेना के हेलीकॉप्टरों के जरिए सियाचिन में शहीद हुए नौ सैनिकों के शवों को बेस कैंप के नजदीक स्थित हवाई पट्टी लाया गया।"

    प्रवक्ता ने बताया कि शुक्रवार को भी तीन बार शव लाने की कोशिशें की गईं, लेकिन खराब मौसम के चलते तीनों ही प्रयास विफल रहे।

    सैनिकों के शव जैसे ही जम्मू एवं कश्मीर के पार्तापुर लाए गए उन्हें सड़ने से बचाने के लिए रसायन का लेप लगाया गया और एक प्राथमिकी भी दर्ज कराई गई।

    प्रवक्ता ने कहा, "अगर मौसम सही रहा तो सैनिकों के शव रविवार की सुबह लेह ले जाए जाएंगे और फिर से वहां नई दिल्ली ले जाया जाएगा।"

    जिन सैनिकों की मौत हुई है, उनके नाम हैं : सूबेदार नागेश टीटी (तेजूर, जिला हासन, कर्नाटक), हवलदार इलम अलए एम (दुक्कम पाराई, जिला वेल्लोर, तमिलनाडु), लांस हवलदार एस. कुमार (कुमानन थोजू, जिला तेनी, तमिलनाडु), लांस नायक सुधीश बी (मोनोरोएथुरुत जिला कोल्लम, केरल), लांस नाइक हनमानथप्पा कोप्पड, (बेटाडुर, जिला धारवाड़, कर्नाटक), सिपाही महेश पीएन (एचडी कोटे, जिला मैसूर, कर्नाटक), सिपाही गणेशन जी (चोक्काथेवन पट्टी, जिला मदुरै, तमिलनाडु), सिपाही राम मूर्ति एन (गुडिसा टाना पल्ली, जिला कृष्णागिरी, तमिलनाडु), सिपाही मुश्ताक अहमद एस (पारनापल्लै, जिला कुर्नूल, आंध्र प्रदेश) और सिपाही नसिर्ंग असिस्टेंट सूर्यवंशी एसवी (मस्कारवाडी, जिला सतारा, महाराष्ट्र)।

    एक अन्य जवान लांस नायक हनुमनथप्पा कोप्पड़ बर्फ की मोटी चादर के नीचे जीवित दबे निकाल लिए गए थे, लेकिन गुरुवार को उपचार के दौरान उनकी भी मौत हो गई। हनुमनथप्पा का शुक्रवार को कर्नाटक के उनके गांव में आंतिम संस्कार कर दिया गया।

    इंडो-एशियन न्यूज सर्विस।
  • बिहार से लापता सैन्य अधिकारी फैजाबाद में मिला
    लखनऊ, 13 फरवरी (आईएएनएस)। बिहार के कटिहार से 6 दिन पहले लापता एक सैन्य अधिकारी शनिवार को उत्तर प्रदेश के फैजाबाद जिले में मिला। पुलिस ने यह जानकारी दी।

    25 वर्षीय शिखरदीप धवन अपने गृह राज्य बिहार में लंबी छुट्टियां मनाकर कटिहार से जम्मू लौट रहे थे। 6 फरवरी की रात वह ट्रेन से अचानक लापता हो गए।

    पुलिस अधिकारी ने आईएएनएस को बताया कि शिखरदीप ने शनिवार को फैजाबाद पुलिस स्टेशन आकर खुद अपना परिचय दिया।

    पुलिस के अनुसार, वह महानंदा एक्सप्रेस में सवार थे और पानी की बोतल लेने के लिए पटना स्टेशन पर उतरे। बोतल लेकर जब वह अपने एसी कोच में वापस आए तो उनके मुंह से झाग निकलने लगा और उसके बाद वह बेहोश हो गए। होश आने पर उन्होंने खुद को एक अंधेरे कमरे में कुर्सी से बंधा पाया।

    पुलिस ने अधिकारी के हवाले से बताया कि उन्हें एक अंधेरे कमरे में रखा गया था। वहां एक शख्स हर रोज आता था और उन्हें हलवा खिलाता था। वह उनसे बहुत कम बात करता था।

    उन्होंने बताया कि वह खिड़की तोड़कर उस जगह से भागने में कामयाब हुए। रेल की पटरियां दिखने के बाद वह कुछ दूरी तक पैदल चले। उसके बाद वहां खड़ी कामाख्या एक्सप्रेस में चढ़कर फैजाबाद पहुंचे।

    पुलिस ने पूरी जानकारी दर्ज करने के बाद अधिकारी को सेना के हवाले कर दिया।

    शिखरदीप के परिवार ने 9 फरवरी को उनके लापता होने की रिपोर्ट दर्ज कराई थी। उनके पिता को आशंका थी कि कहीं उनके बेटे का किसी आतंकवादी संगठन ने अपहरण कर लिया है।

    इंडो-एशियन न्यूज सर्विस।
  • केरल : उम्मीदवारों का चयन दलों के लिए कठिन चुनौती
    नई दिल्ली, 13 फरवरी (आईएएनएस)। केरल में आनेवाले विधानसभा चुनाव के लिए ज्यादातर राजनीतिक दलों के लिए उम्मीदवारों का चयन कठिन चुनौती बन गई है। एक उम्मीदवार ने कहा है कि वह अब चुनाव नहीं लड़ेंगे।

    कांग्रेसनीत संयुक्त लोकतांत्रिक मोर्चा (यूडीएफ) के दलों के लिए उम्मीदवारों का चयन काफी मुश्किल हो गया है, क्योंकि असंतुष्टों के बागी होने का खतरा है।

    वामपंथी पार्टियों ने पिछले कुछ समय से यह नियम बनाया था कि दो बार विधायक रह चुके लोगों को टिकट नहीं दिया जाएगा। माकपा इस नियम को लेकर बहुत सख्त नहीं रही है, लेकिन भाकपा इसका कड़ाई से पालन करती है।

    कांग्रेस में किसी तरह का नियम न होने से उनके लिए उम्मीदवार चुनना काफी कठिन कार्य बन गया है। पिछले कई बार से कांग्रेस सबसे पहले उम्मीदवारों की चयन प्रक्रिया में जुट जाती है, लेकिन उसकी अंतिम सूची सबसे देर से तैयार होती है।

    कांग्रेस में इस संबंध में पहले दौर की मंत्रणा शुरू हो चुकी है। पार्टी के वरिष्ठ नेता गुलाम नबी आजाद दो दिनों तक प्रदेश के शीर्ष नेताओं से चर्चा करते रहे।

    इस दौरान राज्य के बिजली मंत्री आर्यदन मोहम्मद, जिनका कांग्रेस में काफी ऊंचा कद हैं और पांच दशकों से पार्टी से जुड़े हुए हैं, ने आईएएनएस को बताया कि उन्होंने चुनाव नहीं लड़ने का फैसला किया है।

    यह पूछे जाने पर कि क्या उनकी जगह उनके बेटे आर्यदन शौकत को मल्लपुरम जिले की उनकी पारंपरिक सीट नीलाम्बर से टिकट दिया जाएगा, उन्होंने हंसते हुए कहा, "क्या आप नहीं जानते कि हमारी पार्टी में टिकट काटने और उम्मीदवार बदलने का चलन है। इसलिए अभी इस पर कुछ कहना जल्दबाजी होगी।"

    कांग्रेस के तीन बार विधायक रहे एम.ए. वहीद, जो काझाकूटम निर्वाचन क्षेत्र से जीते हैं, का कहना है कि इस बार उनके लिए चुनाव जीतना काफी कठिन है, क्योंकि मुकाबला त्रिकोणीय है।

    माकपा के वरिष्ठ विधायक और पूर्व उद्योग मंत्री एलामारम करीम, जो दो बार विधायक रह चुके हैं, ने आईएएनएस से कहा कि वे अपने पोलित ब्यूरो सदस्य पिनरई विजयन के नेतृत्व में प्रस्तावित पार्टी की रैली रविवार को खत्म होने के बाद उम्मीदवार चयन के मुद्दे पर चर्चा करेंगे।

    2011 के चुनाव में कांग्रेस ने 82 सीटों पर उम्मीदवार खड़े किए थे, जिसमें से 38 पर उसे जीत हासिल हुई थी। जबकि माकपा ने 92 सीटों पर चुनाव लड़ा था और 44 सीटों पर जीत हासिल की थी। जबकि भाकपा ने 27 सीटों पर लड़कर 13 सीटों पर जीत हासिल की थी। कांग्रेसनीत यूडीएफ गठबंधन की दूसरी सबसे बड़ी पार्टी इंडियन यूनियन मुस्लिम लीग ने 24 सीटों पर चुनाव लड़कर 20 सीटें हासिल की। केरल कांग्रेस (मणि) ने 15 सीटों पर चुनाव लड़ा और नौ सीटें जीती थी।

    इंडो-एशियन न्यूज सर्विस।
  • बढ़ते अपराध से बिहार की छवि धूमिल : रविशंकर
    पटना, 13 फरवरी (आईएएनएस)। भारतीय जनता पार्टी (भाजपा) के वरिष्ठ नेता और केंद्रीय मंत्री रविशंकर प्रसाद ने यहां शनिवार को कहा कि बिहार में बढ़ते अपराध से राज्य की छवि धूमिल हो रही है। उन्होंने मुख्यमंत्री नीतीश कुमार पर आक्षेप करते हुए सवाल किया कि आखिर दो महीने के अंदर ही राज्य में 'डर का माहौल' क्यों बन गया।

    पटना में पत्रकारों से चर्चा करते हुए उन्होंने कहा, "बिहार में अपराध बढ़ रहा है और यह बहुत ही चिंता का विषय है, दुर्भाग्यपूर्ण और भर्त्सना के योग्य है।"

    केंद्रीय मंत्री ने कहा, "नीतीश कुमार जी और लालू प्रसाद जी जनता के समर्थन से जीतकर आए हैं और उनकी सरकार बनी है। अभी कुछ महीने ही गुजरे हैं और बिहार में खौफ का माहौल क्यों बन गया है?"

    भाजपा के वरिष्ठ नेता ने पूछा कि जब नीतीश कुमार भाजपा के साथ सरकार चला रहे थे तो उस समय अपराध पर पूरा नियंत्रण था और आज जब वह राष्ट्रीय जनता दल (राजद) प्रमुख लालू प्रसाद के साथ शासन चला रहे हैं, तो राज्य में खौफ का माहौल क्यों बन गया है?

    उन्होंने कहा कि मुख्यमंत्री शुक्रवार को दिनभर पुलिस के वरिष्ठ अधिकारियों के साथ बैठक करते हैं और शाम को भाजपा के प्रदेश उपाध्यक्ष की हत्या हो जाती है, यह बहुत दुर्भाग्यपूर्ण है।

    इंडो-एशियन न्यूज सर्विस।
  • ज्ञानपीठ पुरस्कार विजेता ओ.एन.वी. कुरूप का निधन

    तिरुवनन्तपुरम, 13 फरवरी (आईएएनएस)। ज्ञानपीठ पुरस्कार विजेता और प्रसिद्ध मलयाली कवि और गीतकार ओ.एन.वी. कुरूप का शनिवार को यहां एक अस्पताल में निधन हो गया। वह 84 साल के थे।

    ओ.एन.वी. कुरूप के परिजनों ने उनके निधन की जानकारी दी। वह उम्र संबंधी बीमारी से पीड़ित थे।

    इंडो-एशियन न्यूज सर्विस।
  • भारत के विकास में मदद करें भारतवंशी : नवतेज सरना
    लंदन, 13 फरवरी (आईएएनएस)। ब्रिटेन में भारत के नए उच्चायुक्त नवतेज सरना ने यहां भारतीय समुदाय के प्रमुख सदस्यों से आग्रह किया कि भारत में महत्वपूर्ण आधारभूत संरचनाओं के निर्माण में वे विदेशी निवेश लाने में मदद कर सकते हैं।

    भारतीय समुदाय द्वारा शुक्रवार को आयोजित एक कार्यक्रम में सरना ने कहा कि ब्रिटेन में भारतीय समुदाय ने हर क्षेत्र में सफलता के झंडे गाड़े हैं, चाहे वह राजनीति, व्यापार, स्वास्थ्य, संस्कृति, वित्त, आर्थिक क्षेत्र हो या कोई और क्षेत्र। यहां की राजनीति में भी उन्होंने अपना लोहा मनवाया है और उनकी आवाजा का महत्व है।

    पिछले महीने सरना को रंजन मथाई की जगह ब्रिटेन में भारत का उच्चायुक्त नियुक्त किया गया था।

    उच्चायुक्त ने कहा, "आपने ब्रिटेन में अपनी सांस्कृतिक जड़ों को कभी नहीं भूलाया। यही कारण है कि आज आपकी संस्कृति ब्रिटिश जीवन का एक हिस्सा है। यहां फिश एंड चिप्प व्यंजन से भी ज्यादा मशहूर भारत का तंदूरी व्यंजन है। भांगड़ा आज लंदन की पहचान है।"

    उन्होंने कहा कि उच्चायोग अपने समुदाय के साथ दोतरफा संबंधों को बढ़ावा देगा, जहां सभी समस्याओं को बेझिझक बांटा जाए और उस पर चर्चा की जाए। सरना ने कहा कि उच्चायोग सभी चिंताओं को हल करने के लिए हर संभव प्रयास करेगा।

    भारतीय उच्यायोग की ऐतिहासिक इमारत इंडिया हाउस में समुदाय के सदस्यों का स्वागत करते हुए सरना ने कहा कि आप लोग उच्चायोग को अपना घर ही समझें। आपका यहां हमेशा स्वागत है।

    इंडो-एशियन न्यूज सर्विस।
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