सोनीपत (हरियाणा), 3 दिसम्बर (आईएएनएस)। उच्च शिक्षा में भारत के शीर्ष संस्थानों का जलवा बरकरार है। फोर्ब्स की सूची के बाद टाइम्स हायर एजुकेशन ब्रिक्स एंड इमर्जिग इकोनॉमिक्स रैंकिंग्स के अनुसार, उच्च शिक्षा में शीर्ष 200 संस्थानों की सूची में भारत 16 संस्थानों के साथ तीसरे स्थान पर है।
शीर्ष 20 संस्थानों में बेंगलुरू स्थित इंडियन इंस्टीट्यूट ऑफ साइंस (आईआईएससी) 16वें पायदान के साथ पहली बार सूची में शामिल हुआ है, जबकि देश का अति प्रतिष्ठित जवाहरलाल नेहरू विश्वविद्यालय (जेएनयू) सूची में जगह नहीं पा सका।
यहां ओ.पी.जिंदल युनिवर्सिटी में टाइम्स हायर एजुकेशन ब्रिक्स एंड इमर्जिग इकोनॉमी युनिवर्सिटी समिट के दौरान गुरुवार को सूची जारी की गई, जिसके मुताबिक, आईआईएससी के बाद भारतीय प्रौद्योगिकी संस्थान (आईआईटी)-बॉम्बे है, जो 29वें पायदान पर है।
सूची में शीर्ष 10 संस्थानों में आधे और शीर्ष 200 में कुल 39 संस्थानों के साथ चीन का दबदबा है। चीन ब्रिक्स व अन्य उभरते राष्ट्रों से कहीं आगे है। शीर्ष 200 संस्थानों की सूची में ताईवान के 24 संस्थान हैं।
टाइम्स हायर एजुकेशन वर्ल्ड युनिवर्सिटी रैंकिंग्स के संपादक फिल बैटी ने समारोह के दौरान कहा, "भारत के लिए यह अच्छी खबर है कि ब्रिक्स व उभरते राष्ट्रों के सर्वश्रेष्ठ संस्थानों की इस साल की सूची में उसके 16 संस्थानों को जगह मिली है।"
16 संस्थानों में से सात आईआईटी हैं।
ओ.पी.जिंदल ग्लोबल युनिवर्सिटी के संस्थापक कुलाधिपति नवीन जिंदल ने कहा, "आज के दौर में उच्च शिक्षा के प्रति प्रतिबद्ध होने व इसके बेहतरीन नतीजे पाने का हक प्रत्येक जनता को है, जो बेहतर भविष्य की आकांक्षा करते हैं।"
सूची में आईआईएससी 16वां, आईआईटी-बॉम्बे 29, आईआईटी-मद्रास-36, आआईआईटी-दिल्ली 37, आआईआईटी-खड़गपुर 45, जादवपुर विश्वविद्यालय 80, आआईआईटी-गुवाहाटी-83, आआईआईटी-कानपुर 95, पंजाब विश्वविद्यालय-121, सावित्रीबाई फुले विश्वविद्यालय-127, युनिवर्सिटी ऑफ कलकत्ता-137, अलीगढ़ मुस्लिम युनिवर्सिटी-150, दिल्ली विश्वविद्यालय-154, अमृता विश्वविद्यालय-181, आंध्रा विश्वविद्यालय-193वां स्थान प्राप्त हुआ है।
इंडो-एशियन न्यूज सर्विस।
खरी बात
MP अजब है गजब है, आठ करोड का सड़क घोटाला दबाने सवा करोड की परत
बुंदेलखंड में सड़क घोटालों से धुमिल होती मुख्यमंत्री की छवि धीरज चतुर्वेदी सौगातों के नाम पर किस तरह सत्ता और अधिकारी घोटालों को अंजाम देकर साफ बच निकलते है। इसका...
चंबल का मान मानमर्दन गडकरी जी माफ़ी मांगिये
भारतीय दण्ड संहिता की धारा 498 अ का विवाहित पुरुषों के खिलाफ दुरूपयोग
कांग्रेस: यह कैसी आत्मघाती व अलोकतांत्रिक “स्ट्रेटेजी” है !
आधी दुनिया
शौचालय की समस्या से जूझती महिलायें
उपासना बेहार कितनी विडंबना है कि आजादी के 68 वर्ष बाद भी देश की बड़ी जनसंख्या खुले में शौच करने के लिए मजबूर है। 2011 की जनगणना के अनुसार देश...