महामहिम राष्ट्रपति ने लोकसभा और विधानसभा चुनाव साथ-साथ कराने का बुद्धिमत्तापूर्ण सुझाव दिया- श्री चौहान

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भोपाल: 06 सितम्बर/ भारतीय जनता पार्टी के प्रदेश अध्यक्ष व सांसद श्री नंदकुमार सिंह चौहान ने कहा कि महामहिम राष्ट्रपति श्री प्रणव मुखर्जी ने शिक्षक दिवस पर छात्रों से मुखातिब होते हुए युवा एवं किशोर पीढ़ी के ज्ञान की नई खिड़की खोल दी। वहीं लोकतंत्र को परिपक्वता प्रदान करनें के लिए लोकसभा और विधानसभा के चुनाव साथ-साथ कराने का बुद्धिमत्तापूर्ण सुझाव दिया। उन्होनें कहा कि इस दिशा में जहां चुनाव आयोग को पहल करना है, वहीं देश के राजनैतिक दलों को परस्पर चर्चा करके सहमति बनाना है। यदि लोकसभा और विधानसभा के चुनाव साथ-साथ कराये जाते है तो जहां देश और जनता का समय बचेगा वहीं बार-बार चुनाव करानें के लिए व्यवस्था पर होने वाला खर्च भी बचेगा। साथ ही चुनाव की अवधि में एकरूपता आयेगी।

श्री चौहान ने कहा कि राष्ट्रपति जी के इस सुझाव ने वास्तव में राजनैतिक दलों और राजनेताओं को नई दिशा दी है। 1967 के पश्चात देश में विधानसभाओं और लोकसभा के चुनाव में समयांतर आ गया है। जिससे सालभर कहीं न कहीं चुनाव की आहट मिलती है। इसका प्रतिकूल असर सरकारी कामकाज और विकास के कार्यों पर पड़ता है। क्योंकि चुनाव की घोषणा के पूर्व कार्यक्रम घोषित होने के साथ चुनाव आचार संहिता प्रभावी हो जाती है, जिससे नये कामों, विकास कार्यों पर विराम लग जाता है। विकास के लक्ष्य अधूरे रह जाते है।

सांसद नंदकुमार ने कहा कि राष्ट्रपति जी ने किशोर और युवा पीढ़ी से संवाद करते हुए महत्वपूर्ण यह बात भी कही, कि बदलते परिप्रेक्ष्य में हमें जहां अतीत की समृद्धि पर गर्व करना है, वहीं नित नूतन हो रही प्रौद्योगिकी क्रांति की दिशा में वैज्ञानिक तासीर के साथ आगे बढ़ाना है। तभी हम दुनिया के साथ स्पर्धा में कामयाब होंगे।

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