प्रधानमंत्रीजी, भाजपा नेता की 1 अरब की संपत्ति वाली गौशाला में केवल 50 गायें

राज्य, खरी बात

धीरज चतुर्वेदी

शायद प्रधानमंत्रीजी नही जानते होगें कि भाजपा के लोग ही गौशाला की दुकाने सजाये हुये है। सुनकर आश्चर्य होगा कि मध्यप्रदेश के छतरपुर जिला मुख्यालय में गौशाला के नाम करीब एक अरब की संपत्ति है। यहां गौ सेवा के नाम पर मात्र करीब पचास नग है। चौकाने वाला तथ्य है कि करीब सौ वर्ष पुरानी इस गौशाला पर भाजपा और आरएसएस के जिम्मेदारो का ही कब्जा रहा है।

चौंक जायेगे कि छतरपुर शहर के मुख्य बाजार में जिस गौशाला की 46 से अधिक दुकाने हो उसकी प्रतिवर्ष आय मात्र ढाई लाख रूपये होगी। जो कर्मचारियो पर ही खर्च हो जाती हो। यह सच छतरपुर मे संचालित उस गौरक्षणी सभा का है जिसे छतरपुर के महाराज राजा विश्वनाथ सिंह ने करीब सौ वर्ष पूर्व संचालित किया था। समीपी गावं राधेपुर में 60 एकड जमीन, गौवंश को पानी पीने के लिये कुंआ और उनके चारे की व्यवस्था सब कुछ के लिये गौशाला के नाम संपत्ति दान कर दी थी।

समय के साथ छतरपुर शहर का विकास हुआ तो गौ सेवा भी पूरी तरह व्यवसाायिक हो गई। शुरूआती दौर मे देशभक्ति का पाठ पढाने वाले आरएसएस और भाजपा के प्रमुखो का इस गौशाला पर कब्जा है। शहर के बीचोबीच मुख्य व्यवसायिक बाजार में गौशाला के नाम करीब एक अरब की संपत्ति है। महाराज छतरपुर ने जिस कुंये को गौ वंश को पानी मुहैया कराने के लिये निर्मित कराया था उस पर भी सात दुकाने निर्मित हो चुकी है। करीब 46 से अधिक दुकाने इसी गौशाला के नाम दर्ज है।

ताज्जुब करेगे जिन दुकानो का किराया इस मुख्य किराना बाजार में प्रतिमाह तीन लाख रूपये होना चाहिये उन दुकानो से गौशाला के पब्लिक ट्रस्ट को साल भर में ढाई लाख रूपये की आय होती है। आरएसएस और भाजपा के लोगो ने किस तरह इस गौशाला की संपत्ति का दुरपयोग किया है उसकी दास्तां सुनकर सभी अचंम्भित रह जायेगे। इसी मुख्य बाजार में गौशाला की करीब 15 हजार वर्गफीट से अधिक जमीन पर संघ द्धारा संचालित सरस्वती स्कूल खुला हुआ है। पूरा पक्का और अलीशान भवन मगर गौशाला ट्रस्ट को किराया मात्र 6 हजार रूपये प्रतिमाह ही मिलता है। स्कूल के परकोटे के बाहरी हिस्से में 16 बडी और तीन छोटी दुकाने है।

मजेदार है कि सरस्वती स्कूल ने पगडी नही दी बल्कि उल्टा गौरक्षणी सभा को भवन निर्माण के लिये कर्ज दे दिया। स्कूल के एक क्षेत्र में दुहरी मंजिल निर्मित कराई कराई गई जिसे सरस्वती स्कूल के संस्थान ने निर्मित कराया इस कारण गौशाला ट्रस्ट के किराये को इस रकम को काटा जा रहा है। मुख्य बाजार में जहां पगडी देने के बाद भी छोटी सी दुकान बैठने को नही मिलती वहीं कर्ज देकर गौशाला की भूमि का किस तरह उपयोग किया, वही संघ द्धारा संचालित सरस्वती स्कूल इसका साक्षत सबूत इससे अधिक नही हो सकता। अभी ट्रस्ट को स्कूल से किराया भी नही मिल रहा है। कहने को तो यह गौशाला पब्लिक ट्रस्ट के नाम पंजीकृत है पर भाजपा व आरएसएस के जिम्मेदारो से आज तक मुक्ति नही पा सकी। इसके अलावा मुख्य किराना बाजार में ही करीब 15 दुकाने है। जिसके ऊपरी हिस्से में गोपाल धर्मशाला बनी हुई है।

सुनने में तो यह भी आया था कि मुख्य बजरिया में भी गौशाला की 240 वर्गफीट की दो दुकाने है। जिसके खुर्दबुर्द करने की सुगबगाहटे है। कुल मिलाकर गौरक्षणी सभा यानि इस गौशाला के नाम अपार संपत्ति होने के बाद भी गऊ के नाम पर दुकानदारी कई दशको से जारी है। गौशाला के सचिव भाजपा पूर्व जिलाध्यक्ष जयनारायण अग्रवाल का कहना है कि एक वर्ष पूर्व उनके प्रभार संभालने के बाद दुकानो का किराया बढाया गया है। इसके पूर्व तीन साल में 25 रूपये किराये के रूप में बढा करते थे। अब 50 से 100 रूपये बढाये जा रहे है। सचिव श्री अग्रवाल के अनुसार गौशाला की प्रतिवर्ष ढाई लाख की आमदनी है। जिसमें से डेढ लाख रूपये प्रतिवर्ष आठ कर्मचारियो के वेतन पर खर्च हो जाता है। जिसमें गौशाला के शंकरजी के मंदिर के पुजारी, मुनीम, स्वीपर, चौकीदार आदि नियुक्त है। साथ ही प्रतिवर्ष भूसे पर 90 हजार का व्यय होता है। सचिव के अनुसार प्रतिवर्ष लगभग 65 हजार रूपये सरकार से मदद मिलती है।

अब जिन उद्देश्यों के साथ इस गौशाला को अपार संपत्ति महाराज छतरपुर ने दान में दी थी उस गौवंश की बात की जाये तो राधेपुर में मात्र 50 नग ही दिखाई देते है। सचिव के दावे के अनुसार सौ गाये है। दूसरी ओर देखे तो छतरपुर जिला मुख्यालय के चारो ओर मुख्य मार्ग पर प्रतिदिन सडक हादसो में करीब दस गायो की मौंत हो रही है। करीब 15 गाये प्रतिदिन गंभीर रूप से चोटिल हो रही है। छतरपुर में ही संचालित हरिओम गौ सेवा केन्द्र के कर्मचारी राधे यादव ने इन तथ्यो की पुष्टी की है। यह मात्र गौसेवा केन्द्र है जो जख्मी गायो को दूरदराज क्षेत्रो से उठाकर गौशाला में उनका गंभीरता के साथ उपचार करता है। चारो ओर मुख्य मार्गाे पर डेरा डाले गौवंश स्वयं भी तिलतिल कर मरने पर विवश है। वही कई गंभीर सडक हादसे भी घटित हो रहे है। एक तरफ गौवंश की राजनीति है, प्रधानमंत्री का लुभावना भाषण है और दूसरी तरफ उनके ही भाजपा के लोग गाय के नाम की दुकाने खोले है। इन सब के बीच वो गाय माता भूखी तडफती जख्मी हालत में पुकार रही है कि उसके संरक्षण के भी कभी ना कभी अच्छे दिन आयेगे।

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