चौबे के उपन्यास “क्या पता कामरेड मोहन” का मलयालम अनुवाद होगा लोकार्पित

साहित्य

भोपाल: 19 सितम्बर/ वनमाली सृजनपीठ और आईसेक्ट विश्वविद्यालय द्वारा आयोजित चार दिवसीय समारोह शब्द, ध्वनि और दृश्य का चौथा सत्र 20 सितंबर की शाम लोकार्पण, पाठ और संवाद पर केन्द्रित होगा। स्वराज भवन में शाम 6.30 बजे से प्रारंभ इस साहित्य प्रसंग की अध्यक्षता कथाकार शशांक करेंगे।

इस मौके पर उपन्यासकार संतोष चौबे के कहानी संग्रह “बीच प्रेम में गांधी” तथा “क्या पता कामरेड मोहन" के मलयालम अनुवाद का लोकार्पण होगा। वहीं कथाकार मुकेश वर्मा के कहानी संग्रह “सत्कथा कही नहीं जात” तथा स्वंय प्रकाश के उपन्यास “बीच में विनय" मलयालम अनुवाद भी जारी किया जाएगा। इस बीच कविता तथा कहानियों की जुगलबंदी भी साहित्य प्रेमियों के लिए अनूठा अनुभव होगी। जिसमें महेन्द्र गगन, बलराम गुमास्ता कविता और मुकेश वर्मा व संतोष चौबे कहानी पाठ करेंगे। समारेाह में अनुवादक वी.जी. गोपाल कृष्णन का वक्तव्य भी होगा।

समकालीन सृजन पर केन्द्रित इस समारोह का समापन 22 सितम्बर शाम 6ः30 बजे रवीन्द्र भवन में मनोज नायर के निर्देशन में चौबे की कविताओं के मंचन के साथ होगा। इस अवसर पर चैबे के कृती व्यक्तित्व पर केन्द्रित लघु फिल्म का प्रदर्शन होगा। यह समारोह आईसेक्ट स्डूडियो, सहित सांस्कृतिक संस्थाओें स्ंपदन, पहले पहल, कला समय, विहान, मधुवन, मध्यप्रदेश हिन्दी साहित्य सम्मेलन, रचना समय आदि के सहयोग से आयोजित किया जा रहा है।

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