कुपोषण और मातृ-शिशु मृत्यु दर पर श्वेत-पत्र जारी होगा

राज्य

भोपाल : 15 सितंबर/मुख्यमंत्री श्री शिवराज सिंह चौहान ने निर्देश दिये हैं कि प्रदेश से कुपोषण को समाप्त करने के लिये महिला-बाल विकास तथा स्वास्थ्य विभाग मिलकर अभियान चलायें। इस अभियान में समाज के सभी वर्गों का सहयोग लें। कुपोषण तथा मातृ एवं शिशु मृत्यु दर की स्थिति पर श्वेत-पत्र जारी करें। मुख्यमंत्री श्री चौहान आज यहाँ मंत्रालय में मंत्रीगण तथा वरिष्ठ अधिकारियों की संयुक्त बैठक में जन-संकल्प-2013, मंथन-2014 एवं दृष्टि-पत्र-2018 की समीक्षा कर रहे थे।

मुख्यमंत्री श्री चौहान ने इस वृहद बैठक में कहा कि टीम मध्यप्रदेश के रूप में विकास और जन-कल्याण के कामों की जिम्मेदारी आप सबके कंधों पर है। इसे पूरी गंभीरता से करें और मध्यप्रदेश को हर क्षेत्र में अव्वल बनायें। उन्होंने 19 विभाग से संबंधित बिन्दुओं की समीक्षा की। शेष विभागों की समीक्षा 20 सितम्बर को करेंगे। मुख्यमंत्री ने बैठक में संबंधित विभागों को जरूरी दिशा-निर्देश दिये। साथ ही कहा कि इन निर्देशों को नीतिगत फैसले मानकर कार्यवाही सुनिश्चित करें। उन्होंने कहा कि हर तीन माह में इस तरह की समीक्षा बैठक होगी।

मंत्रीगण और अधिकारियों की समिति गठित

मुख्यमंत्री श्री चौहान ने कहा कि कुपोषण को दूर करना और मातृ एवं शिशु मृत्यु दर कम करना चुनौतीपूर्ण कार्य है। इस दिशा में आवश्यक व्यवस्था बनाने के लिये महिला-बाल विकास मंत्री, लोक स्वास्थ्य एवं परिवार कल्याण मंत्री, अपर मुख्य सचिव वन, प्रमुख सचिव महिला-बाल विकास तथा प्रमुख सचिव लोक स्वास्थ्य विभाग की समिति गठित की। श्री चौहान ने कहा कि स्वागतम् लक्ष्मी अभियान को जन-अभियान बनायें। कुपोषित बच्चों के उपचार के फॉलोअप की बेहतर व्यवस्था करें। महिला स्व-सहायता समूहों को आर्थिक रूप से सशक्त बनाने की योजना बनायें। महिला स्व-सहायता समूह कौन-कौन से उत्पाद बना सकते हैं इसकी विस्तृत कार्य-योजना बनायें।

बैठक में बताया गया कि महिला-बाल विकास विभाग द्वारा संचालित सामुदायिक नेतृत्व क्षमता कार्यक्रम में 16 हजार हितग्राही लाभान्वित हुए हैं। लाडो अभियान में बीते तीन साल में 3 हजार 779 बाल विवाह रोके गये हैं। प्रदेश के सभी 51 जिले में शौर्या दलों का गठन किया जा चुका है। उदिता योजना में 80 हजार आँगनवाड़ी में सेनेटरी नेपकिन उपलब्ध करवाने के लिये उदिता कार्नर बनाये गये हैं।

पीपीपी मॉडल पर हॉस्टल बनेंगे

मुख्यमंत्री श्री चौहान ने कहा कि मध्यप्रदेश ने कई क्षेत्रों में बेहतर कार्य किया है। सकारात्मक मानसिकता से कार्य करें और बेहतर परिणाम दें। आगामी 2 अक्टूबर को सभी विभाग स्वच्छता से संबंधित कार्यक्रम आयोजित करें। मुख्यमंत्री छात्र गृह योजना में उच्च शिक्षा के लिये शहरों में आने वाले युवाओं के लिये पीपीपी मॉडल पर हॉस्टल निर्माण की योजना बनायें। प्रतिभाशाली विद्यार्थियों की उच्च शिक्षा की व्यवस्था के लिये उच्च शिक्षा कोष बनाया जाये। सभी औद्योगिक प्रशिक्षण केन्द्रों तथा कौशल विकास केन्द्रों की मॉनीटरिंग की जाये। इन संस्थाओं में युवाओं के लिये उद्योगों की आवश्यकता के अनुरूप व्यवसायों का प्रशिक्षण उपलब्ध करवायें। प्रत्येक जिले में एक पॉलीटेक्निक संस्था तथा औद्योगिक प्रशिक्षण संस्था को मॉडल बनायें।

बाल-हृदय उपचार अभियान चलेगा

मुख्यमंत्री ने कहा कि डेंगू तथा मलेरिया जैसी बीमारी का प्रसार नहीं हो, इसके लिये स्वास्थ्य विभाग आवश्यक कदम उठायें। सभी जिलों में मुख्यमंत्री बाल हृदय उपचार योजना के तहत स्वास्थ्य परीक्षण का अभियान चलायें तथा ऐसे बच्चों का उपचार करवायें। थेलीसीमिया से पीड़ित बच्चों के उपचार की योजना बनायें। टीकाकरण के लिये स्वास्थ्य और महिला-बाल विकास मिलकर कार्य करें। दवाई खरीदी की पारदर्शी नीति बनायें। सभी शासकीय अस्पतालों में साफ-सफाई की बेहतर व्यवस्था करें। नर्सिंग महाविद्यालयों के जरिये बेटियों के लिये रोजगार सृजन करें। आयुर्वेद के क्षेत्र में शोध पर विशेष ध्यान दें।

बताया गया कि प्रदेश के 51 जिले में कीमोथेरेपी और डायलिसिस की व्यवस्था है। स्वास्थ्य विभाग द्वारा नि:संतान गरीब महिलाओं के उपचार के लिये अभियान चलाया गया था। अभियान का लाभ बड़ी संख्या महिलाओं को मिला है। स्वास्थ्य विभाग द्वारा 50 हजार ग्राम आरोग्य केन्द्र चलाये जा रहे हैं। आयुष विभाग द्वारा 860 चिकित्सक की भर्ती की गई है।

विद्यार्थियों को 68 हजार स्मार्ट फोन वितरित

बैठक में मुख्यमंत्री श्री चौहान ने तकनीकी शिक्षा विभाग को राजीव गाँधी प्रौद्योगिकी विश्वविद्यालय द्वारा हिन्दी में इंजीनियरिंग की परीक्षा लेने के निर्णय के लिये बधाई दी। बताया गया कि पिछले तीन साल में 138 महाविद्यालय की प्रयोगशालाओं का उन्नयन किया गया है। अब तक उच्च शिक्षा विभाग द्वारा 68 हजार महाविद्यालयीन विद्यार्थियों को स्मार्ट फोन वितरित किये गये हैं।

सड़कों की स्थिति सुधारी जाये

मुख्यमंत्री ने लोक निर्माण विभाग से संबधित बिन्दुओं की समीक्षा करते हुए कहा कि सड़कों की स्थिति हर हाल में सुधरना चाहिये, इसके लिये पैसों की कोई कमी नहीं है। भवनों की रंगाई-पुताई एवं रख-रखाव का कार्य नियमित हो। उन्होंने केन-बेतवा परियोजना शीघ्र पूरी तैयारी करने तथा प्रदेश में सिंचाई क्षमता 60 लाख हेक्टेयर करने का रोडमेप बनाने के निर्देश दिये। बन्द नल-जल योजनाओं को चालू करने तथा पेयजल की भविष्य की आवश्यकताओं के अनुसार योजनाएँ बनाने एवं हेंडपंप स्थापित करने की पारदर्शी योजना बनाने के निर्देश दिये। उन्होंने सामान्य प्रशासन विभाग के अधिकारियों को निर्देशित किया कि जिला स्तर पर अधिकारियों का कार्यक्रम बनाया जाये। इस दौरान डायल-100 योजना की सराहना करते हुए कहा कि अन्य राज्यों की अपेक्षा प्रदेश की कानून-व्यवस्था बेहतर है।

जेलों में मोबाइल का उपयोग रोकने की सख्त व्यवस्था

मुख्यमंत्री ने जेल विभाग के अधिकारियों को निर्देश किया कि कोई भी माफिया जेलों में बैठकर अपराध का संचालन नहीं कर सके, इसकी पूरी व्यवस्था सुनिश्चित करें। ऐसे स्थानीय बुजुर्ग कैदी चिन्हित करें, जिनकी सजा एक-दो साल शेष बची है। उन्हें खुली जेल जैसी सुविधा देने की व्यवस्था पर विचार किया जाये। इस मौके पर बताया गया कि होशंगाबाद में खुली जेल संचालित है जिसमें 25 कैदी सपरिवार रहते हैं जो दिन में रोजी-रोटी के लिये बाहर भी जाते हैं। इसी तरह की खुली जेल सतना में बनायी जा रही है।

सभी सहकारी बैंकों में कोर-बैंकिंग व्यवस्था होगी

मुख्यमंत्री ने कहा कि सभी सहकारी बैंकों को कोर बैकिंग व्यवस्था से जोड़ने में तकनीक का उपयोग किया जाये और पारदर्शी व्यवस्था की जाये। इससे अनियमितताएँ नहीं हो सकें और शासकीय योजनाओं के हितग्राहियों को लाभ पहुँचाने का काम किया जा सके। उन्होंने कहा कि जिन सहकारी बैंकों की स्थिति ठीक नहीं है, उसे ठीक करने के आवश्यक उपाय किये जायें। सहकारी संस्थाओं के माध्यम से बहुउद्देश्यीय गतिविधियाँ शुरू की जायें, जिससे इन संस्थाओं की स्थिति सुदृढ़ हो सके। उन्होंने कहा कि कृषि आय को दोगुना करने में उद्यानिकी की अहम भूमिका है। जो जिले राष्ट्रीय उद्यानिकी मिशन में शामिल नहीं हैं उनमें राज्य अपने मद से उद्यानिकी के कार्यक्रम संचालित करेगा।

बैठक में मंत्रीगण, मुख्य सचिव, पुलिस महानिदेशक, विभागों के अपर मुख्य सचिव, प्रमुख सचिव तथा विभागाध्यक्ष उपस्थित थे।

Back to Top