पूर्व विधायक समरीते ने जुलानिया पर लगाया तीन हज़ार करोड़ के गबन का आरोप

राज्य

भोपाल: 6 सितम्बर/ पूर्व विधायक किशोर समरीते ने मुख्य सचिव, मध्यप्रदेश साशन को पत्र लिखते हुए आरोप लगाया की म.प्र. साशन में कार्यरत अधिकारी जुलानिया द्वारा प्रमुख सचिव जल संसाधन बनते ही जल संसाधन विभाग में कार्यों की मॉनिटरिंग करने के लिए 17 करोड़ का सॉफ्टवेर बनवाया जो इस समय कार्य नहीं कर रहा है । सॉफ्टवेर बनाने वाली कंपनी से जुलानिया द्वारा 10 प्रतिशत कमिशन लिया गया जिसके कारण कंपनी के विरुद्ध कोई कार्यवाही नहीं की जा रही है ।

समरीते के पत्र के अनुसार जुलानिया द्वारा पाईको परिजन में 1919 करोड़ के प्रोजेक्ट में बिना कार्य करवाये पाईको के साथ मिलकर 1919 करोड़ का व्यय कर लिया तथा इस मामले में जुलानिया द्वारा कार्यपूर्णता का प्रमाण जो प्रदेश सरकार तथा केंद्र सरकार के सामने पेश किया गया वो फ़र्ज़ी प्रमाण है।

पूर्व विधायक ने आगे पत्र में बताया की जुलानिया द्वारा मुख्य अभियंता सागर जल संसाधन विभाग को बुंदेलखण्ड पैकेज में दिए गये सभी आवंटन में 30 प्रतिशत कमिशन लिया गया तथा घटिया निर्माण कार्य कराये गये । प्रमाण स्वरुप पन्ना जिले में कार्यपालन यंत्री वार्ष्णेव के द्वारा लगभग 150 करोड़ के 7 तालाब वर्षा में बह जाने के पश्चात वार्ष्णेव से 10 करोड़ रु का रिश्वत लिया जिस कारन से ना तो उसे निलंबित किया और न ही उसके विरुद्ध पुलिस में मामला दर्ज करया । जुलानिया द्वारा जांच अधिकारी कपूर जल संसाधन विभाग म.प्र. शासन पर दबाव बनाकर वार्ष्णेव को जांच में निर्दोष साबित करने में पूरी ताक़त लगा दी । इसी तरह एम. जी. चौबे जो की जमुनिया टैंक टूटने का मुख्य आरोपी है, जिसके द्वारा जीर्ण शीर्ण तालाब का वेस्टवियर करने पर तालाब टूटने से 70 ग्रामों में करोड़ों की छति हुई । जिसे जुलानिया ने नियम विरूद्ध जांच कर संविदा नियुक्ति दी तथा चौबे के साथ मिलकर बाणसागर परियोजना रीवा में ठेकेदार भैयालाल शुक्ला एवं विनोद शुक्ला को लगभग 300 करोड़ का भुगतान किया जिसमे 150 करोड़ का भुगतान फ़र्ज़ी है ।

उन्होंने पत्र में आगे बताया की इसी तरह राज्य शासन द्वारा बिभिन्न समिति से पास किये गए लगभग 150 टेण्डरों से प्रशासिकय स्वीकीर्ति जारी करने पर 2 प्रतिशत की दर से लगभग 150 करोड़ रु जुलानिया द्वारा लिए गये । वहीं राजगढ़ में बड़े तालाब के निर्माण में स्विकीर्त ड्राइंग डिजाईन को स्वीकृति के बाद बदलने एवं 150 करोड़ की .अतिरिक्त आवंटन देकर ठेकेदार से लगभग 50 करोड़ रु जुलानिया द्वारा रिस्वत लिया गया तथा फलौदी कंस्ट्रक्शन राजगढ़ के ठेकों में स्टीमेट रिवाइज़ कर 300 करोड़ का अतिरिक्त भुगतान फलौदी कंस्ट्रक्शन के लगभग 15 ठेकों में किया गया । साथ ही जुलानिया को मालपानी आई. ए. एस. अधिकारी के विरूद्ध जांच अधिकारी बनने पर जुलानिया द्वारा मालपानी से पैसे की मांग की गई तथा जांच रिपोर्ट मालपानी के पक्ष में बनाने की बात की, मालपानी द्वारा सर्त ना मानने पर मुख्य सचिव को आधारहीन रिपोर्ट प्रस्तुत किया, जान की इस मामले में 14 हज़ार एस.सी.एस.टी. और ओ.बी.सी. के छात्रवासों और सप्लायरों की जांच होनी थी, किन्तु जांच नहीं की गई ।

पत्र में आगे लिखते हुये समरीते ने प्रदेश सरकार तथा केंद्र सरकार से जुलानिया के ऊपर जल्द से जल्द कार्यवाही की मांग की ।

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