उप्र : फर्जीवाड़े के दोषी 23 शिक्षण संस्थान काली सूची में

राज्य, स्टूडेंट-यूथ

लखनऊ, 15 जुलाई (आईएएनएस)| उत्तर प्रदेश में छात्रवृत्ति और शुल्क प्रतिपूर्ति योजना में गड़बड़ी के दोषी 23 शिक्षण संस्थानों को गुरुवार को काली सूची में डाल दिया गया। समाज कल्याण विभाग ने अब इन संस्थानों की मान्यता खत्म करने के लिए सरकार को पत्र लिखा है। विभाग के एक अधिकारी ने बताया कि काली सूची में डाले गए 21 संस्थान सहारनपुर और दो इलाहाबाद के हैं। इस समाज कल्याण विभाग के निदेशक विजय बहादुर सिंह ने इस आशय का एक आदेश गुरुवार को जारी किया, जिसके तहत अगले पांच साल तक इन संस्थानों में दाखिला लेने वाले छात्रों को छात्रवृत्ति और शुल्क प्रतिपूर्ति योजना का कोई लाभ नहीं मिलेगा।

अधिकारी के अनुसार, इस हेराफेरी में सहारनपुर में वर्ष 2011-12 से 2014-15 के बीच कार्यरत रहे पांच जिला विद्यालय निरीक्षकों- शिवलाल, कांता रामपाल, चंद्रशेखर, श्यामा कुमार व राधाकृष्ण तिवारी और दो जिला समाज कल्याण अधिकारियों- करुणेश त्रिपाठी और मुश्ताक अहमद की संलिप्तता भी पाई गई है।

समाज कल्याण निदेशक ने इन सभी अधिकारियों को निलंबित कर दिया है और इनके खिलाफ विभागीय जांच की संस्तुति भी की है।

उल्लेखनीय है कि वर्ष 2011-12 से 2014-15 के बीच सहारनपुर और इलाहाबाद में छात्रवृत्ति व शुल्क प्रतिपूर्ति योजना में बड़े पैमाने पर धांधली किए जाने की शिकायत शासन को मिली थी। जांच में पाया गया कि सहारनपुर के 21 और इलाहाबाद के दो संस्थानों ने छात्रों के फर्जी नामांकन दिखाकर करीब 15 करोड़ रुपये हड़प लिए।

बिना मान्यता के पाठयक्रमों में भी छात्रों का नामांकन दिखाकर इस योजना का लाभ लिया गया। इतना ही नहीं, प्रमाणपत्र पाठ्यक्रम की फीस महज 480 रुपये थी, जिसे डिप्लोमा पाठ्यक्रम दिखाकर प्रति छात्र 36 हजार रुपये की दर से वार्षिक शुल्क की प्रतिपूर्ति ली गई।

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