अनुप्रिया पटेल जातीय समीकरण के कारण भाजपा के लिए अहम

राष्ट्रीय, खरी बात

नई दिल्ली, 5 जुलाई (आईएएनएस)| 'अपना दल' की मिर्जापुर से सांसद अनुप्रिया पटेल को नरेंद्र मोदी मंत्रिमंडल में जगह उत्तर प्रदेश की राजनीति और अगले साल प्रस्तावित राज्य विधानसभा चुनाव के मद्देनजर मिली है। ऐसी संभावना है कि वह अपनी पार्टी 'अपना दल' का भाजपा में विलय भी कर सकती हैं।

भाजपा पिछले 15 वर्षो से राज्य में सत्ता से बाहर है।

अनुप्रिया पटेल (35) अन्य पिछड़ा वर्ग (ओबीसी) के लोकप्रिय कुर्मी नेता सोनेलाल पटेल की बेटी हैं, जिनका 2009 में निधन हो गया था।

भाजपा को उम्मीद है कि वह उत्तर प्रदेश के युवा मुख्यमंत्री अखिलेश यादव और बहुजन समाज पार्टी (बसपा) की सुप्रीमो मायावती के दलित उम्मीदवारों के नेतृत्व का सामना कर सकती हैं।

पूर्वी भारत में कुर्मियों की अच्छी-खासी तादाद को देखते हुए अनुप्रिया को मंत्रिमंडल में शामिल करने की प्रबल संभावना थी।

अनुप्रिया के मंत्रिमंडल में शामिल होने से जाति कारक भाजपा के लिए महत्वपूर्ण माना जा रहा है। भाजपा राज्य में अकेले चुनाव लड़ने के पक्ष में है।

दिल्ली विश्वविद्यालय के लेडी श्रीराम कॉलेज, एमिटी विश्वविद्यालय और कानपुर विश्वविद्यालय से शिक्षा प्राप्त अनुप्रिया के पास मनोविज्ञान और बिजनेस एडमिनिस्ट्रेशन में मास्टर्स डिग्री है।

Back to Top