बिहार : शराब पर प्रतिबंध के बाद नशे की लत बनी चुनौती

राज्य, फीचर

मनोज पाठक

पटना, 5 अगस्त (आईएएनएस)| बिहार में शराबबंदी को कारगर ढंग से लागू करने के लिए भले ही सरकार कड़े कानून बना रही हो, लेकिन शराब के आदी अब नशे के लिए दूसरे विकल्प ढूंढ़ने लगे हैं। शराबबंदी के बाद अब नशेड़ी गांजा, भांग चरस व अफीम का सेवन करने लगे हैं। ऐसे में सरकार के लिए नशे की नई लत से निपटना चुनौती बन गई है।

राज्य मद्य निषेद्य एवं उत्पाद विभाग के एक अधिकारी बताते हैं कि हर रोज गांजा और भांग की बिक्री की सूचना विभाग को मिल रही है। सूचना मिलने के बाद कार्रवाई भी की जा रही है।

सूत्रों के अनुसार, पटना में कई ऐसे स्थान व दुकान हैं, जहां गांजा बेचा जा रहा है। यहां से ग्राहकों को आपूर्ति भी हो रही है।

उत्पाद आयुक्त आदित्य कुमार दास ने बताया कि शराबबंदी के बाद विकल्प के तौर पर लोगों द्वारा गांजा, भांग, अफीम, चरस सहित अन्य नशीले पदाथरें का सेवन करना संभव है। ऐसे लोगों तक इन मादक पदार्थो को पहुंचाने के प्रयास भी किए जा रहे हैं, हालांकि इन्हें रोकने के लिए भी विभाग भी मुस्तैद है।

उन्होंने बताया कि बिहार की सीमा में प्रवेश करने से पहले गाड़ियों की सघन तलाशी ली जा रही है। गाड़ियों की तलाशी के लिए ट्रक स्कैनर लगाए जाने की प्रक्रिया प्रारंभ कर दी गई है। आंकड़ों से स्पष्ट है कि हाल के दिनों में ऐसे मादक पदार्थो को जब्त करने की संख्या में वृद्धि हुई है।

आंकड़ों के मुताबिक, इस वर्ष अप्रैल महीने में राज्य के विभिन्न क्षेत्रों से 2़5 किलोग्राम भांग जब्त की गई। वहीं जुलाई महीने में 669़ 195 किलोग्राम भांग जब्त हुई।

अप्रैल महीने में 165 किलोग्राम गांजा और 45 किलोग्राम अफीम जब्त किया गया था, वहीं जुलाई महीने में उत्पाद विभाग द्वारा 265 किलोग्राम से अधिक गांजा जब्त किया गया।

आंकड़ों के मुताबिक, अप्रैल से जुलाई महीने तक राज्य के विभिन्न क्षेत्रों से 685 किलोग्राम से अधिक भांग और 45़ 900 किलोग्राम अफीम जब्त की गई। इसी तरह इस समयावधि में 637 किलोग्राम से अधिक गांजा भी जब्त किया गया।

अधिकारियों का मानना है कि शराबबंदी के पहले उत्पाद विभाग गांजा, भांग चरस व अफीम को जब्त करने के लिए खास कारवाई नहीं करता था। नारकोटिक्स कंट्रोल ब्यूरो ही ऐसे नशीले पदाथरें को लेकर सख्ती बरतता रहा है, लेकिन अब शराबबंदी के बाद उत्पाद विभाग ने शराब के अलावा नशीले पदाथरें को जब्त करना शुरू कर दिया है।

गौरतलब है कि बिहार में अप्रैल महीने से शराब की बिक्री, निर्माण और सेवन पर प्रतिबंध लगा दिया गया है।

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