
उत्तर प्रदेश भाजपा को अपने ही लगा रहे पलीता
राज्य, खरी बात, फीचर Aug 07, 2016विद्या शंकर राय
उत्तर प्रदेश में अगले साल होने वाले विधानसभा चुनाव में '265 प्लस' लक्ष्य लेकर आगे बढ़ रही भारतीय जनता पार्टी (भाजपा) को उसके अपने नेता ही पलीता लगाने में जुटे हुए हैं। नए प्रदेश अध्यक्ष केशव प्रसाद मौर्य को पार्टी का अंदरूनी समीकरण साधने में कामयाबी नहीं मिल पा रही है।
भाजपा सूत्रों के मुताबिक, अपनी उपेक्षा से नाराज झांसी की सांसद और केंद्रीय मंत्री उमा भारती काफी आग्रह के बाद भी कार्यसमिति की बैठक में शामिल होने नहीं पहुंचीं।
झांसी में स्थित भानी देवी गोयल सरस्वती विद्या मंदिर में भाजपा की दो दिवसीय कार्यसमिति की बैठक की शुरुआत कलराज मिश्र ने शनिवार को की, लेकिन सबकी निगाहें स्थानीय सांसद और मुखर नेता उमा भारती को तलाश रही थीं। उद्घाटन सत्र के बीत जाने के बाद भी उमा कार्यक्रम में नहीं पहुंचीं।
भाजपा सूत्रों की मानें तो झांसी में मौजूद होने के बाद उमा ने कार्यक्रम से दूरी बनाए रखी। उमा के समर्पित कार्यकर्ताओं ने भी कार्य समिति की बैठक में सहयोग नहीं किया। पदाधिकारियों को दबी जुबान में यही कहते सुना गया कि वह नाराज हैं।
पार्टी के ही एक पदाधिकारी ने बताया कि जिस तरह से उमा के संसदीय क्षत्र में हो रही कार्यसमिति की बैठक में उनकी उपेक्षा की गई। इसको लेकर वह काफी नाराज हैं। कैबिनेट मंत्री होने के बावजूद उनसे उद्घाटन नहीं कराया गया। इसको लेकर वह नाराज हैं। उनको बुलाने के लिए काफी मान मनौव्वल भी की गई, लेकिन वह नहीं आईं।
पार्टी के प्रदेश महासचिव स्वतंत्रदेव सिंह से जब यह पूछा गया कि स्थानीय सांसद होने के बावजूद वह कार्यसमिति में क्यों नही आईं, तो उन्होंने इस सवाल का जवाब देने से इनकार कर दिया।
उमा के अलावा गोरखपुर से सांसद योगी आदित्यनाथ भी कार्यसमिति की बैठक में नहीं पहुंचे। उनको लेकर भी अटकलों का बाजार गर्म रहा। पार्टी के पदाधिकारी उनकी गैरमौजूदगी का भी जवाब नहीं दे पाए।
पदाधिकारियों की तरफ से हालांकि यह कहा गया कि उमा भारती कल (रविवार) को कार्यसमिति की बैठक में शामिल होने जरूर आएंगी।
उमा भारती व योगी आदित्यनाथ के अलावा केंद्रीय मंत्री मेनका गांधी भी कार्यसमिति की बैठक में शामिल होने नहीं पहुंचीं। मेनका को इस बार प्रदेश कार्यसमिति में आमंत्रित सदस्य के तौर पर जगह दी गई थी, लेकिन वह बैठक में हिस्सा लेने नहीं आईं।
भाजपा सूत्रों के मुताबिक, मेनका के पुत्र वरुण गांधी को प्रदेश कार्यसमिति में जगह मिलने की उम्मीद जताई जा रही थी, लेकिन केशव प्रसाद ने जब कार्यकारिणी की घोषणा की, तब उनका नाम गायब था।
अटकलें हैं कि बेटे वरुण की उपेक्षा से मां मेनका नाराज हैं। इस वजह से वह कार्यसमिति की बैठक में नहीं पहुंचीं।
उल्लेखनीय है कि भाजपा कार्यसमिति की इस बैठक में केंद्रीय मंत्रियों सहित कुल 40 सांसदों ने हिस्सा लिया।