दुनियाभर के पर्यटक बाघ देखने के लिए भारत जरूर आएं : पर्यावरण मंत्री
राष्ट्रीय, पर्यटन Jul 29, 2016नई दिल्ली, 29 जुलाई (आईएएनएस)| केंद्रीय पर्यावरण, वन और जलवायु परिवर्तन राज्य मंत्री (स्वतंत्र प्रभार) अनिल माधव दवे ने विश्व भर के पर्यटकों को बाघ देखने के लिए भारत आने का आमंत्रण दिया। अंतर्राष्ट्रीय बाघ दिवस पर आयोजित एक समारोह को संबोधित करते हुए दवे ने छात्रों से बाघों के संरक्षण के लिए अपील की।
दवे ने कहा कि विभिन्न स्कूलों से यहां छात्र इसलिए एकत्रित हुए हैं क्योंकि यह सभी अपने आप में टाइगर हैं। उन्होंने कहा कि भारत के लोग बाघों से प्यार करते हैं और बाघों के संरक्षण के कारण भारत में 2,226 बाघ हैं जो कि विश्व भर में बाघों की आबादी का 70 प्रतिशत है।
पर्यावरण मंत्री ने कहा कि देशभर में 17 राज्यों और 49 अभयारणों में बाघ पाए जाते हैं। उन्होंने कहा कि एक स्वस्थ बाघ स्वस्थ पर्यावरण का प्रतीक है। दवे ने जोर देकर कहा कि भारत सेंट पीर्ट्सबर्ग के लक्ष्य जिसे टी *2 के रूप में जाना जाता है, को प्राप्त करने की दिशा में महत्वपूर्ण योगदान दे रहा है।
दवे ने विश्वास व्यक्त किया कि बाघों के संरक्षण और देखभाल के चलते भारत में बाघों की संख्या वर्ष 2022 तक दोगुनी हो जाएगी। दवे ने वहां मौजूद छात्रों को बाघ संरक्षण के लिए शपथ दिलाई और बाद में 'वॉक फॉर टाइगर' को झंडी दिखाकर रवाना किया।
प्रोजेक्ट टाइगर के तहत किए जा रहे बाघ संरक्षण के प्रयासों के कारण विश्व की 13 टाइगर रेंज देशों में भारत और इसके आस-पास क्षेत्रों में बाघों की अधिकतम संख्या है।
टाइगर रेंज देशों में वन्य बाघों की स्थिति विलुप्त प्राय बनी हुई है। हालांकि कुछ टीआरसी देशों जैसे भारत, नेपाल, भूटान और रूस में कुछ स्थिति में सुधार हुआ है लेकिन वैश्विक परिदृश्य गंभीर चिंता का विषय हैं।
कुछ टीआरसी देशों में स्थानीय स्तर पर बाघ विलुप्त हो चुके है। टाइगर रेंज देशों के राष्ट्राध्यक्षों जिनमें भारत भी शामिल है, वर्ष 2022 तक अपने क्षेत्रों में वन्य बाघों की संख्या दोगुनी करने का संकल्प किया है और बाघ संरक्षण पर सेंट पीटर्सबर्ग संकल्प को अपनाया है। 29 जुलाई को रूस में सेंट पीटर्सबर्ग में विश्व टाइगर डे मनाने का फैसला किया गया था।
इस अवसर पर पर्यावरण, वन और जलवायु परिवर्तन मंत्रालय में सचिव अजय नारायण झा और पर्यावरण, वन और जलवायु परिवर्तन मंत्रालय और राष्ट्रीय बाघ संरक्षण प्राधिकरण के अधिकारी के साथ-साथ दिल्ली और इसके आस-पास के क्षेत्रों से सैकड़ों स्कूली छात्र मौजूद थे।