
हिन्द का मान है हिंदी
साहित्य Sep 13, 2016नैना शर्मा
हिन्द की भावनाओं को व्यक्त करने की,
राह है हिंदी,
भारत माँ के भाल का सम्मान है हिंदी।।
कभी सूर,कभी तुलसी तो कभी कबीर की रचना है हिंदी,
तो कभी प्रेमचंद,जयशंकर का मान है हिंदी।।
कभी गाँधी,कभी नेहरू कभी भगत सिंह की जान है हिंदी,,
तो कभी अम्बेडकर का संविधान है हिंदी।।
कभी कविता,कभी छंद,
कभी ब्रह्म पुराण है हिंदी,
तो कभी गुरुदेव(टैगोर)का राष्ट्रगान है हिंदी।।
कभी माँ की लाड़,
पिता कु फटकार है हिंदी,
तो कभी स्वाभिमान का सम्मान है हिंदी।।
है सुहागन भारत माँ,
उनकी मांग का सिंदूर है संस्कृत,
तो उनके माथे की बिंदी है हिंदी।।
आज हमारी उम्मीदों की शाख़ है हिंदी,
हमारी आशाओं के पंख,
तो करोड़ों भारतीयों की ज़ुबान है हिंदी।।
कभी मन्दिर की आरती,
कभी मस्जिद की अज़ान है हिंसी,
कभी गीता,बाइबिल,
तो कभी कुरान है हिंदी।।
हम भारतीयों का मान,
हमारा सम्मान है हिंदी,
हिन्द का मान ही नही,
हिंदुस्तान की जान है हिंदी।।
नैना शर्मा युवा स्तंभकार और साहित्यकार हैं। विभिन्न पत्र-पत्रिकाओ में आपके लेख प्रकाशित होते रहते है।