कश्मीर में गिरफ्तार आतंकवादी को पाकिस्तान सेना ने प्रशिक्षित किया : एनआईए

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नई दिल्ली, 10 अगस्त (आईएएनएस)| राष्ट्रीय जांच एजेंसी (एनआईए) ने बुधवार को दावा किया कि पाकिस्तानी आतंकवादी संगठन लश्कर-ए-तैयबा (एलईटी) के गिरफ्तार आतंकवादी बहादुर अली को पाकिस्तान में सैन्य विशेषज्ञों द्वारा प्रशिक्षित किया गया था। एनआईए ने कहा कि कुपवाड़ा जिले में गिरफ्तार किए गए बहादुर अली को हिज्बुल मुजाहिदीन के आतंकवादी बुरहान वानी के मुठभेड़ में मारे जाने के बाद जम्मू एवं कश्मीर के बिगड़े हालात का लाभ उठाने का निर्देश दिया गया था।

एनआईए के महानिरीक्षक संजीव कुमार सिंह ने कहा, "मोनिबल (जम्मू एवं कश्मीर) में 26 जुलाई को अली तथा मारे गए लश्कर के चार अन्य आतंकवादियों के पास से बरामद हथियार, विस्फोटक और उपकरण सैन्य विशेषज्ञों की संलिप्तता दर्शाता है।"

आतंकवादियों के पास से बरामद अत्याधुनिक आईकॉम संचार हैंड सेटों का उदाहरण देते हुए अधिकारी ने कहा कि आईकॉम आरटी सेट्स (जापान निर्मित) में बेहद अधिक फ्रीक्वेंसी (वीएचएफ) के कवरेज के लिए जिस तरह से छेड़छाड़ की गई, उसके लिए इलेक्ट्रॉनिक्स में बेहद आधुनिक प्रशिक्षण की जरूरत होती है।

अली ने पूछताछ के दौरान बताया कि उसे नियमित तौर पर दिशानिर्देश मिला और लश्कर-ए-तैयबा नियंत्रण कक्ष के अल्फा-3 से निर्देश मिलता रहा, जिसकी फ्रीक्वेंसी आईकॉम हैंड सेट्स में दर्ज है।

अधिकारी ने कहा, "अली तथा अन्य सबूत पुष्टि करते हैं कि अल्फा-3 एक फिक्स्ड संचार केंद्र है, जो पाकिस्तान के कब्जे वाले कश्मीर में काफी ऊंचाई पर स्थित है और पाकिस्तानी सेना के सहयोग से इसका संचालन होता है।"

उन्होंने कहा कि एक बार जब आतंकवादी भारतीय सरजमीं में दाखिल हो जाते हैं, तब अल्फा-3 उसका मार्गदर्शन करता है। जब भी जरूरत होती है, अल्फा-3 अपने पहले के संपर्को के माध्यम से उन्हें हथियार व रसद मुहैया कराता है।

अली ने जांचकर्ताओं के समक्ष खुलासा किया है कि अल्फा-3 ने उससे कहा था कि बुरहान वानी की मौत के बाद लश्कर के लोग ईद के बाद कश्मीर में आंदोलन को व्यापक स्तर पर भड़काने में अपनी भूमिका अदा की है।

सिंह ने कहा कि गिरफ्तार आतंकवादी ने लश्कर के तीनों प्रशिक्षण प्रक्रियाओं में हिस्सा लिया था। उसे जमात-उद-दावा ने भर्ती किया था, जिसे लश्कर ने कट्टरपंथ का मार्ग दिखाया।

उन्होंने कहा, "उससे बरामद दस्तावेजों के मुताबिक, उसे कोडिंग में जानकारियां दी गईं, जिससे स्पष्ट तौर पर यह संकेत मिलता है कि उसे काफी प्रशिक्षित लोगों ने प्रशिक्षण दिया।"

अधिकारी ने यह भी दावा किया है कि बहादुर अली को पाक अधिकृत कश्मीर स्थित आतंकवादी समूहों के नियंत्रण कक्षों से पाकिस्तानी सुरक्षाबलों की मदद से नियमित तौर पर निर्देश मिल रहे थे।

एनआईए ने कहा है कि कश्मीर के वर्तमान हालात में लश्कर की भूमिका को लेकर जांच जारी है।

कुख्यात आतंकवादी संगठन हिजबुल मुजाहिदीन के कमांडर बुरहानी वानी की आठ जुलाई को हुई मौत के बाद कश्मीर बीते एक महीने से अधिक समय से हिंसा की चपेट में है।

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