शाह की सूरत रैली विफल होने पर आनंदीबेन दिल्ली तलब

राष्ट्रीय

अहमदाबाद, 10 सितम्बर (आईएएनएस)| भाजपा अध्यक्ष अमित शाह की उपस्थिति में सूरत में आयोजित एक रैली को हंगामे के कारण संक्षिप्त अवधि में खत्म किए जाने के बाद प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने पूर्व मुख्यमंत्री आनंदीबेन पटेल को दिल्ली बुलाया है।

भारतीय जनता पार्टी (भाजपा) के सूत्रों ने शनिवार को आईएएनएस से कहा कि एक महीना पहले मुख्यमंत्री पद से मुक्त हुईं आनंदीबेन एक निजी विमान से दिल्ली के लिए रवाना हो गई हैं।

आनंदीबेन गुरुवार को उस समय मंच पर उपस्थित थीं, जब पटेल समुदाय के युवकों ने रैली में हंगामा किया। रैली का आयोजन यह दिखाने के लिए किया गया था कि भाजपा को अब भी पटेल समुदाय का समर्थन प्राप्त है।

रैली में हंगामा और हिंसा होने पर अमित शाह, मुख्यमंत्री विजय रूपानी, प्रदेश भाजपा अध्यक्ष जीतू बघानी और केंद्रीय मंत्री पुरुषोत्तम रूपाला को अपना भाषण संक्षेप में ही समाप्त करना पड़ा था।

भाजपा के पटेल सांसदों के राजास्वा समारोह का आयोजन सूरत के हीरा व्यापारियों और रियल एस्टेट कारोबारियों ने यह जताने के लिए किया था कि पटेल समुदाय भाजपा के साथ है।

इसके जरिए हार्दिक पटेल के नेतृत्व वाले पाटीदार अनामत आंदोलन समिति को यह संदेश भी देना था कि पाटीदार भाजपा में लौट आए हैं।

विश्वस्त सूत्रों के अनुसार, शक्ति प्रदर्शन करने का विचार अमित शाह के दिमाग की उपज थी, जो मुख्यमंत्री विजय रूपानी के बहुत बड़े समर्थक हैं।

समारोह को सफल बनाने के लिए गुजरात सरकार ने हर संभव उपाय किए थे।

लेकिन ये सारी तैयारी उस समय बेकार साबित हुई, जब रैली में भारी हंगामा शुरू हो गया और शाह, रूपानी, और रूपाला को अपने भाषण संक्षिप्त में समेट कर आयोजन से निकल लेना पड़ा।

प्रदर्शनकारियों पर काबू करने के लिए पुलिस ने लाठियां बरसाईं और अश्रु गैस के गोले छोड़े। तांडव को देखने वालों में भाजपा के पटेल विधायकों के साथ आनंदी बेन भी थीं।

यद्यपि नरेंद्र मोदी के 12 वर्षो के मुख्यमंत्रित्वकाल में आनंदीबेन और अमित शाह उनके खास विश्वासपात्र थे, लेकिन दोनों के बीच तलवारें खिचीं रहीं।

मोदी जब साल 2014 में प्रधानमंत्री बने तो उन्होंने आनंदीबेन को मुख्यमंत्री और शाह को भाजपा के राष्ट्रीय अध्यक्ष पद पर आसीन करना सुनिश्चित किया।

लेकिन बताया जाता है कि दोनों के बीच राजनीतिक प्रतिद्वंद्विता कम नहीं हुई। गुजरात में दोनों के समर्थक एक-दूसरे के दुश्मन बने रहे।

हाल में गुजरात में नेतृत्व परिवर्तन के बाद जो नेता या अधिकारी आनंदी बेन के करीबी हैं, उन्हें ठिकाने लगाने की प्रक्रिया जारी है।

पार्टी सूत्रों के अनुसार, यही वजह है कि आनंदी बेन कथित रूप से नाराज हैं।

राज्य के पूर्व गृहमंत्री अमित शाह ने सूरत की रैली में भारी संख्या में पुलिस बल की उपस्थिति सुनिश्चित की थी।

रैली में शांति बनाए रखने के लिए एक हजार पुलिसकर्मियों के अलावा दो पुलिस महानिरीक्षक, एक उप पुलिस महानिरीक्षक, छह पुलिस उपायुक्त, 13 सहायक पुलिस आयुक्त, 29 निरीक्षक और 90 पुलिस उपनिरीक्षक उपस्थित थे, लेकिन वे भीड़ को उत्पात मचाने से नहीं रोक पाए।

समारोह प्रतिष्ठा का सवाल बन गया था और एक लाख लोगों की भीड़ जुटाने का लक्ष्य तय किया गया था, लेकिन करीब 15,000 लोग ही रैली में आए।

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