उप्र को बचाने विधानसभा चुनाव समय पर घोषित हो : मायावती
राज्य, चुनाव Aug 17, 2016लखनऊ, 17 अगस्त (आईएएनएस/आईपीएन)। बहुजन समाज पार्टी (बसपा) की अध्यक्ष मायावती ने उप्र के सत्ताधारी दल समाजवादी पार्टी में मची हलचल का हवाला देते हुए एक ओर सपा पर निशाना साधा है तो वहीं दूसरी ओर माया ने भारत निर्वाचन आयोग को भी सलाह दी है।
माया ने कहा है कि यदि आयोग ने जनवरी-फरवरी में विधानसभा चुनाव कराने के लिए तिथियों की घोषणा कर दी तो राज्य को काफी बड़ी अशांति व अव्यवस्था के खतरे से बचाया जा सकता है।
माया ने केंद्र की भाजपा सरकार को भी कटघरे में खड़ा करते हुए कहा कि भाजपा को पहले ही उप्र के हालात को देखते हुए यहां राष्ट्रपति शासन लगाना चाहिए था, लेकिन वह भी हिम्मत नहीं जुटा पाई।
बसपा मुखिया ने बुधवार को पार्टी मुख्यालय से जारी अपने बयान में कहा कि सत्ताधारी सपा के 'प्रथम परिवार' के कुनबे में पारिवारिक लड़ाई के खुलकर सड़क पर आने से उत्तर प्रदेश की शासन-प्रशासन व्यवस्था पर इसका और भी ज्यादा व्यापक बुरा असर पड़ेगा, जो अति-दुर्भाग्यपूर्ण है।
उन्होंने कहा कि आने वाले दिनों में इसका और भी बुरा खामियाजा राज्य की 22 करोड़ जनता को झेलना पड़ सकता है।
मायावती ने कहा है, "प्रदेश में पहले से ही हर तरफ 'जंगलराज' का माहौल कायम है और अब सपा प्रमुख के परिवार में ही भीषण अंतरकलह से स्थिति और भी ज्यादा बिगड़ने लगी है। इस पारिवारिक कलह का पहला शिकार वरिष्ठ अधिकारी बन रहे हैं और समस्त शासन-प्रशासन पर इसका भारी बुरा प्रभाव स्पष्ट तौर पर दिखने लगा है।"
उन्होंने कहा है, "ऐसे में केंद्रीय निर्वाचन आयोग को संविधान के प्रावधानों के अंर्तगत विधानसभा चुनाव की तिथि जल्द-से-जल्द घोषित करने की तैयारी पूरी कर लेनी चाहिए। यही उत्तर प्रदेश को घोर अव्यवस्था से बचाने का एक मात्र उपाय है।"
माया ने कहा कि वैसे तो केंद्र की भाजपा सरकार को राज्य में राष्ट्रपति शासन की तैयारी काफी पहले ही कर लेनी चाहिए थी, लेकिन उत्तर प्रदेश में अपनी पार्टी की नाजुक स्थिति के मद्देनजर भाजपा की सरकार ऐसी हिम्मत नहीं जुटा पा रही है।
उन्होंने कहा कि भाजपा को लगता है कि उत्तर प्रदेश में जितना संभव हो सके विधानसभा चुनाव टाला जाए और यही सपा भी चाहती है।