लखनऊ में आरटीआई कार्यकर्ताओं ने झेला 'आपातकाल'

राज्य, राष्ट्रीय

लखनऊ, 11 जुलाई (आईएएनएस/आईपीएन)। उपराष्ट्रपति हामिद अंसारी के लखनऊ दौरे से पहले आरटीआई कार्यकतोओं को नजरबंद किए जाने की येश्वर्याज सेवा संस्थान ने निंदा की है। संस्थान का आरोप है कि शासन-प्रशासन ने लखनऊ के आरटीआई कार्यकर्ताओं के लिए आपातकाल जैसी हालत पैदा कर दी। संस्थान के मुताबिक, सोमवार को उप्र राज्य सूचना आयोग के नए भवन का उद्घाटन करने आए उपराष्ट्रपति और कार्यक्रम के अन्य अतिथियों को गुलाब का फूल देकर विरोध व्यक्त करने की घोषणा की गई थी।

हजरतगंज स्थित महात्मा गांधी पार्क में पूर्वाह्न् 11 बजे से अपराह्न् 2 बजे तक विरोध प्रदर्शन का भी निर्णय लिया गया था। इससे बौखलाए शासन-प्रशासन ने संस्था की सचिव एवं समाजसेविका उर्वशी शर्मा को हजरतगंज महिला थाने ले जाकर नजरबंद कर दिया गया।

इसके बाद संस्थान के कोषाध्यक्ष और आरटीआई कार्यकर्ता तनवीर अहमद सिद्दीकी को कैसरबाग थाने में नजरबंद कर दिया गया।

उधर, वरिष्ठ आरटीआई कार्यकर्ता अशोक कुमार गोयल को उनके घर में ही पुलिस ने रविवार रात से ही नजरबंद करके रखा है।

वहीं हरपाल सिंह, संजय आजाद सहित कई आरटीआई कार्यकर्ताओं को हिरासत में लेने के लिए पुलिस उनके घरों पर लगातार दबिश दे रही है। खबर लिखे जाने तक उर्वशी और तनवीर नजरबंद थे।

संस्थान का कहना है कि विगत दो वर्षों से उप्र राज्य सूचना आयोग में महिला यौन-उत्पीड़न मामलों की जांच के लिए सुप्रीम कोर्ट के निर्देशानुसार विशाखा समिति बनाने और आयोग की सभी कार्यवाहियों की शत-प्रतिशत वीडियो रिकॉर्डिग कराने, रिकॉर्डिग्स को आईटी एक्ट में प्राविधानित समय तक संरक्षित रखकर किसी भी पक्ष द्वारा मांगे जाने पर उपलब्ध कराने की व्यवस्थाएं कराने की मुहिम चलाई जा रही है। उपराष्ट्रपति का विरोध भी इसी मुहिम का एक हिस्सा था।

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