संघ-भाजपा में 'महात्मा गांधी विरोधी' छवि मिटाने पर मंथन

राज्य, खरी बात

संदीप पौराणिक

मध्यप्रदेश की राजधानी में गुरुवार को शुरू हुई राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ (आरएसएस) और भारतीय जनता पार्टी के नेताओं की समन्वय बैठक में इस बात को लेकर चिंता जताई गई कि संगठन और पार्टी की 'महात्मा गांधी विरोधी' छवि कैसे मिटाई जाए। सुझाव आया कि देश जिन्हें 'राष्ट्रपिता' मानती है, उनकी जयंती यानी दो अक्टूबर से विशेष अभियान चलाई जाए।

भोपाल के शारदा विहार शैक्षणिक संस्थान में चल रही दो दिवसीय समन्वय बैठक की शुरुआत में ही जिक्र किया गया कि संघ और भाजपा को कई राजनीतिक दल 'महात्मा गांधी विरोधी' करार देने से नहीं चूकते, बल्कि वे अपनी इस कोशिश में कामयाब भी हो रहे हैं, आखिर इनकी कोशिशों को कैसे नाकाम किया जाए।

सूत्रों की मानें तो संघ के सह सरकार्यवाह भैया जी जोशी ने भी महात्मा गांधी को लेकर संघ व भाजपा की बनाई जा रही 'गांधी विरोधी' छवि का जिक्र किया। बैठक में विरोधियों के 'दुष्प्रचार' से निपटने के लिए कारगर रणनीति बनाने पर जोर दिया गया। सुझाव तो यह भी आया कि गांधी जयंती से एक विशेष अभियान चलाया जाए।

दरअसल, अगले साल उत्तर प्रदेश और पंजाब सहित चार राज्यों में विधानसभा चुनाव होने हैं और संघ-भाजपा इन चुनावों में किसी तरह का जोखिम मोल लेना नहीं चाहते। दोनों का मत है कि 'देश के ज्यादातर लोग जिन्हें पूजते हैं, सत्ता पाने के लिए हमें भी पूजना होगा।' यही कारण है कि भाजपा ने पहले डॉ. भीमराव अंबेडकर की जयंती धूमधाम से मनाई और खुद को दलितों का हिमायती बताने की कोशिश की।

इसके बाद चंद्रशेखर आजाद की जन्मभूमि पर विशेष कार्यक्रम किया गया और अब खुद को महात्मा गांधी का अनुयायी बताने की रणनीति भी तैयार हो रही है। स्वच्छ भारत अभियान के लोगो में महात्मा गांधी के चश्मे का उपयोग पहले ही कर लिया गया है।

सूत्रों की मानें तो संघ और भाजपा में इस बात को लेकर मंथन हो रहा है कि पार्टी की सर्वसमाज के दल के तौर पर छवि कैसे बनाई रखी जाए, वहीं विरोधी दलों के दुष्प्रचारों का मुकाबला कैसे किया जाए। गांधी जयंती पर कार्यक्रम आयोजित करने पर मंथन चल रहा है। अभी यह तय नहीं हुआ है कि इस कार्यक्रम का स्वरूप क्या होगा, कितने दिन चलेगा।

यहां बताना लाजिमी होगा कि कांग्रेस उपाध्यक्ष राहुल गांधी भी महात्मा गांधी के हत्यारे नाथूराम गोडसे का संघ से नाता बताया है। इसको लेकर न्यायालय में प्रकरण भी चल रहा है। संघ का कहना है कि गोडसे महात्मा गांधी के सीने को गोलियों से छलनी करने से पहले संघ से इस्तीफा दे चुका था, इसलिए उसे संघ का आदमी न माना जाए। हालांकि साल भर पहले भाजपा सांसद साक्षी महाराज संसद के सामने पत्रकारों के समक्ष नाथूराम गोडसे को 'असली राष्ट्रभक्त' बता चुके हैं और मामला तूल पकड़ने पर इससे मुकर चुके हैं।

इस बैठक में संघ के सह सरकार्यवाह भैया जी जोशी, संघ के मध्य भारत, महाकौशल व मालवा के प्रतिनिधि, प्रदेश के मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान, चार केंद्रीय मंत्री- नरेंद्र सिंह तोमर, अनिल माधव दवे, थावरचंद गहलोत, फग्गन सिंह कुलस्ते, भाजपा के प्रदेशाध्यक्ष नंदकुमार सिंह चौहान, संगठन महामंत्री सुहास भगत और अनुषांगिक संगठनों के प्रतिनिधि हिस्सा ले रहे हैं।

इस बैठक में हिस्सा लेने के लिए गुरुवार की देर शाम भाजपा के राष्ट्रीय अध्यक्ष अमित शाह भी भोपाल पहुंचे। वह शुक्रवार को भी बैठक में मौजूद रहेंगे।

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