स्कूल में सुरक्षित महसूस करने वाले बच्चे लाते हैं ज्यादा नंबर

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टोरंटो, 26 अगस्त (आईएएनएस)| स्कूल में असुरक्षित महसूस करने से बच्चों के सीखने की क्षमता में कमी आ सकती है और इससे उनमें कई भावनात्मक समस्याएं भी पैदा हो जाती हैं। एक नए शोध में यह चेतावनी दी गई है। शोधकर्ताओं में से एक कनाडा के नोवा स्कोटिया स्थित सेंट-एने यूनिवर्सिटी के मनोविज्ञान के प्रोफेसर केरोलिन फिट्जपैट्रिक का कहना है, "हमने पाया कि जो छात्र सुरक्षित महसूस करते थे, वे कक्षा में अधिक कुशल तथा चौकन्ने थे। इन छात्रों ने अवसाद के लक्षणों की भी कम सूचना दी, जैसे नाखुश महसूस करना और मन नहीं लगना।"

फिट्जपैट्रिक ने बताया, "इन छात्रों के क्लास रूम में अधिक चौकन्ना रहने व कुशल होने से उन्हें दीर्घकालिक सफलता मिलती है।"

यह अध्ययन एडोलेसेंट हेल्थ जर्नल में प्रकाशित किया गया है। इसमें बताया गया है कि स्कूल में हिंसा के शिकार बच्चे असुरक्षित महसूस करते हैं, जिस कारण उनमें अवसाद पैदा होता है। इससे छात्र की सीखने की क्षमता भी प्रभावित होती है।

हालांकि अगर बच्चा असुरक्षित महसूस कर रहा है तो हमेशा उसका कारण यह नहीं होता कि स्कूल में कोई उसे तंग करता है या मारपीट कर रहा है।

यूनिवर्सिटी ऑफ ओटावा के कारोलिन कोट-लूसियर का कहना है, "हम अपने पिछले शोधों से यह जानते हैं कि जो युवा बेहद गरीबी में रहते हैं और जो गंदे और बुरे इलाकों में रहते हैं, वे भी स्कूल में कम सुरक्षित महसूस करते हैं।"

कोट-लूसियर ने बताया, "हमें लगता है कि जो किशोर-किशोरी घटिया इलाकों में रहते हैं, वे अपने डर को स्कूल में भी ले आते हैं। इसके अलावा स्कूल किस इलाके में है यह भी बेहद महत्वपूर्ण है। उदाहरण के लिए आसपास हरियाली और स्कूल की इमारत अच्छी हो बच्चों को आराम महसूस होता है और उनका मन भी लगता है।"

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