मप्र का आनंद विभाग संत-मनीषियों के मार्गदर्शन से चलेगा

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भोपाल, 25 जुलाई (आईएएनएस)| मध्यप्रदेश में आम आदमी की जिंदगी खुशहाल करने के लिए गठित आनंद विभाग को कारगर बनाने के लिए संत और मनीषियों का मार्गदर्शन लिया जाएगा। मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान ने सोमवार को अफसरों को निर्देश दिए कि वे अगले माह होने वाली कार्यशाला में संत और मनीषियों को आमंत्रित करें। आनंद विभाग की बैठक में मुख्यमंत्री चौहान ने कहा कि आनंद विभाग की गतिविधियों के अंतर्गत शिक्षा, स्वास्थ्य और रोजगार के साथ-साथ बुनियादी जरूरतों को भी शामिल किया जाए। विभाग के दृष्टिपत्र में आनंद की अवधारणा से जुड़े दर्शन, गतिविधियों और सूचकांक शामिल किए जाए। यह विभाग हताशा और निराशा को खत्म करने के लिए वातावरण बनाने का काम करेगा।

उन्होंने अफसरों से कहा कि 'मां तुझे प्रणाम' और 'मुख्यमंत्री तीर्थ दर्शन' जैसी योजनाओं में आनंद के लिए और क्या बदलाव किया जा सकता है, इस पर विचार करें। आनंद के प्रकटीकरण के लिए सांस्कृतिक, साहित्यिक और खेल-कूद से जुड़ी गतिविधियों की योजना बनाएं।

उन्होंने कहा कि इसके लिए पाठ्यक्रम में सकारात्मक बदलाव किए जा सकते हैं। साथ ही योग के संबंध में विभिन्न विभाग द्वारा संचालित गतिविधियों में एकरूपता रहनी चाहिए।

बैठक में बताया गया कि आनंद की अवधारणा के संबंध में विभिन्न विभाग को प्रशिक्षित किया जाएगा। योग के लिए स्कूल शिक्षा विभाग द्वारा प्रदेश के सात संभाग में योग प्रशिक्षण केंद्र बनाए जाएंगे। खेल विभाग द्वारा विकास खंड स्तर पर योग एवं खेल प्रशिक्षण केंद्र स्थापित करने की योजना बनाई गई है।

उच्च शिक्षा विभाग योग और खेल से जुड़े पाठ्यक्रम शुरू करेगा। बैठक में नर्मदा नदी के किनारे आयुर्वेद, योग और आध्यात्म के लिए वेलनेस सेंटरों की श्रंखला शुरू करने का सुझाव दिया गया।

बैठक में मुख्य सचिव अंटोनी डिसा, अपर मुख्य सचिव (स्कूल शिक्षा) एस.आर. मोहंती, मुख्यमंत्री के प्रमुख सचिव इकबाल सिंह बैंस, प्रमुख सचिव (संस्कृति) मनोज श्रीवास्तव, प्रमुख सचिव उच्च शिक्षा आशीष उपाध्याय, सचिव खेल एवं युवा कल्याण सचिन सिन्हा और संचालक खेल एवं युवा कल्याण उपेंद्र जैन भी उपस्थित थे।

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