जेएनयू में छात्रसंघ चुनाव शुक्रवार को

स्टूडेंट-यूथ

नई दिल्ली, 8 सितम्बर (आईएएनएस)| कथित देशविरोधी नारों को लेकर लंबे समय से चर्चा में बने हुए देश के प्रतिष्ठित जवाहरलाल नेहरू विश्वविद्यालय (जेएनयू) में शुक्रवार को छात्रसंघ अध्यक्ष पद के लिए मतदान होना है। इस बार भारतीय जनता पार्टी (भाजपा) से संबद्ध अखिल भारतीय विद्यार्थी परिषद (एबीवीपी) और वामदलों के बीच सीधी टक्कर देखने को मिलेगी।

ऑल इंडिया स्टूडेंट फेडरेशन (एआईएसएफ) ने जहां इस बार चुनाव से खुद को अलग कर लिया, वहीं वाम धड़े की स्टूडेंट फेडरेशन ऑफ इंडिया (एसएफआई) और ऑल इंडिया स्टूडेंट्स एसोसिएशन (आईसा) ने संयुक्त रूप से चुनाव लड़ने का फैसला किया है।

जेएनयूएसयू के महासचिव एबीवीपी के सौरभ शर्मा ने इस पर कहा कि वाम दलों को इसलिए साथ आना पड़ा, क्योंकि नौ फरवरी को विश्वविद्यालय परिसर में हुए विवादस्पद विरोध-प्रदर्शन और उसके बाद जेएनयूएसयू के अध्यक्ष कन्हैया कुमार की गिरफ्तारी के बाद विद्यार्थियों का वाम दलों से विश्वास गिर गया है।

शर्मा ने आईएएनएस को बताया, "उन्हें इसलिए हाथ मिलाना पड़ा है, क्योंकि नौ फरवरी की घटना के बाद से वाम दलों की विश्वसनीयता गिर चुकी है। वे पूरे वर्ष कोई काम नहीं करते सिर्फ राजनीति ही करते रहते हैं, यहां-वहां रैलियां करते रहते हैं और विद्यार्थियों की समस्याओं से उनका कोई मतलब नहीं होता।"

दूसरी ओर आईसा की ओर से अध्यक्ष पद के लिए खड़े मोहित पांडेय को पूरा विश्वास है कि वह एबीवीपी को करारी मात देंगे, क्योंकि उनका मानना है कि कांग्रेस से संबद्ध नेशनल स्टूडेंट्स यूनियन ऑफ इंडिया (एनएसयूआई) का कोई आधार ही नहीं है।

मोहित ने कहा, "हम विश्वविद्यालय में लोकतांत्रिक माहौल को पुनस्र्थापित करने के लिए और विकलांग विद्यार्थियों के लिए काम करने के लिए और जीएससीएएसएच के जरिए किन्नर विद्यार्थियों को उनका अधिकार दिलाने के लिए जीत हासिल करेंगे। केंद्र में भाजपा की सरकार होने की वजह से एबीवीपी हमारे मुख्य प्रतिद्वंद्वी है।"

Back to Top