अपने फिल्मी किरदारों को वर्षो जिंदा देखना चाहती हूं : दीपिका
मनोरंजन Sep 21, 2016निवेदिता
नई दिल्ली, 21 सितंबर (आईएएनएस)| जल्द ही हॉलीवुड में फिल्म 'ट्रिपल एक्स : द रिटर्न ऑफ जेंडर केज' से आगाज करने जा रहीं अभिनेत्री दीपिका पादुकोण का कहना है कि वह उन कहानियों का हिस्सा बनना पसंद करती हैं, जिन्हें कई सालों तक याद रखे जाने की उम्मीद हो। 'फोर्ब्स' पत्रिका द्वारा जारी सूची में दीपिका सबसे ज्यादा कमाई करने वाली अभिनेत्रियों में शामिल हो चुकी हैं।
अपनी पहली फिल्म 'ओम शांति ओम' से लोगों का दिल चुरा लेने वाली दीपिका ने लीक से हटकर 'कॉकटेल', 'गोलियों की रास लीला राम-लीला', 'बाजीराव मस्तानी' और 'पीकू' जैसी फिल्मों में काम किया है। फिलहाल वह ब्रिटानिया गुड डे के विज्ञापन में लोगों से मुस्कुराने की अपील करती नजर आ रही हैं।
उन्होंने ई मेल के द्वारा हुए साक्षात्कार में आईएएनएस को मुंबई से बताया कि एक अभिनेत्री के रूप में वह उन बढ़िया पटकथाओं का हिस्सा बनना चाहती हैं, जो कई सालों तक जीवंत रहे।
दीपिका का कहना है कि यह जरूरी नहीं कि सभी फिल्मों का सुखद अंत हो, लेकिन वह अपनी फिल्मों के जरिए समाज पर सकारात्मक असर डालने की कोशिश करती हैं।
दीपिका साल 2007 में फिल्मों में आने से पहले एक सफल मॉडल रही हैं। उन्होंने अपनी बेहतरीन भूमिकाओं के लिए कई पुरस्कार भी जीता है।
हालांकि उनका मानना है कि फिल्म जगत में उनका सफर आसान नहीं रहा है।
उन्होंने कहा, "मुझे लगता है कि यह बहुत रोमांचक सफर रहा। मैं अपने जुनून और सपने को जीने में कामयाब रही। यह निश्चित रूप से आसान नहीं रहा। व्यक्तिगत और पेशेवर रूप से काफी उतार-चढ़ाव भी रहा है, लेकिन जैसा कि मैं हमेशा कहती हूं कि हर अनुभव आपको कुछ सिखाता है। हर फिल्म, हर इंसान से बातचीत, जीवन में सबकुछ आपको कुछ न कुछ सिखाता जरूर है। यह रोमांचक और अद्भुत सफर रहा है। मैं उस व्यवसाय का हिस्सा बनने से सौभाग्यशाली समझती हूं, जिसमें लोगों के जीवन पर प्रभावशाली तरीके से असर डालने की क्षमता है।"
अभिनेत्री ने तनाव से जूझने के अनुभव को लोगों के साथ साझा कर सभी औरतों के लिए एक मिसाल कायम किया। उनका कहना है कि वह नकारात्मक बातों का असर अपने जीवन पर नहीं पड़ने देती हैं। दीपिका का मानना है कि परेशानियां कई बार एक इंसान के तौर पर बेहतर भी बनाती हैं।
दीपिका का कहना है कि उन्होंने कड़ी मेहनत के बलबूते सफलता पाई है। सफलता के लिए ध्यान, समर्पण, प्रतिबद्धता जरूरी होता है। वह अपनी सफलता में परिवार और टीम के लोगों के सहयोग को भी श्रेय देती हैं।