गडकरी को स्मार्ट परिवहन के विकास में अमेरिकी मदद की आस

अंतर्राष्ट्रीय

वाशिंगटन, 11 जुलाई (आईएएनएस)| इंटेलिजेंट ट्रांसपोर्ट सिस्टम (आईटीएस) के विकास के लिए भारत को अमेरिका के मदद की जरूरत है। अब भारत की नीति 'सड़कों के निर्माण' से हटकर 'मूव इन इंडिया' की हो गई है, जिसमें दक्षता में सुधार और ढुलाई पर विशेष जोर दिया गया है।

यह सड़क यातायात, राजमार्ग और शिपिंग मंत्री नितिन गडकरी के एजेंडे में भी था, जब उन्होंने अमेरिका के परिवहन मंत्री एंथोनी फाक्स से यहां सोमवार को मुलाकात की।

उन्होंने राजमार्ग, मैटीरियल, उपकरण, टनल परियोजनाओं, सड़क सुरक्षा पर और प्रशिक्षण संस्था और प्रशिक्षण सिमुलेटर जैसे उपकरणों के लिए अमेरिका से सहयोग मांगा है।

गडकरी के साथ गए एक वरिष्ठ अधिकारी के मुताबिक उन्होंने भारत की सड़कों और राजमार्गो को उन्नत बनाने की योजनाओं के बारे में फाक्स से चर्चा की और भारत द्वारा अपने उत्सर्जन मानकों में साल 2020 तक बीएस चार स्तर से बढ़ाकर बीएस 6 स्तर करने की भी जानकारी दी।

भारत सरकार का मुख्य जोर वाहनों में वैकल्पिक ईंधन को बढ़ावा देना है ताकि सीओटू के उत्सर्जन में कमी आए। गडकरी की अपने अमेरिकी समकक्ष के साथ हुई वार्ता में कारों और भारी वाहनों के लिए ईंधन दक्षता मानदंडों के बारे में भी चर्चा हुई।

गडकरी इसके बाद वाशिंगटन, न्यूयार्क और सैन फ्रांसिस्को में विभिन्न भारतीय-अमेरिकी चैम्बर्स, जेपी मोर्गन, गोल्डमैन सैक्स और अन्य व्यापारिक फोरमों द्वारा आयोजित सम्मेलन में भाग लेंगे।

इस दौरान उम्मीद है कि वे अमेरिकी उद्योगों को भारत में राजमार्ग परियोजनाओं, भारतमाला परियोजना, टनल परियोजनाओं और इंटेलीजेंट ट्रांसपोर्ट सिस्टम (आईटीएस) में ट्रांसफर-ऑपरेट-ट्रांसफर (टीओटी) मॉडल पर निवेश अवसरों के लिए आमंत्रित करेंगे।

गडकरी इसके अलावा नरेंद्र मोदी सरकार द्वारा ऑटोमेटिक रूट से प्रत्यक्ष विदेशी निवेश में दी गई सौ फीसदी छूट के बारे में संभावित निवेशकों को जानकारी देंगे।

इसके अलावा सरकार ने निवेशकों को 5 सालों तक कर में छूट और अगले पांच साल तक 30 फीसदी राहत के अलावा उच्चक्षमता वाले विनिर्माण उपकरणों के शुल्क मुक्त आयात की सुविधा भी दी है।

सोमवार को वे वाशिंगटन के थिंक टैंक अटलांटिक काउंसिल द्वारा आयोजित 'भारत के बुनियादी ढांचे के विकास में एक झरोखा' संगोष्ठी में भी अपनी बात रखेंगे।

Back to Top