मजदूर विरोधी कदमों के खिलाफ 2 सितंबर को बैंकों की हड़ताल

राष्ट्रीय

चेन्नई, 18 अगस्त (आईएएनएस)| करीब 5 लाख बैंककर्मी 2 सितंबर को हड़ताल पर रहेंगे। यह हड़ताल केंद्र सरकार की आर्थिक नीतियों और मजदूर विरोधी श्रम सुधार के खिलाफ की जा रही है। अखिल भारतीय बैंक कर्मचारी संघ (एआईबीईए) ने गुरुवार को यह जानकारी दी। अपने बयान में एआईबीईए ने कहा कि राष्ट्रव्यापी आम हड़ताल का फैसला केंद्रीय मजदूर संगठनों के राष्ट्रीय मजदूर संघ सम्मेलन में लिया गया।

एआईबीईए के महासचिव सी. एच. वेंकटचलम ने बयान जारी कर कहा, "बैलेंस शीट की सफाई के नाम पर बड़े-बड़े फंसे हुए कर्जो को जनता की नजरों के सामने से हटाने के लिए उनका हिसाब-किताब मिटाया जा रहा है। औसतन हर साल 50,000 करोड़ रुपये के बड़े-बड़े कर्जो को रिकार्ड से मिटा दिया जाता है।"

उन्होंने कहा कि सार्वजनिक क्षेत्र के बैंकों का इस आधार पर एकीकरण किया जा रहा है कि वे छोटे हैं, इसलिए व्यवहार्य नहीं हैं। जबकि, दूसरी तरफ निजी क्षेत्र को छोटे बैंक शुरू करने के लाइसेंस बांटे जा रहे हैं।

वेंकटचलम के मुताबिक केंद्र सरकार कानूनों में संशोधन कर कॉरपोरेट को निरंकुश अधिकार दे रही है कि वे कर्मचारियों को जब मन करें तब रखें और जब मन करे तब निकाल दें (हायर एंड फायर), साथ ही मजदूरों को मजदूर संगठन बनाने के अधिकार से भी अलग कर रही है।

इस हड़ताल में सार्वजनिक क्षेत्र के बैंक, निजी बैंक, विदेशी बैंक, क्षेत्रीय ग्रामीण बैंक और सहकारिता बैंक के कर्मी भी शामिल होंगे।

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