रंग भरने वाली किताबें दूर करेंगी तनाव

राष्ट्रीय, फीचर

सौमित्रा घोष   

कौन कहता है कि रंग भरने वाली चित्रों से सजी-धजी किताबें केवल बच्चों के लिए होती हैं, इस मौसम पेंगुइन और एलिफ जैसे प्रकाशन गृहों ने इस मिथक को तोड़ते हुए वयस्कों की नीरस दिनचर्या में रंग भरने की कोशिश की है।

'द मिस्टिकल वर्ल्ड' की लेखिका सुजया बत्रा ने आईएएनएस को ईमेल के जरिए बताया, "हम बहुत ही भाग-दौड़ वाली जिंदगी जी रहे हैं और ऐसे में लगभग हर कोई तनाव के उच्च स्तर का अनुभव करता है। रंगों से भरे हुए इस सरल कार्य के माध्यम से वयस्क अपने बचपन की उस दुनिया में पहुंच जाते हैं, जहां फिक्र नाम की कोई चीज नहीं होती।"

अपनी किताब के बारे में उन्होंने बताया कि यह रंग भरने वाली किताब वयस्कों के लिए है। जो लेबनानी मूल के अमेरिकी लेखक खलील जिब्रान की किताब 'द प्रॉफेट' से प्रेरित और फूलों, चिड़ियों और कई चित्रों पर आधारित है।

सुजया ने बताया, "आज किशोरों से बुजुर्गों तक कई लोग ऐसी किताबें खरीद रहे हैं। युवा वयस्कों में यह तनाव से निपटने के एक तरीके के रूप में प्रचलित है, तो वहीं चिकित्सक बुजुर्गो को हाथों को सक्रिय रखने व एकाग्रता बढ़ाने के लिए इनके इस्तेमाल की सलाह हे रहे हैं। चिकित्सक सभी उम्र के लोगों को तनाव कम करने के लिए रंगों के संपर्क में रहने की सलाह दे रहे हैं।"

पेंगुइन रैंडम हाउस इंडिया के सहयोगी प्रकाशक उदयन मित्रा ने आईएएनएस को बताया, "वयस्कों के लिए रंग भरने वाली किताबें तनाव को कम करने वाली मानी जाती हैं जो हमें ध्यान केंद्रित करने में मदद करती हैं और हमारी रचनात्मकता को एक स्वतंत्रता दिशा देती हैं।"

उन्होंने कहा, "यह किताबें वयस्कों में खुशी, उत्साह और रचनात्मकता का दोबारा संचार करती हैं, साथ ही अधिक सुकून का अनुभव भी कराती हैं।"

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