माकपा ने की सीतू के हत्यारों और संतोष यादव के हमलावरों पर कार्यवाही की मांग

राज्य

रायपुर: 28 जुलाई/ मार्क्सवादी कम्युनिस्ट पार्टी ने बीजापुर जिले के पालनार गांव में सीतू नामक एक आदिवासी की फर्जी मुठभेड़ में हत्या करने तथा पत्रकार संतोष यादव की जेल में पिटाई की कड़ी निंदा करते हुए उच्च न्यायालय के सेवा-निवृत्त न्यायाधीश से जांच की मांग की है.

आज यहां जारी एक बयान में माकपा के राज्य सचिव संजय पराते ने कहा है कि जिस बर्बर तरीके से सीतू की हत्या की गई है, तथा आदिवासियों को प्रताड़ित करने और महिलाओं के साथ यौन-हिंसा की घटनाओं में जिस तरीके से आत्मसमर्पित नक्सलियों की भूमिका सामने आ रही है, उससे स्पष्ट हो जाता है कि सुप्रीम कोर्ट के निर्देश के बावजूद 'सलवा-जुडूम' अभियान जिंदा है और बस्तर बटालियन को गठित करके तथा "अग्नि"-जैसे असामाजिक संगठनों को खड़ा करके इसे आगे बढाने की कोशिश की जा रही है.

उन्होंने कहा कि पत्रकार संतोष यादव की जेल में की गई पिटाई से स्पष्ट है कि ये सभी घटनाएं राज्य व प्रशासन के संरक्षण में हो रही हैं. बस्तर की कार्पोरेट लूट के खिलाफ जो भी पत्रकार सच सामने लाने की कोशिश कर रहे हैं, उन्हें हर तरह से डराने-धमकाने-दबाने की कोशिश की जा रही है.
माकपा नेता ने कहा है कि यह शर्म की बात है कि प्रचार माध्यमों के जरिये मानवाधिकार हनन की ऐसी घटनाओं के लगातार उजागर होने के बाद भी राज्य का मानवधिकार आयोग इसे संज्ञान में लेकर हस्तक्षेप करने के बजाये चुप्पी साधे हुए हैं. इससे राज्य-प्रायोजित आतंकवाद और हिंसा को ही बढ़ावा मिल रहा है. माकपा ने मांग की है कि दोनों घटनाओं पर पीड़ितों की एफआईआर दर्ज की जायें तथा दोषियों के खिलाफ कानून-सम्मत कार्यवाही की जाएं.

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