अलविदा रियो, टोक्यो में मिलेंगे

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रियो डी जनेरियो, 22 अगस्त (आईएएनएस)| ब्राजील के सबसे बड़े महानगर रियो डी जनेरियो में 5 अगस्त को शुरू हुए 31वें ओलम्पिक खेलों का रंगारंग समारोह में समापन हो गया। अंतर्राष्ट्रीय ओलम्पिक समिति (आईओसी) के अध्यक्ष थामस बाक ने स्थानीय समयानुसार रविवार रात 10.30 बजे (भारतीय समयानुसार सोमवार सुबह 7 बजे) माराकाना स्टेडियम में टोक्यो में 2020 में मिलने के वादे के साथ इन खेलों का समापन किया।

परंपरा और आधुनिकता का मिश्रण समेटे यह समापन सामरोह तीन घंटे तक चला, जिसके गवाह माराकाना स्टेडियम में मौजूद 60 हजार लोगों के अलावा पूरे विश्व में अपने टेलीविजन पर इसका लुत्फ उठाने वाले करोड़ों लोग बने।

धीमी बारिश और तेज हवा यहां मौजूद 11 हजार खिलाड़ियों के उत्साह को कम करने में सफल नहीं हो सके। खिलाड़ी ओलम्पिक भावना से ओतप्रोत एक दूसरे से मिल रहे थे और राष्ट्रीय बाधाओं को पीछे छोड़कर एक-दूसरे को विदाई दे रहे थे।

समारोह में तीन हजार वालंटियर और 200 कलाकारों ने हिस्सा लिया। ब्राजीलियाई संगीत की धुनों ने यहां जश्न का माहौल पैदा कर दिया था जिसमें खेलों की समाप्ति का तात्कालिक दुख भी झलक रहा था।

आईओसी के अध्यक्ष बाक ने जब आधिकारिक तौर पर खेलों के समापन की घोषणा की तो माहौल थोड़ा गमगीन भी हो गया। बाक ने विश्व भर के युवाओं से अपील की कि वे 2020 में टोक्यों में होने वाले ओलम्पिक में इकट्ठा हों।

टोक्यो को 2020 ओलम्पिक की मेजबानी दी गई है और उसने अपने प्रधानमंत्री शिंजो अबे के नेतृत्व में 32वें ओलम्पिक खेलों की तैयारियों की अपनी झलक पेश की। बाक ने इस दौरान रियो के मेयर एडवडरे पेस से ओलम्पिक झंडा लेकर टोक्यो गवर्नर यूरीको कोइके को सौंपा।

बाक ने अपने संबोधन में कहा, "मैं 31वें ओलम्पिक खेलों की समाप्ति की घोषणा करता हूं। परंपरा के अनुसार, मैं युवाओं के अनुरोध करता हूं कि वह चार साल बाद टोक्यो में 32वें ओलम्पिक खेलों का जश्न मनाने के लिए एकत्रित हों।"

बाक ने कहा, "हम यहां मेहमान बनकर आए और दोस्त बनकर जा रहे हैं। यह हमारे लिए जीवन भर नहीं भूलने वाला अनुभव रहेगा। दुनिया हमेशा से ब्राजील को एक शानदार मेजबान के तौर पर जानती है, लेकिन रियो ओलम्पिक के बाद यह यकीन में बदल गया है। इस शानदार आयोजन के लिए आपका धन्यवाद रियो। अब मैं 31वें ओलम्पिक खेलों के समापन की घोषणा करता हूं। टोक्यों में मिलने के वादे के साथ।"

इससे पहले ग्रीस के झंडे को लहराने की रस्म निभाई गई। ग्रीस ने 1896 में विश्व के सबसे पहले ओलम्पिक खेलों का आयोजन किया था। यहां ग्रीस के झंड़े को फहरया गया और ओलम्पिक के झंडे को उतारकर रियो के मेयर को दिया गया, जिन्होंने इसे बाक को सौंपा।

बाक ने जब माराकाना में टोक्यो गवर्नर कोइके को झंडा सौंपा तो पूरे स्टेडियम में सन्नाटा पसर गया और माहौल थोड़ा भावपूर्ण हो गया।

ओलम्पिक मशाल को बुझा दिया गया और गायिका मारिने कास्त्रो ने 'पेलो टेम्पो क्वे डुरार' गाया जिसका मतलब है 'वह समय जो हमारे पास बचा है'। साथ ही उन्होंने जीवन और प्रकृति में होने वाले बदलावों के बार में भी बताया।

पिछले 17 दिनों से अपने अंदर इतिहास समेटे और 206 टीमों के मुकाबले की गवाह रही ओलम्पिक मशाल को बुझाने में बारिश ने भी कास्त्रो का साथ दिया।

रियो में बीते 17 दिनों में दुनिया भर के 206 देशों और क्षेत्रों से आए 10 हजार से अधिक एथलीट ने शानदार ओलम्पिक भावना के साथ अपने फन और हुनर का प्रदर्शन करते हुए दुनिया भर के करोड़ों लोगों का मनोरंजन किया।

अब ये खिलाड़ी अपने-अपने हिस्से आए पदकों के साथ वतन वापसी करेंगे और सफलता का जश्न मनाएंगे। जिनके हाथ सफलता नहीं लगी, वे हार का आकलन करेंगे और टोक्यो-2020 में फिर से अपनी श्रेष्ठता साबित करने का प्रयास करेंगे।

अमेरिका ने एक बार फिर ओलम्पिक खेलों में अपनी श्रेष्ठता साबित करते हुए सबसे अधिक 46 स्वर्ण जीते। वह एकमात्र देश रहा, जिसके पदकों की संख्या 100 के पार गई। अमेरिका ने कुल 121 पदक जीते। ब्रिटेन ने 27 स्वर्ण के साथ दूसरा और चीन ने 26 स्वर्ण के साथ तीसरा स्थान हासिल किया।

इस साल का खास आकर्षण शरणार्थी टीम रही, जिसने आईओसी के झंडे तले ओलम्पिक में हिस्सा लिया। पूरी दुनिया ने इस टीम को प्यार दिया और इसी प्यार और सम्मान की बदौलत इस टीम ने एक स्वर्ण और एक कांस्य हासिल किया तथा पदक तालिका में भारत जैसे कई देशों से ऊपर रही।

जहां तक भारत की बात है तो उसने कुल दो पदक जीते। एक रजत और एक कांस्य। रजत महिला बैडमिंटन खिलाड़ी पी.वी. सिंधु ने जीता जबकि कांस्य महिला पहलवान साक्षी मलिक ने हासिल किया। भारत ने लंदन में छह पदक जीते थे। रियो में कुल 78 देशों ने पदक जीते। भारत को इनमें से 67वां स्थान प्राप्त हुआ।

कांस्य पदक जीतने वाली साक्षी ने समापन समारोह में भारत के ध्वजवाहक की भूमिका निभाई।

समापन समारोह की शुरुआत में पांच अगस्त को हुए उद्घाटन समारोह की भी झलक थी जिसमें एक बार फिर सांतोस डुमोंट को याद किया गया। ब्राजील के लोगों का मानना है कि डुमोंट पहले ऐसे शख्स से जिन्होंने अपनी कलाई पर घड़ी बांधी थी। वह हवाईजहाज उड़ाते हुए समय देखना चाहते थे।

रियो के मशहूर पर्यटक स्थलों को भी यहां दर्शाया गया। सुगरलोफ पहाड़, कोरकोवाडो पहाड़ और आर्चेस लापा की कलाकृतियां बनाईं गईं।

टोक्यो ने चार साल बाद होने वाले ओलम्पिक की 12 मिनट की झलकी पेश की और '2020 में टोक्यो में मिलेंगे' वाक्य के साथ समारोह का समापन किया।

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