महाकाल की नगरी में आनन्द की वर्षा, वनवासी कल्याण परिषद के सम्मेलन में मुख्यमंत्री

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भोपाल : 2 मई/ मुख्यमंत्री श्री शिवराज सिंह चौहान ने आज उज्जैन में वनवासी कल्याण परिषद के सम्मेलन में कहा कि सिंहस्थ के दौरान महाकाल की नगरी में अदभुत आनन्द की वर्षा हो रही है। यहाँ संत-महंत, साधक-सिद्ध, तपस्वी सहित समाज के विभिन्न वर्ग के लोग विराजमान हैं। सिंहस्थ का नजारा अदभुत संसार जैसा दृष्टिगोचर हो रहा है। इस मौके पर परिवहन एवं जिले के प्रभारी मंत्री श्री भूपेन्द्र सिंह, सांसद श्री नन्द कुमार सिंह चौहान, विधायक डॉ. मोहन यादव तथा राष्ट्रीय आयामों के प्रमुख श्री अरविंद मेनन एवं श्री अजय प्रताप सिंह सहित बड़ी संख्या में नागरिक उपस्थित थे।

मुख्यमंत्री ने बताया कि 14 मई को प्रधानमंत्री श्री नरेन्द्र मोदी महाकाल की नगरी उज्जैन में आयेंगे और यहॉं से अदभुत भारत की छटा का संदेश देंगे। उन्होंने लंका में अग्नि-परीक्षा देने वाली सीता मैय्या के सम्मान में श्रीलंका में लगभग 15 करोड़ रुपये लागत का भव्य मंदिर बनाने की बात कही।

मुख्यमंत्री श्री चौहान ने कहा कि चार वर्ष पहले संकल्प लिया था कि नर्मदा एवं क्षिप्रा मैय्या दोनों बहनों को मिलाकर उसके पानी से स्नान करेंगे, जो आज पूरा हो चुका है। यहॉं विभिन्न अखाड़ों के संत विराजमान हैं। पंचक्रोशी यात्रा में श्रद्धालु चादर एवं बिछाने की दरी लेकर मौन साधक की तरह जा रहे हैं। कहॉं मिलेगा ऐसा अदभुत संसार। महाकाल की नगरी में श्रद्धा एवं मोक्ष मिलता है, यही असली भारत है।

मुख्यमंत्री ने कहा कि अनेक कल्याणकारी योजनाएँ गरीबों के कल्याण एवं उनके जीवन-स्तर को ऊँचा उठाने के लिए बनायी गई हैं। जरूरत है हम सब मिलकर उन तक पहुँचायें। उन्होंने कहा कि सिंहस्थ को अनुशासन एवं व्यवस्था से गरिमामय बनाया जाये।

श्री चौहान ने कहा कि सिंहस्थ महापर्व में श्रीलंका, नेपाल के प्रधानमंत्री सहित 68 देश के श्रद्धालु पहुँचेंगे। वे उज्जैन से भारत की संस्कृति, कला, धर्म को समेटे हुए साथ ले जायें और भारत का नाम रोशन करें, इस दिशा में हम सब को मिलकर प्रयास करना है। मुख्यमंत्री ने कहा कि जलवायु परिवर्तन के साथ-साथ मानव-कल्याण, कृषि को लाभ का धन्धा बनाने, लघु उद्योगों की स्थापना और महिला सशक्तिकरण की दिशा में विशेष पहल की गई है, जिसके सार्थक परिणाम सामने आए हैं।

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