न्याय ना मिलने से निराश दलित महिला न दी जल समाधि की चेतावनी
राज्य Sep 12, 2016भोपाल : 5 सितंबर/ पुरे देश में दलित उत्पीडन का मामला कहीं से शान्त होता नहीं दिख रहा है । अब नया दलित उत्पीडन का मामला मध्य प्रदेश के बालाघाट जिले से है । लता बोरकर एक दलित समाज के महार जाती की महिला है । लता बोरकर अपने गावं चंगोर के ही आंगनवाड़ी केंद्र में बच्चों के लिए पोषण आहार बनाने का काम किया करती थी । दलित महिला ने अपने उत्पीडन की शिकायत मुख्यमंत्री को पत्र लिखकर किया तथा न्याय न मिलने से निराश होकर 17 सितंबर 2016 को भोपाल के बड़े तालाब में जल समाधि लेने की चेतावनी दी ।
महिला के अनुसार इसी गावं के दबंग लोगों ने मिलकर उसके पति की हत्या 30 अप्रैल 2016 को कर दी तथा इस मामले को एक्सीडेंट बना दिया । अभी दलित महिला अपने पति के हत्या के सदमे से बाहर नहीं आ पाई थी की तथाकथित सवर्ण दबंग द्वारा जिला महिला बाल विकास एवं परियोजना अधिकारी पर दबाव बनाकर 24 मई 2016 को आंगनवाड़ी केंद्र से ये कह कर निकाल दिया गया की इस दलित के हाथ से बना हुआ पोषण आहार गावँ के बच्चे नहीं खा सकते ।
राष्ट्रीय अपराध अनुसंधान व्यूरो के आंकड़े के हिसाब से देखा जाए तो म० प्र० में दलित के प्रति सरकार के रवैये पर सवाल खड़ा होता है । वहीं विरोधी पार्टी भी लगातार सरकार के द्वारा दलित उत्पीडन के प्रति किए गए वादे की ढकोसला बताती रही है ।
जो हमारा सामाजिक ढांचा है क्या इस सामाजिक ढांचा के अन्दर लता को न्याय मिल पायेगा और कहीं न कहीं लता का सवाल भी यही है, जो सामाजिक ढांचा हमारे पास वर्तमान में मौजूद है उसका नजरिया दलितों के प्रति उत्थान का है या दलितों को और दलित बनाने का है ।
लता बोरकर ने मुख्यमंत्री को पत्र लिख कर अपनी व्यथा सुनाई तथा न्याय ना मिलने से निराश होकर 17 सितंबर 2016 को भोपाल के बड़े तालाब में जल समाधि लेने की चेतावनी दी है ।