मप्र में गरीबों के बने सिर्फ 5 फीसदी मकान

राज्य

संदीप पौराणिक
भोपाल :11 सितंबर/ देश के प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी वर्ष 2022 तक हर परिवार को मकान मालिक (घर) बनाने का ऐलान कर चुके हैं, इसी तरह के वादे मध्य प्रदेश की सरकार भी करती है और मुख्यमंत्री शिवराज सिहं चौहान आगामी दो वर्षो में आठ लाख गरीबों को मकान बनाकर देने का ऐलान कर चुके हैं, मगर राज्य में बीते वर्षो में गरीबों को मकान बनाकर देने के लिए हुए प्रयासों की हकीकत वादों से इतर है, क्योंकि राज्य में लक्ष्य के मुकाबले बीते वर्ष में सिर्फ पांच फीसदी मकान ही बने हैं।

देश में ग्रामीण इलाकों में गरीब परिवारों को प्रधानमंत्री आवास योजना- ग्रामीण ( इंदिरा आवास योजना) के तहत वर्ष 2015-16 में 20 लाख 79146 मकान बनाने का लक्ष्य रखा गया था, मगर बने 15 लाख 84230 मकान। इस तरह बीते वर्ष लगभग 25 फीसदी मकान अर्थात पांच लाख मकान लक्ष्य से कम बने है। यह खुलासा हुआ है सूचना के अधिकार के तहत केंद्रीय ग्रामीण विकास मंत्रालय द्वारा प्रधानमंत्री आवास योजना (ग्रामीण) के जरिए बनाए जा रहे मकानों के ब्यौरे से।

मध्यप्रदेश के नीमच निवासी चंद्रशेखर गौड़ ने जानना चाहा था कि इंदिरा आवास योजना जिसे अब देश में प्रधानमंत्री आवास योजना (पीएमएवाई-जी) के नाम से जाना जाने लगा है, के तहत ग्रामीण इलाकों में गरीबों के लिए कितने आवास बीते तीन वर्षो में बनाए गए हैं। इस पर राज्यवार जो ब्यौरा आया है, वह हकीकत बयां करने वाला है।

केंद्रीय अवर सचिव और केंद्रीय लोक सूचना अधिकारी पी.के. सिंह ने गौड़ को जो जवाब भेजा है, वह बताता है कि मध्यप्रदेश में वर्ष 2015-16 में 97 हजार 109 मकान बनाने का लक्ष्य रखा गया था, मगर बने सिर्फ 5261 मकान। इस तरह लक्ष्य के मुकाबले महज पांच प्रतिशत मकान ही बने है। इसके अलावा दो अन्य वर्षो में भी लक्ष्य को हासिल नहीं किया जा सका था।

वर्ष 2013-14 में लक्ष्य एक लाख 12936 मकान बनाने का था मगर बने थे 47391, वर्ष 2014-15 में लक्ष्य एक लाख 15186 के मुकाबले 45465 मकान ही बन सके थे।

एक तरफ केंद्र सरकार से मिलने वाली सहायता से तय लक्ष्य के मुकाबले आवास नहीं बन पा रहे हैं, वहीं दूसरी ओर राज्य के मुख्यमंत्री चौहान ने हर परिवार को छत देने का ऐलान करने में नहीं हिचक रहे हैं। उन्होंने शुक्रवार को इस बात का ऐलान किया है कि उनकी सरकार हर गरीबों को मकान देगी, राज्य की धरती पर जन्म लेने वाले हर व्यक्ति का स्वयं का मकान होगा, इसकी चिंता सरकार करेगी, इसीलिए प्रदेश में आगामी दो वर्ष में गरीबों के आठ लाख मकान बनाए जाएंगे।

सूचना के अधिकार में जो जवाब आया है, वह बताता है कि देश में उड़ीसा, बिहार, गुजरात, कर्नाटक और तेलंगाना ऐसे राज्य हैं, जिन्होंने तय लक्ष्य से ज्यादा मकान बनाकर गरीबों को दिए हैं। वहीं गोवा, पंजाब, अंडमान निकावार और दादर हवेली ऐसे राज्य हैं, जहां गरीबों के लिए एक मकान भी नहीं बनाया गया है। इसके अलावा अरुणाचल प्रदेश ऐसा है जहां सिर्फ एक मकान ही बना है।

इंदिरा आवास योजना जिसे अब प्रधानमंत्री आवास योजना-ग्रामीण कहा जाता है, उसके तहत 60 प्रतिशत आवास अनुसूचित जाति, जनजाति, 15 प्रतिशत अल्पसंख्यकों और तीन प्रतिशत विकलांगों के लिए आरक्षित होते हैं। इस येाजना को राज्य सरकारों को अमल में लाना होता है।

सूचना के अधिकार के तहत चाही गई जानकारी में आगे बताया गया है कि केंद्र सरकार ने 23 मार्च 2016 में एक करोड़ आवास बनाने का फैसला लिया है। आगामी दो वर्षो के लिए केंद्र सरकार ने गरीबों के आवास के लिए 81 हजार 975 करोड़ रुपये मंजूर भी किए हैं।

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