बराव में अब भी कैद हैं 400 से ज्यादा लड़कियां

राष्ट्रीय, आधी दुनिया

अजीत कुमार शर्मा

बालोद (छत्तीसगढ़), 12 जुलाई (आईएएनएस)| इलाहाबाद के बराव से मानव तस्करों के चंगुल से छुड़ाकर यहां लाई गईं लड़कियों ने कई खुलासे किए हैं। बराव में देश के विभिन्न क्षेत्रों सहित कई देशों की चार सौ से अधिक लड़कियां मानव तस्करों के चंगुल में हैं।

खुलासा हुआ है कि तस्करों का मुख्य अड्डा बराव ही है। सरगना शेरू सहित ज्यादातर लोग यहीं के रहने वाले हैं।

बालोद के पुलिस अधीक्षक शेख आरिफ हुसैन ने कहा कि बराव में एक संवेदनशील 'रेड लाइट' एरिया है, जहां सरगना शेरू की बहुत पहुंच है। हमने राज्य के सभी 14 लड़कियों को इसके चंगुल से बाहर तो निकाल लिया है, लेकिन अभी उनके पास अन्य राज्यों के चार सौ से अधिक लड़किया हैं, जिन्हें शेरू ने रेड लाइट एरिया में लाकर देह व्यापार के धंधे में उतार दिया है।

उन्होंने बताया कि छुड़ाई गईं लड़कियों से शेरू के कारोबार के बारे में कॉल डिटेल खंगाले जा जा रहे हैं। उसकी गिरफ्तारी भी करनी है। इस दौरान कोशिश रहेगी कि अन्य राज्यों की लड़कियों को भी सही सलामत ले आएं।

बालोद पुलिस ने राज्य की 14 लड़कियों को बिकने से बचा लिया है। मानव तस्करी के बड़े मामले का खुलासा राज्य में हुआ है। दो दिन पहले इलाहाबाद के बराव से छुड़ाकर लाई गईं छह लड़कियों को रविवार रात एसपी के दफ्तर में उनके परिजनों से मिलवाया गया।

बरामद की गई लड़कियों से शेरू के ठिकाने व उसके कारोबार के बारे में विस्तृत जानकारी जुटाई जा रही है। एसपी हुसैन ने लड़कियों से पूछताछ की, जिसमे कई बड़े खुलासे हुए हैं।

बताया गया कि देशभर के विभिन्न राज्यों के साथ पड़ोसी देश नेपाल की लड़कियां भी बराव में हैं। बराव के जिस इलाके से इन 6 लड़कियों को बरामद किया गया, वह असल में एक रेड लाइट एरिया था। वहां मुख्य सरगना ने मासूम बच्चियों को जिस्म के कारोबार में उतार दिया था। बराव से किसी दूसरे राज्य में बिकने से पहले ही बालोद पुलिस ने वहां रेड मारी और छह लड़कियों को छुड़ा लिया गया।

लड़कियों ने बताया कि गिरोह द्वारा आर्केस्ट्रा व अन्य डांस में ले जाना तो एक बहाना था। इनका मुख्य कारोबार देह व्यापार ही है। इस धंधे में लड़कियों को ये एक-एक कर झोंकते हैं। पहले लड़कियों को दिखावे के लिए रात एक से पांच बजे के बीच विभिन्न आयोजनों में डांस कराने ले जाते हैं। इसके बाद वहां डांस देखने आने वाले अय्याश लड़के उनका सौदा किया करते थे।

पता चला है कि गिरोह के लोगों द्वारा कम पढ़ी लिखी और डांस की शौकीन लड़कियों को बहला-फुसलाकर अपने साथ ले जाते थे।

बराव शेरू का प्रमुख अड्डा है। वह वहीं का निवासी है। इसलिए वहां के स्थानीय पुलिस वालों से उसके अच्छे संबंध हैं। पुलिस वालों का वह उनका हफ्ता उनके खाते में डलवाता है।

रेड लाइट एरिया में कई छह महीने पहले लाई गईं लड़कियां हैं तो कई एक-दो महीने लाई गईं लड़कियां। पहले से लाई गईं कई लड़कियां जिस्म के कारोबार में धकेले जाने के बाद गर्भवती भी हैं। कुछ लड़कियों के छोटे छोटे बच्चे भी हैं, जो अब बच्चों के खातिर उस दलदल से निकल नहीं पा रही हैं और घुटघुट कर जीवन जी रही हैं।

अड्डे में कुछ लड़कियां ऐसी भी हैं, जिनके गलत कार्यो के बारे में जानने के बाद उनके परिजन भी उनसे रिश्ता तोड़ दिए हैं और उनसे कोई संपर्क नहीं रखते। अब उन लड़कियों के लिए यह अड्डा ही घर बना चुका है।

बालोद पुलिस के अथक प्रयास से राज्य की 13 लड़कियों को रेड लाइट इलाके में नीलाम होने से बचा लिया गया है। बालोद पुलिस ने विशेष प्रयास करके जहां पूर्व में सरगना शेरू पर दबाव बनाया, जिसके बाद उसने राज्य की सात लड़कियों को ट्रेन में वापस भेजा और अब दूसरी बार टीम ने उसके अड्डे पर रेड मारकर छह लड़कियों को सही सलामत छुड़ा लिया है।

मानव तस्करी के इस मामले में सबसे ज्यादा शिकार राज्य के जांजगीर चांपा जिले की लड़कियां हुई हैं। यहां की आठ लड़कियों को गिरोह के चंगुल से छुड़ाया गया है। वहीं कोरबा की तीन, बालोद की दो, बलौदाबाजार की एक लड़की शामिल है।

पुलिस टीम ने बालोद की एक लड़की को चंगुल से छुड़ाया था और एक लड़की स्वयं उस गिरोह से बचकर भाग आई थी। उसी के जरिये पुलिस को गिरोह तक पहुंचने के कई सुराग मिले थे।

इलाहाबाद उत्तरी भारत क्षेत्र में है। जाहिर है, गिरोह ने उत्तर प्रदेश राज्य व इसके आसपास के राज्यों की गरीब लड़कियों को ही शिकार बनाया है। ज्यादातर इस अड्डे में उतराखंड, बिहार, उतरांचल, भोपाल, नेपाल, पुणे, आगरा, दिल्ली सहित अन्य राज्य से लाई गई लड़कियां रखी गई हैं। इन्हें एक एक कर नीलाम किया जाता है।

जानकारी के मुताबिक, पुरानी होने के बाद लड़कियों को हमेशा के लिए रेड लाइट एरिया में धकेल दिया जाता है। वहीं नई व नाबालिग लड़कियों को पहले कई ग्राहकों के पास भेजा जाता है। रातों के लिए उनके दाम अलग से लगाए जाते हैं।

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