" गरीब नवाज " के मंचन से शब्द, ध्वनि और दृश्य का आगाज

राज्य, साहित्य

भोपाल : 16 सितंबर/ संतोष चौबे द्वारा रचित और राष्ट्रिय नाट्य विद्यालय के पूर्व निदेशक देवेन्द्र राज अंकुर द्वारा निर्देशित " गरीब नवाज " की कहानी ऐसे उद्यमी विश्व्नाथ की कहानी है । जिसने देश में पढ़ने के बाद अपने करियर की शुरुआत अमेरिका की बड़ी कंपनी में की । घर बसने के बाद उसे महसूस होता है की उसके बच्चे की अच्छी परवरिश और अच्छे संस्कार तो केवल भारत में ही मिल सकता है । विश्व्नाथ के देश वापसी की एक और वजह उसका शाकाहारी होना है, अमेरिका का खान-पान उसके लिए विश्वास करने योग्य नहीं था । वह देश लौट जाता है पर यहाँ वह एक समस्या से परेशान हो जाता है, उसके ऑफिस के सामने ही गरीब नवाज चिकेन शॉप खुल जाती है । जिससे वह परेशान हो जाता है, अब रोज-रोज चिकेन कटते देखना विश्व्नाथ के लिए काफी मुश्किल भरा हो जाता है पूरी कहानी बजारवाद और नई सामजिक राजनैतिक द्वंद्व को उजागर करती है ।

शुक्रवार की शाम रविन्द्र भवन सभागार में संभव नाट्य समूह नई दिल्ली के कलाकारों द्वारा संतोष चौबे की कहानी गरीब नवाज के मंचन से कॉरपोरेट वर्ल्ड को चकाचौंध के बीच रहने वाले लोगों की मानसिकता के पिछड़ेपन, बाजारवाद और नए सामाजिक राजनैतिक द्वंद्व तथा कॉरपोरेट कल्चर के अन्य उधड़े पहलुओं से दर्शकों को वाकिफ कराया ।

इस मौके पर राष्ट्रीय नाट्य विद्यालय के पूर्व निदेशक देवेन्द्र राज अंकुर कवि, कथाकार संतोष चौबे द्वारा वनमाली सृजनपीठ की बहुप्रशंसित सांस्कृतिक पत्रिका " रंग संवाद " के नए अंक का विमोचन भी किया गया । पत्रिका के संपादक विनय उपध्याय ने इस अवसर पर बताया की " रंग संवाद " के इस तजा संस्करण में मरहूम रजा, हबीब तनवीर, सुलभ देशपांडे इत्यादि जैसे फन और अदब की मकबूल सख्शियतों की यादों से गुलजार है ।


समारोह के दूसरे दिन 17 सितंबर शाम 6:30 बजे संतोष चौबे की कहानियों के उर्दू अनुवाद " नौ बिंदुओं का खेल " का लोकार्पण होगा । अनुवादक शहनावाज खान सहित इकबाल मसूद, श्याम मुंशी और नुसरत मेहंदी शिरकत करेंगे । 20 सितंबर स्वराज भवन में शाम 6:30 बजे चौबे के उपन्यास " क्या पता कामरेड मोहन " तथा स्वयं प्रकाश के उपन्यास " बिच में विनय " के मलयालम अनुवाद का लोकार्पण होगा । महेन्द्र गगन और बलराम गुमस्ता कविता तथा मुकेश वर्मा और संतोष चौबे कहानी पाठ करेंगे । शाम 22 सितंबर 6:30 बजे रविन्द्र भवन में मनोज नायर के निर्देशन में चौबे की कविताओं का मंचन होगा ।

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