मुख्यमंत्री जी, कश्मीरी छात्रों पर हमला करने वालों पर कार्यवाही की अपेक्षा में !!

राज्य

(भोापाल में कश्मीरी छात्रों पर हुए हमले को लेकर मार्क्सवादी कम्युनिस्ट पार्टी के राज्य सचिव बादल सरोज ने मध्यप्रदेश के मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान को पत्र लिखा है. इस पत्र को बिना सम्पादित किये प्रकाशित किया जा रहा है ताकि पाठक विस्तार से इसे पढ़ सकें।)

प्रिय श्री शिवराज जी
प्रणाम


● हिन्दुस्तान टाइम्स में प्रकाशित सुश्री श्रुति तोमर की रिपोर्ट की लिंक संलग्न है, जो कुछ कथित बजरंगदलियों द्वारा कश्मीरी छात्रों पर किये गये कायराना हमले और बरकतउल्ला विश्वविद्यालय के कुलपति के उतने ही अफसोसनाक, अपराधी संरक्षक आचरण की दुःखद और चिंतित करने वाली जानकारी सार्वजनिक करती है ।

● मान्यवर मुख्यमंत्री जी, जिन कश्मीरी विद्यार्थियों पर हमला किया गया है वे इस देश के उतने ही पक्के नागरिक हैं, जितने हम और आप - बंटवारे के समय चुने गए उनके विकल्प को स्मरण में रखें तो संभवतः हमसे भी अधिक । उनके साथ की गयी यह गुण्डई , मात्र एक सामान्य अपराध भर नहीं है अपितु यह देशतोड़क मनुष्यता विरोधी कलुषित विचारधारा से प्रदूषित मानस वाले आततायियों का भारतीय एकता और उसकी संविधानसम्मत अवधारणा पर किया गया जघन्य हमला है । इस नाते और भारतीय संविधान को लागू करने की शपथ लेकर इस जिम्मेदार पद पर बैठने के नाते भी यह घटना आपके निजी हस्तक्षेप की आवश्यकता प्रस्तुत करती है ।

● शिवराज जी, अपनी यात्रा के बीच कल कहीं हमने भारत के गृहमंत्री श्री राजनाथ सिंह जी का बयान सुना, जिसमे उन्होंने जोर देकर दोहराया है कि "कश्मीर के युवाओं की देशभक्ति पर कतई संदेह नहीं किया जा सकता ।" हालांकि इस देश के किसी भी स्थायी और स्वाभाविक नागरिक को आती जाती वक़्ती सरकारों से इस प्रकार के प्रमाणपत्रों के नियमित नवीनीकरण की जरूरत नहीं होती, फिर भी वर्तमान प्रसंग में मध्यप्रदेश शासन को इस वक्तव्य की रौशनी में भी उपर्वर्णित गुंडागर्दी को देखना समझना चाहिए । इस नाते भी यह हमला ऐसी उदाहरणीय कार्यवाही की आवश्यकता प्रदर्शित करता है, जो माननीय गृहमंत्री जी की मंशा को मनसा-वाचा-कर्मणा अम्ल में लासके, राष्ट्रीय अखण्डता के साथ छेड़छाड़ करने वाले तत्वों को कड़ा सबक सिखा सके ।

● मान्यवर, यूं इस बात का कोई ख़ास महत्त्व नहीं है, फिर भी सिर्फ याद दिलाने के लिए लिखना सामयिक होगा कि जिस प्रदेश, जम्मू और कश्मीर के भोपाल में पढ़ रहे छात्रो पर हमला किया गया है, उस प्रदेश में भी उसी राजनीतिक दल की सरकार है, जो इस प्रदेश में आपके मुख्यमंत्रित्व में सत्तासीन है । हमे लगता है कि आप इस लिहाज से भी हमलावरों तथा कुलपति के आचरणों की विसंगति की विद्रूपता को ध्यान में लेंगे ।

● मुख्यमंत्री जी, यदि राजधानी में इस तरह की घटनाएं घटती हैं और उन पर कोई कार्यवाही नहीं होती तो यह सचमुच में चिंता और बेचैनी की बात है । खासतौर से तब और जब यह प्रमाणित होजाता है कि ऐसा किसी भूतप्रेत ने नहीं किया । बल्कि जिन्होंने किया है हमलावर बाकायदा उसका जिम्मा भी ले रहे हैं । ठीक वैसे जैसे इन दिनों मनुष्यता पर बर्बर हमलो के बाद लेने का रिवाज़ सा चल निकला है। ऐसा लगता है कि इन तत्वों को न आपके मुख्यमंत्रित्व वाली सरकार की कोई परवाह है, न क़ानून का भय । यह वाकई में एक अवज्ञापूर्ण मनोरोगिता है जो समाज में भय व्याप्त करना चाहती है । इनके विरुद्द कार्यवाही न करना विषैले विषधरों की बांबी को खुला छोड़ देने जैसा होगा ।

● अंत में यह कि इस हमले ने मध्यप्रदेश की उस महान शैक्षणिक विरासत को कलुषित किया है जिसमे काश्मीर से आये कालिदास से लेकर कोने कोने से आये धन्वन्तरि, आर्यभट्ट, वराहमिहिर, तानसेन और न जाने किन किन का नाम जुड़ा है । जिसके खाते में भारत और विश्व के ऐसे अनेक मनीषियों को शिक्षित करने का योगदान जुड़ा है जिन्होंने अपने ज्ञान से विश्व की बौद्दिक सम्पदा को समृद्ध किया ।

हमे यकीन है कि आपके निजी हस्तक्षेप के बाद हमलावरों को समुचित धाराओं के तहत क़ानून के समक्ष प्रस्तुत किया जाएगा । उन्हें कड़ी सजा मिलेगी । बरकतउल्ला विवि के कुलपति की अक्षमता और अपराधीपरस्ती का संज्ञान लिया जाएगा और इसके लिए उनके विरुद्ध समुचित कार्यवाही की जायेगी ।

इस विश्वास के साथ की गयी कार्यवाही के बारे में आप हम सहित पूरी जनता को अवगत करायेंगे, शुभकामनाओ एवं अग्रिम धन्यवाद सहित -
आपका
बादल सरोज
राज्य सचिव सीपीआई(एम) मध्यप्रदेश

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