बहुत बड़ा फैन बेस तैयार कर रहा है स्टार स्पोर्ट्स प्रो कबड्डी लीग

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जयंत के. सिंह  पटना, 10 जुलाई (आईएएनएस)| कबड्डी किसी परिचय का मोहताज नहीं और न ही यह बताने की जरूरत है कि यह कितना रोमांचक खेल है। हां, यह जरूर जानने की जरूरत है कि दुनिया के सबसे प्राचीनतम खेलों में से एक इस खेल को पेशेवर स्वरूप मिलने के बाद क्या-क्या बदलाव आए।

बात नियमों की नहीं। बात खिलाड़ियों और इस खेल की लोकप्रियता में इजाफे की हो रही है। अभी स्टार स्पोर्ट्स प्रो कबड्डी लीग का चौथा सीजन चल रहा है। इसकी लोकप्रियता चरम पर है।

आने वाले दिनों में हो सकता है कि एक साल में दो लीग खेले जाएं। कारण, बस एक ही है और वह है इस खेल का बढ़ता फैन बेस और इसी से प्रेरित होकर आयोजक अब साल में एक नहीं बल्कि दो बार इस लीग को कराने का मन बना रहे हैं।

लीग के चौथे सीजन के चौथे चरण में पटना में कबड्डी का रोमांच जारी है। बिहार की राजधानी में वैसे तो कई खेल आयोजन होते रहे हैं लेकिन बीते चार साल से प्रो कबड्डी यहां का सबसे लोकप्रिय खेल आयोजन बना हुआ है और यहां स्थानीय टीम के लिए एक बहुत बड़ा फैन बेस तैयार हो रहा है।

पटना ही नहीं बल्कि जितने भी आयोजन स्थल हैं, वहां फैन बेस तैयार हो रह हैं और किसी भी लीग की सफलता के सिलए फैन बेस को होना अनिवार्य है। इंडियन प्रीमियर लीग का अपना फैन बेस है और इसी लिए वह सफल है।

विदेशो में फुटबाल, बास्केटबाल, रग्बी और यहां तक की क्रिकेट का अपना फैन बेस है और इसी कारण यूरोप तथा दुनिया के अन्य हिस्सों में ये खेल लीग और राष्ट्रीय स्तर पर इतने पसंद किए जाते हैं।

प्रो कबड्डी ने चार सीजन के बाद अपनी सभी फ्रेंचाइजी टीमों के लिए एक बहुत बड़ा फैन बेस तैयार किया है। इसका असर पटना मे खासतौर पर देखा जा सकता है क्योंकि अपनी टीम के लिए यहां के लोगो के मन में बहुत सम्मान है।

वे हमेशा अपनी टीम को जीतते देखना चाहते हैं और बड़ी संख्या में मैचों का लुत्फ लेते हैं। यहां तक की बीते सीजन में अगर कोई खिलाड़ी उनके लिए स्टार रहा है और वह मौजूदा सीजन में किसी और टीम का हिस्सा बन गया हो तो भी वह उसकी हौसलाअफजाई का मौका नहीं चूकते।

हवाई अड्डे से लेकर स्टेडियम तक और हर उस जगह तक जहां-जहां खिलाड़ी जाते हैं, कबड्डी प्रेमी सेल्फी के लिए ललायित रहते हैं। खिलाड़ियों को भी अब यह सब अच्छा लगने लगा है। पैसे भी आ रहे हैं और लोग पहचानने भी लगे हैं, किसी खिलाड़ी को भला इससे अधिक और क्या चाहिए।

पटना पाईरेट्स के लिए बीते सीजन में खेलने वाले और इस सीजन में बेंगलुरू बुल्स के लिए खेल रहे रोहित कुमार इसका प्रमाण हैं। रोहित ने अपने शानदार खेल की बदौलत पटना को बीते सीजन में चैम्पियन बनाया था और आज अलम यह है कि बेंगलुरू के लिए खेल रहे होने के बाद भी उन्हें पटना में दर्शकों का सबसे अधिक समर्थन मिल रहा है।

दिल्ली के इंदिरा गांधी अंतराष्ट्रीय हवाई अड्डे पर बोर्ड्रिग के लिए जाते दिल्ली दबंग टीम के खिलाड़ियों से वहां मौजूद सुरक्षाकर्मी कहते हैं कि-अच्छे से खेलिएगा और दिल्ली का मान रखिएगा। इसी से प्रेरित होकर दिल्ली की टीम पटना में पाइरेट्स को हराकर बड़ा उलटफेर करती है और उसका पांच मैचों से चला आ रहा विजयी अभियान समाप्त करती है।

इसमें कोई शक नहीं कि दिल्ली के दबंगो ने उस दिन अच्छा खेलते हुए पटना को हराया लेकिन कहीं न कहीं इन खिलाड़ियों के मन में होगा कि समर्थक जो चाहते हैं वैसे करके दिखाया जाए। उन्हें यह भी पता था कि बेंगलुरू में जयपुर से बुरी तरह हारने के बाद उनके लिए यह जीत बहुत जरूरी है।

पटना हो या दिल्ली या फिर मुम्बई हो या बेंगलुरू, कबड्डी के फैन बेस में इजाफा हो रहा है, इसमें कोई शक नहीं। आज यू मुम्बा टीम के कप्तान अनूप कुमार को सब पहचानते हैं। वह आज का सुपरस्टार है। पहले अनूप का नाम सुर्खियों में तभी आता था, जब भारत एशियाई खेलों या राष्ट्रमंडल खेलों में कबडडी का स्वर्ण जीतता था लेकिन अब तो यह हर दिन की बात हो गई है।

खुद खिलाड़ी बार-बार अपनी जिंदगी में आए इस बदलाव के लिए स्टार स्पोर्ट्स और महासंघ को धन्यवाद देते हैं। पटना के कप्तान धर्मराज चेरालथन की उम्र 41 साल है और वह 20 साल से कबड्डी खेल रहे हैं। इस लीग के कारण कबड्डी के रूप और रंग तथा लोकप्रियता में जो बदवाल आया है, उससे प्रेरित होकर धर्मराज आज भी खुद को फिट रखने पर मजबूर हैं और कोर्ट पर ऐसे उतरते हैं, जैसे वह 20 साल के युवा हों।

इस लीग ने खिलाड़ियों को फिट रहने को बाध्य किया है, जो राष्ट्रीय स्तर पर भारत के लिए अच्छा है और साथ ही साथ आज भारत के पास मजबूत बेंच स्ट्रेंथ है, जो की भी देश के लिए खेलने को तैयार है क्योंकि इस लीग के अंतर्राष्ट्रीय स्वरूप ने खिलाड़ियों को काफी प्रतिस्पर्धी बना दिया है।

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