पाकिस्तान आतंकवाद फैला रहा : मोदी

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गौरव शर्मा

हांगझू, 5 सितम्बर (आईएएनएस)। प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने सोमवार को जी-20 के सदस्य देशों को बताया कि पाकिस्तान किस तरह दक्षिण एशिया में आतंकवाद फैला रहा है और आतंकवाद को राज्य की नीति के एक औजार के रूप में इस्तेमाल कर रहा है।

मोदी ने इसके साथ ही यहां ब्रिटेन, अर्जेटीना और तुर्की के नेताओं से मुलाकात की।

मोदी ने जी-20 के नेताओं को संबोधित करते हुए उनसे आग्रह किया कि आतंकवाद के समर्थकों को अलग-थलग किया जाए और उनपर प्रतिबंध लगाया जाए।

भारत ने दो दिवसीय जी-20 शिखर सम्मेलन के विभिन्न सत्रों में आतंकवाद के मुद्दे को उठाया है।

मोदी ने चीन के राष्ट्रपति शी जिनपिंग से कहा कि आतंकवाद की समस्या किस तरह क्षेत्र को कुप्रभावित कर रही है।

मोदी ने पाकिस्तान का नाम लिए बगैर कहा, "कुछ ऐसे देश हैं, जो इसे राज्य की नीति के एक औजार के रूप में इस्तेमाल करते हैं। दक्षिण एशिया में एक मात्र देश हमारे क्षेत्र में आतंकी एजेंटों को फैला रहा है।"

पाकिस्तान के साथ भारत के संबंध उस समय अधिक बिगड़ गए, जब उसने जम्मू एवं कश्मीर में सुरक्षा बलों के साथ मुठभेड़ में मारे गए आतंकवादी बुरहान वानी को शहीद घोषित कर दिया।

मोदी ने जी-20 के अंतिम सत्र में कहा, "हमारे लिए कोई आतंकवादी, सिर्फ आतंकवादी है।"

प्रधानमंत्री ने कहा कि हिंसा और आतंक की पनपती ताकतों ने एक बुनियादी चुनौती खड़ी कर दी है। मोदी ने अंतर्राष्ट्रीय समुदाय से आग्रह किया कि आतंकवाद के खिलाफ एकसाथ मिलकर कार्रवाई किया जाए।

उन्होंने कहा, "भारत की नीति आतंकवाद को कतई बर्दाश्त न करने की है। क्योंकि इससे कम कुछ भी पर्याप्त नहीं है।"

शिखर सम्मेलन से अलग, मोदी ने ब्रिटेन की प्रधानमंत्री थेरेसा मे, अर्जेटीना के राष्ट्रपति मौरिसियो मैक्री और तुर्की के राष्ट्रपति रेसेप तईप एडरेगन से मुलाकात की।

मोदी ने कहा कि ईयू से अलग होने के ब्रिटेन के निर्णय के बावजूद ब्रिटेन को भारत एक महत्वपूर्ण साझेदार के रूप में देखता है। मे के साथ मोदी की यह पहली द्विपक्षीय मुलाकात थी। मे ने जून में ब्रेक्सिट पर हुए जनमत संग्रह के बाद डेविड कैमरन का स्थान लिया है।

मोदी-मे मुलाकात में भी आतंकवाद का मुद्दा उठा। दोनों नेताओं ने आतंकवाद से मुकाबले के लिए सहयोग बढ़ाने पर चर्चा की। मोदी ने साइबर सुरक्षा और खुफिया आदान-प्रदान के क्षेत्रों में अधिक सहभागिता का आग्रह किया।

मे ने कहा कि वह भारत के लिए मोदी के दृष्टिकोण का समर्थन करने हैं और व्यापक रणनीतिक साझेदारी को आगे ले जाने को उत्सुक हैं।

उन्होंने कहा कि वह मोदी के सुधार एजेंडे का समर्थन करती हैं और ब्रिटेन मेक इन इंडिया, स्मार्ट सिटी और स्किल इंडिया कार्यक्रम का समर्थन करती हैं। दोनों नेताओं ने अपनी रक्षा साझेदारी पर भी चर्चा की।

विदेश मंत्रालय के प्रवक्ता विकास स्वरूप ने कहा कि मोदी ने अर्जेटीना के नवनिर्वाचित राष्ट्रपति मैक्री से भी मुलाकात की और उन्हें भारत आने का न्योता दिया।

मोदी ने परमाणु आपूर्तिकर्ता समूह एनएसजी में भारत की सदस्यता का समर्थन करने के लिए मैक्री को धन्यवाद दिया।

स्वरूप ने कहा, "दोनों नेता कृषि, खनन और हाइड्रोकार्बन जैसे क्षेत्रों में सहयोग बढ़ाने पर सहमत हुए।"

मैक्री ने अर्जेटीना में गैस भंडार की खोज में साझेदारी के लिए भारतीय कंपनियों को आमंत्रित किया। उन्होंने खाद्य सुरक्षा के क्षेत्र में भी भारतीय सहयोग का आग्रह किया।

तुर्की के राष्ट्रपति के साथ मुलाकात में मोदी ने एनएसजी में भारत की सदस्यता का मुद्दा उठाया। जून में तुर्की ने कुछ देशों के एक समूह से हाथ मिला लिया था, जिन्होंने 48 सदस्यीय इस समूह में भारत की सदस्यता का विरोध किया।

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