कमजोर वैश्विक संकेतों से गिरा बाजार (साप्ताहिक समीक्षा)

व्यापार

मुंबई, 17 सितंबर (आईएएनएस)| भारतीय शेयर बाजारों में इस सप्ताह गिरावट देखी गई। सप्ताह के पहले दिन ही बाजार में तेज गिरावट आई। वहीं, मंगलवार को बकरीद के मौके पर शेयर बाजार बंद थे। शुक्रवार को खत्म हुए कारोबारी सप्ताह में सेंसेक्स में 198.22 अंक या 0.69 फीसदी की गिरावट आई और यह 28,599.03 पर बंद हुआ। वहीं, निफ्टी 86.85 अंक या 0.98 फीसदी गिरकर 8,779.85 पर बंद हुआ। बीएसई के मिडपैक सूचकांक में 294.81 अंकों या 2.21 फीसदी की गिरावट आई और यह 13,051.51 पर बंद हुआ। वहीं, बीएसई का स्मॉलकैप सूचकांक 96.52 अंक या 0.75 फीसदी गिरकर 12,764.87 पर बंद हुआ।

सोमवार को सेंसेक्स 443.71 अंक या 1.54 फीसदी गिरकर 28,353.54 पर बंद हुआ। बुधवार को सेंसेक्स 18.69 अंक या 0.07 फीसदी बढ़कर 28,372.23 पर बंद हुआ। गुरुवार को सेंसेक्स में 40.66 अंक या 0.14 फीसदी की तेजी आई और यह 28,412.89 पर बंद हुआ। वहीं, कारोबारी सप्ताह के आखिरी दिन शुक्रवार को सेंसेक्स में 186.14 अंको या 0.66 फीसदी की तेजी आई और यह 28,599.03 पर बंद हुआ।

इस सप्ताह सेंसेक्स के 30 शेयरों में से 9 में तेजी रही। सेंसेक्स के बढ़ोतरी वाले शेयरों में प्रमुख रहे मारुति सुजुकी (3.05 फीसदी), सिप्ला (1.87 फीसदी), आईटीसी (0.66 फीसदी), इंफोसिस (2.35 फीसदी), एचडीएफसी (0.58 फीसदी)।

वहीं, पावरग्रिड (4.41 फीसदी), महिंद्रा एंड महिंद्रा (4.25 फीसदी), टाटा मोर्टस (4.21 फीसदी), टाटा स्टील (8.99 फीसदी), कोल इंडिया (2.15 फीसदी), ओएनजीसी (1.22 फीसदी), एक्सिस बैंक (1.97 फीसदी), आईसीआईसीआई बैंक (2.41 फीसदी), स्टेट बैंक ऑफ इंडिया (3.64 फीसदी) के शेयरों में गिरावट देखी गई।

वहीं, आर्थिक मोर्चे पर अगस्त में व्यापार घाटा में तेज कमी आई और गुरुवार को जारी इन आंकड़ों में यह 38.1 फीसदी गिरकर 7.67 करोड़ डॉलर रहा, जबकि साल 2015 के अगस्त में यह 12.39 अरब डॉलर था। वहीं, निर्यात में अगस्त में 0.3 फीसदी की गिरावट आई और यह 21.52 अरब डॉलर रहा। जबकि आयात में 14.09 फीसदी की गिरावट आई और यह 29.19 अरब डॉलर रहा। औद्योगिक उत्पादन में जुलाई में पिछले साल की तुलना में 2.4 फीसदी गिरावट आई, जबकि जून में इसमें साल 2015 के इसी महीने के मुकाबले 2.1 फीसदी की तेजी आई थी। अगस्त में उपभोक्ता मूल्य सूचकांक में 5.05 फीसदी की गिरावट आई, जबकि जुलाई में यह 6.07 फीसदी और जून में 5.77 फीसदी थी।

इस बीच केंद्रीय मंत्रिमंडल ने सोमवार को वस्तु एवं सेवा कर (जीएसटी) परिषद के गठन को मंजूरी दे दी। यह परिषद केंद्र और राज्यों के बीच जीएसटी से संबंधित विभिन्न मुद्दों पर अपनी राय देगी। साथ ही किन पर जीएसटी कर लगानी है और किसे इस कर के दायरे से बाहर रखना है, इसका निर्णय करेगी। इसके अलावा यह परिषद जीएसटी के करों को भी तय करेगी। यह परिषद केंद्र और राज्य का संयुक्त फोरम है। जीएसटी परिषद के अध्यक्ष केंद्रीय वित्त मंत्री होंगे तथा केंद्रीय वित्त राज्य मंत्री जीएससी परिषद के सदस्य होंगे। वहीं, राज्यों के वित्त मंत्री या राज्य सरकार से नामित मंत्री इसके सदस्य होंगे।

वहीं, वैश्विक स्तर पर बैंक ऑफ इंग्लैंड में गुरुवार को हुई मौद्रिक समीक्षा में सर्वसम्मति से ब्याज दरों को यथावत 0.25 फीसदी के स्तर पर बरकरार रखने का फैसला किया। हालांकि नबंवर में ब्याज दरों में कटौती का संकेत दिया।

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