आलोचना मानहानि का मुकदमा दायर करने का आधार नहीं हो सकता- न्यायालय

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नई दिल्ली, 24 अगस्त (आईएएनएस)| सर्वोच्च न्यायालय ने बुधवार को सरकारी नीति की आलोचना की और कहा कि आलोचना मानहानि का मुकदमा दायर करने का आधार नहीं हो सकता। इसके साथ ही न्यायालय ने तमिलनाडु की मुख्यमंत्री जे. जयललिता को एक नोटिस जारी किया है। न्यायालय ने जयललिता के खिलाफ सत्ता के दुरुपयोग की एक याचिका के जवाब में यह नोटिस जारी किया।

डीएमडीके नेता विजयकांत की याचिका पर नोटिस जारी करते हुए न्यायमूर्ति दीपक मिश्रा और न्यायमूर्ति सी. नागप्पन की सदस्यता वाली पीठ ने कहा कि सार्वजनिक हस्तियों को आलोचनाओं के लिए तैयार रहना चाहिए और सरकारी नीतियों की आलोचना करने पर लोगों के खिलाफ मानहानि का मुकदमा नहीं चलाया जाना चाहिए। यह सही लोकतांत्रिक प्रक्रिया के अनुरूप नहीं है।

पीठ ने कहा, "सार्वजनिक हस्तियों को आलोचना का सामना करने के लिए तैयार रहना चाहिए। सही लोकतांत्रिक प्रक्रिया ऐसे काम नहीं करती।"

विजयकांत ने जयललिता और उनकी नीतियों की आलोचना करने के लिए सरकार द्वारा उनके खिलाफ मानहानि के कई मुकदमे दायर किए जाने को चुनौती देते हुए एक याचिका दायर की थी।

इसी बीच, अदालत को बताया गया कि जयललिता सरकार अब तक अपनी सरकार और नीतियों की आलोचना करने को लेकर लोगों के खिलाफ मानहानि के 131 मुकदमे दर्ज करा चुकी है।

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