भोपाल प्रशासन का रवैया असंवैधानिक, तानाशाहीपूर्ण और राजनीतिक दुराग्रहपूर्ण - माकपा

राज्य

भोपाल: 21 सितम्बर/ भोपाल में रैली और सभाओं के मामले में प्रशासन पक्षपात, भेदभाव और राजनीतिक दुराग्रह से काम ले रहा है। सरकार की नीतियों के प्रति लोकतांत्रिक तरीके से अपना रुख या विरोध व्यक्त कराने या सुझाव लेकर आने वाले जनता के संगठनो को आमसभा और रैलियों की अनुमतियाँ नहीं दी जा रहीं हैं। मगर संघ परिवार के संगठनों के लिए ट्रैफिक परिवर्तित करके वे जहां चाहें वहां रैली सभा हुड़दंग की इजाजत दी जा रही हैं। मार्क्सवादी कम्युनिस्ट पार्टी ने इस दोहरे रवैय्ये की आलोचना की है और इसे असंवैधानिक तथा तानाशाहीपूर्ण बताया है।

सीपीआई(एम) राज्य समिति सदस्य तथा भोपाल जिला सचिव पूषन भट्टाचार्य के अनुसार प्रशासन ने कोई सप्ताह भर तक टहलाने के बाद 20 तारीख को वाम जनसंगठनों के आव्हान पर हुयी दलित आदिवासियों की हुंकार रैली की सभा इक़बाल मैदान में किये जाने की अनुमति दे दी थी । मगर ठीक 12 घंटे बाद बिना कोई कारण बताये इसे रद्द कर दिया। जबकि इस बीच इक़बाल मैदान में सजावट तथा मंच इत्यादि बनाने का काम शुरू हो चुका था।

माकपा ने संविधानप्रदत्त लोकतांत्रिक अभिव्यक्तियों पर रोक के इस तरीके को तत्काल त्यागे जाने तथा इस बारे में आम सहमति बनाने के लिए तुरंत एक सर्वदलीय बैठक बुलाने की मांग की है ।

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