बर्लिन ओलम्पिक : नाजी प्रचार के विवादों से जुड़ा संस्करण

अंतर्राष्ट्रीय, फीचर

एडोल्फ हिटलर की ओर से 1936 में हुए बर्लिन ओलम्पिक खेलों में नाजी पार्टी के प्रचार के बावजूद भी यह प्रतियोगिता तकनीकी और खेल संबंधी स्तर पर काफी सफल रही। समाचार एजेंसी सिन्हुआ के अनुसार, आधिकारिक रूप से 'गेम्स ऑफ इलेवन ओलम्पियाड' के रूप में पहचाने जानी वाली इस प्रतियोगिता का आयोजन एक से 16 अगस्त के बीच बर्लिन में हुआ।

इसमें 49 देशों से करीब 3,963 एथलीटों ने 129 प्रतिस्पर्धाओं में हिस्सा लिया। इन एथलीटों में 331 महिला एथलीट भी शामिल थीं।

बर्लिन ओलम्पिक में ही ओलम्पिक मशाल रैली का आयोजन पहली बार किया गया। इस रैली की शुरुआत ग्रीस से होती है और इसका समापन ओलम्पिक खेलों के आयोजन स्थल पर होता है।

इसके साथ ही बर्लिन ओलम्पिक की एक और खास बात यह रही कि पहली बार इसका टेलीविजन पर प्रसारण किया गया। ग्रेटर बर्लिन इलाके में 25 ऐसे कमरे बनाए गए, जिसमें टीवी लगे हुए थे और इसमें प्रसारित होने वाले ओलम्पिक खेलों को नि:शुल्क दर्शाया गया था।

हिटलर की सरकार के खिलाफ विरोध जताते हुए स्पेन ने बर्लिन ओलम्पिक खेलों का बहिष्कार किया। इस पर, स्पेन ने बार्सिलोना में इसी प्रकार की एक प्रतियोगिता के आयोजन का फैसला लिया, जिसे 'पीपुल्स ओलम्पियाड' के नाम से जाना जाता है। हालांकि, इस प्रतियोगिता के आयोजन से एक दिन पहले इसे स्पेनिश गृहयुद्ध के कारण रद्द कर दिया गया।

इस 11वें ओलम्पिक खेलों में सबसे विवादस्पद मुद्दा यह था कि हिटलर इन खेलों को अपने तथाकथित सिद्धांत "नाजी और आर्यन नस्लीय श्रेष्ठता" को दर्शाने के लिए इस्तेमाल कर रहा था।

हिटलर का मानना था कि जर्मनी के एथलीट इस प्रतियोगिता में पदक श्रेणी में शीर्ष पर रहेंगे।

इन खेलों में अफ्रीका-अमेरिकी धावक और लंबी कूद के एथलीट जेसे ओवेंस काफी लोकप्रिय हुए। उन्होंने 100 मीटर, 200 मीटर रेस, चार गुणा 100 मीटर रिले रेस और लंबी कूद में कुल चार स्वर्ण पदक जीते।

पुरस्कार समारोह के दौरान हिटलर ने ओवेंस से हाथ मिलाने से इनकार कर दिया और इसके बजाए पोडियम पर खड़े दूसरा और तीसरा स्थान हासिल करने वाले अन्य दो एथलीटों से हाथ मिलाया।

इस घटना ने अंतर्राष्ट्रीय ओलम्पिक समिति (आईओसी) का ध्यान आकर्षित किया। इस समय से ही उन्होंने जर्मन के चांसलर को फाइनल में जीत हासिल करने वाले सभी एथलीटों से या फिर किसी से भी हाथ न मिलाने का आदेश दिया। हिटलर ने किसी से भी हाथ न मिलाने के विकल्प को चुना।

इसके बाद ओवेंस ने कहा कि उन्हें जर्मनी की सरकार से बधाई का आधिकारिक संदेश मिला।

दिग्गज धावक ओवेंस के साथ सबसे बड़ी विवादस्पद घटना तब हुई, जब वह अपने हमवतन लौटे। उस वक्त उन्हें अमेरिका के राष्ट्रपति रहे फ्रेंकलिन देलानो रूसेवेल्ट की ओर व्हाइट हाउस में बर्लिन ओलम्पिक खेलों में अमेरिका का प्रतिनिधित्व करने वाले एथलीटों के सम्मान हेतु आयोजित समारोह में आमंत्रित नहीं किया गया।

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