उप्र : अखिलेश पर भारी पड़ी शिवपाल, अमर सिंह व बाबा रामदेव की लॉबिंग!

राज्य, खरी बात

मुख्यमंत्री अखिलेश यादव मुख्य सचिव की नियुक्ति के मामले में अपने चाचा और सूबे के कद्दावर मंत्री शिवपाल सिंह यादव से मात खा गए। रही सही कसर राज्यसभा सांसद अमर सिंह ने पूरी कर दी। उत्तर प्रदेश के मुख्य सचिव बने दीपक सिंघल के लिए शिवपाल और अमर सिंह ने समाजवादी पार्टी के सुप्रीमो मुलायम सिंह यादव से पैरवी की थी। इनके अतिरिक्त बाबा रामदेव ने भी सिंघल को मुख्य सचिव बनाने की पैरवी की थी।

कौमी एकता दल (कोएद) के विलय को लेकर हाल ही में मुख्यमंत्री अखिलेश यादव और शिवपाल यादव के बीच काफी खींचतान देखने को मिली थी। अखिलेश की जिद के आगे मुलायम ने कोएद का सपा में विलय रद्द कर दिया था।

इसके बाद से शिवपाल नाराज हो गए थे। इसका सबूत अखिलेश मंत्रिमंडल के विस्तार के दौरान भी दिखाई दिया। वह शपथ ग्रहण समारोह के दौरान नहीं पहुंचे थे। इससे संदेश यही गया कि वह नाराज हैं। हालांकि उस दिन अमर सिंह ने खुद कहा था कि यह केवल मीडिया की अटकलें हैं। शिवपाल के प्रतिनिधि के तौर पर वह खुद मौजूद हैं।

इस कार्यक्रम के बाद एक और बड़ा कार्यक्रम लखनऊ में हुआ था। मौका था, सपा के राष्ट्रीय महासचिव प्रो. रामगोपाल यादव के जन्मदिन का। इस दिन भी शिवपाल की नाराजगी सामने आई। शिवपाल कार्यक्रम में शिरकत करने तो पहुंचे लेकिन वह पहले पिछली कतार में बैठ गए। बाद में अमर सिंह के हस्तक्षेप के बाद उन्हें मंच पर अगली कतार में बिठाया गया ।

अमर सिंह ने ही सफाई देते हुए कहा था कि मीडिया को और कुछ दिखाई नहीं देता। लोग कहते हैं कि समाजवादी परिवार में फूट पड़ गई है। आज मंच पर पूरा समाजवादी परिवार एक साथ है।

उप्र शासन से जुड़े सूत्रों के मुताबिक, मुख्य सचिव आलोक रंजन के सेवानिवृत्त होने के बाद से ही शिवपाल व अमर सिंह ने दीपक सिंघल की पैरवी मुलायम से की थी। इनके अलावा योग गुरू बाबा रामदेव ने भी अपना जोर लगाया था।

समाजवादी पार्टी के एक वरिष्ठ नेता ने नाम न छापने की शर्त पर आईएएनएस को बताया, "इस बार नेताजी शिवपाल जी को नाराज नहीं करना चाहते थे। यही वजह है कि इस बार शिवपाल की जिद के आगे मुलायम को झुकना पड़ा। अंत में मुलायम की मुहर लगने के बाद ही दीपक सिंघल के नाम की घोषणा की गई।"

उन्होंने बताया कि दीपक सिंघल हालांकि सिंचाई विभाग में प्रमुख सचिव के पद पर तैनात थे और पूर्व में भी अमर सिंह के साथ उनके सबंध जगजाहिर हैं।

प्रशासनिक सूत्रों ने बताया कि दीपक सिंघल हालांकि मुख्यमंत्री अखिलेश यादव की पसंद नहीं है। इसके बावजूद उन्हें इस बार न चाहते हुए भी सिंघल की नियुक्ति मुख्य सचिव के पद पर करनी पड़ी।

गौरतलब है कि उत्तर प्रदेश सरकार ने बुधवार देर रात वरिष्ठ आईएएस अधिकारी दीपक सिंघल को मुख्य सचिव नियुक्त कर दिया। इससे पहले राज्य के कृषि उत्पादन आयुक्त (एपीसी) प्रवीर कुमार कार्यवाहक मुख्य सचिव के तौर पर काम कर रहे थे।

सिंघल 1982 बैच के वरिष्ठ प्रशासनिक अधिकारी हैं। ये प्रदेश सरकार के महत्वपूर्ण पदों सिंचाई, गृह, ऊर्जा, वाणिज्य कर विभागों के प्रमुख सचिव एवं सचिव तथा आयुक्त रह चुके हैं। वह पूर्व में मेरठ क्षेत्र के आयुक्त तथा आगरा एवं बरेली के जिलाधिकारी के पद पर तैनात रहे हैं।

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