मप्र में टीकाकरण के लिए ट्रेकिंग सिस्टम

राज्य, स्वास्थ्य

भोपाल, 4 जुलाई| राष्ट्रीय स्वास्थ्य मिशन ने टीकाकरण के लिए ट्रेकिंग सिस्टम विकसित करने फैसला लिया है, क्योंकि मध्यप्रदेश में बच्चों और महिलाओं के टीकाकरण के एकरूपता वाले आंकड़े उपलब्ध नहीं हैं। अलग-अलग एजेंसियों के सर्वेक्षण अलग-अलग आंकड़े उपलब्ध कराते हैं, जिनमें काफी भिन्नता है। राजधानी भोपाल में सोमवार को आयोजित कार्यशाला में राष्ट्रीय स्वास्थ्य मिशन के संचालक बी. किरण गोपाल ने कहा कि राज्य में 80 फीसदी संस्थागत प्रसव हो रहे हैं, मगर संपूर्ण टीकाकरण की स्थिति ऐसी नहीं है।

उन्होंने एक सवाल के जवाब में माना कि टीकाकरण के आंकड़ों में एकरूपता नहीं है। इसकी वजह उन्होंने सर्वेक्षण के तरीकों में भिन्नता होना माना है। साथ ही उन्होंने कहा कि आने वाले समय में टीकाकरण का ब्योरा रखने के लिए ट्रेकिंग सिस्टम विकसित किया जा रहा है।

गोपाल ने आगे बताया कि संपूर्ण टीकाकरण के लिए गर्भवती माता और नवजात शिशु के लिए यूनिक आईडी की तरह व्यवस्था की जाएगी, जिससे वह कहीं भी रहे, उसे इस बात की जानकारी मिल जाएगी कि उसे अब कौन सा टीका लगाया जाना है। इससे एक तरफ जहां ज्यादा से ज्यादा बच्चांे और महिलाओं का टीकाकरण होगा, वहीं सही आंकड़े भी उपलब्ध रहेंगे।

उन्होंने कहा कि इस बार मिशन इंद्रधनुष में टीकाकरण की वास्तविक समय में निगरानी की जाएगी। इस प्रक्रिया में प्रतिदिन उपस्वास्थ्य केंद्र स्तर से जिला स्तर और फिर राज्य स्तर पर आंकड़े एकत्रित किए जाएंगे। इस चरण में, स्वास्थ्य विभाग प्रवासी बच्चों और दूर दराज की आबादी तक पहुंचने के लिए विशेष प्रयास करेगा।

कार्यशाला में यूनिसेफ की वंदना भाटिया ने बताया कि राष्ट्रीय परिवार स्वास्थ्य सर्वेक्षण चार (2015-16) के मुताबिक, संपूर्ण टीकाकरण का प्रतिशत 53.6 है।

वहीं टीकाकरण अभियान के उप संचालक संतोष शुक्ला के मुताबिक, पहले टीकाकरण 65 प्रतिशत था, जो अब 72 से 78 प्रतिशत पर पहुंच गया है। यह बदलाव इंद्रधनुष अभियान के तीन चरणों के चलते आया है।

कार्यशाला का संचालन यूनिसेफ के संचार विशेषज्ञ अनिल गुलाटी ने किया।

राज्य के 13 जिलों में अलीराजपुर, झाबुआ, अशोकनगर, रायसेन, विदिशा, सागर, टीकमगढ़, दमोह, छतरपुर, पन्ना, रीवा, उमरिया और सतना संपूर्ण टीकाकरण के लिए मिशन इंद्रधनुष का चौथा चरण सात जुलाई से शुरू हो रहा है।

Back to Top