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1965 जंग : दुश्मन पर 3 दिन में भारी थी वायुसेना : अर्जन सिंह (साक्षात्कार)

अखलाक की हत्या को सांप्रदायिरक रंग न दें : राजनाथ

डायनामोज ने 2 भारतीय गोलकीपरों से ऋण आधारित करार किया

फिलिपींस में तूफान के बाद 120 मछुआरे लापता

चीन में मूजिगे तूफान ने दस्तक दी

देसंविवि में अंतर्राष्ट्रीय योग महोत्सव शुरू

हरिद्वार, 1 अक्टूबर (आईएएनएस)। तीर्थ नगरी हरिद्वार स्थित देवसंस्कृति विश्वविद्यालय में गुरुवार से छह दिवसीय अन्तर्राष्ट्रीय योग, संस्कृति एवं अध्यात्म महोत्सव का शुभारम्भ हुआ। इस अवसर पर 15 देशों से आए एवं देश के करीब 400 योग विशेषज्ञ मौजूद थे।

1 से 6 अक्टूबर तक चलने वाले इस महोत्सव का केन्द्रीय आयुष मंत्री श्रीपद नाईक व देसंविवि के कुलाधिपति डॉ. प्रणव पण्ड्या, पद्मश्री डॉ. डी.आर. कार्तिकेयन ने दीप प्रज्वलन कर शुभारम्भ किया।

केन्द्रीय आयुष मंत्री श्रीपद नाईक ने कहा कि योग जीवन जीने की कला है। यह आदि काल से लोगों को जाग्रत कर रहा है। शारीरिक, मानसिक व आध्यात्मिक का समन्वय के रूप में योग महोत्सव को जाना जायेगा। उन्होंने देवसंस्कृति विवि के कुलपिता तथा राष्ट्र के मूर्धन्य स्वतंत्रता सेनानी को याद करते हुए कहा कि शांतिकुंज एवं देसंविवि की पृष्ठभूमि आचार्यश्री के तप बल से अनुप्राणित है। गायत्री परिवार एकता समता का एक अनुपम संगठन है।

कुलाधिपति डॉ प्रणव पण्ड्या ने कहा कि योग संयम और अनुशासन का नाम है। योग ही संसार को जोड़ने का कार्य कर सकता है। उन्होंने कहा कि योग मन के साथ कर्म, ज्ञान और भक्ति को जोड़ता है और इससे अनुशासित मानवता का निर्माण होता है। उन्होंने कहा कि चरित्र चिन्तन को परिष्कृत और उत्कृष्ट बनाने में यौगिक साधनाएं, सांस्कृतिक परम्पराएं और आध्यात्मिक प्रेरणाएं ही अवलम्बन का कार्य करती हैं।

उन्होंने कहा कि चरित्र चिन्तन की अस्तव्यस्तता से जहां व्यक्ति का नैतिक पतन हुआ है, वहीं स्वास्थ्य का भी चिन्ताजनक ह्रास हुआ है। ऐसे में योग, संस्कृति और अध्यात्म ही इन सबसे बचाने के आधार अवलम्बन हैं। डा. पण्डया ने आचार्यश्री द्वारा लिखी पुस्तक समस्त विश्व को भारत के अजस्र अनुदान का जिक्र करते हुए भारतीय संस्कृति की विश्व व्यापकता पर प्रकाश डाला।

इस अवसर पर अतिथियों ने अंतरराष्ट्रीय योग महोत्सव की स्मारिका, संस्कृति संचार, एवं ई-न्यूज लेटर रेनासा का विमोचन किया। वहीं उत्तराखंड की योग ब्रांड एम्बेसडर व देसंविवि की एमए (योग) की छात्रा दिलराज प्रीत कौर व 90 मिनट तक लगातार शीर्षासन करने वाले देसंविवि के बीएससी के छात्र आदित्य प्रकाश सिंह को स्मृति चिन्ह भेंटकर सम्मानित किया गया।

इस अवसर पर लाटबिया, लुतानिया, इटली, हांगकांग, चेक रिपब्लिक, अमेरिका, नार्वे, हॉलैंड, अर्जेटीना, बाली, रूस, नेपाल आदि देश विदेश से आए योग प्रशिक्षु एवं संस्कृति संवाहकों के अलावा देवसंस्कृति विवि परिवार, प्रशासनिक अधिकारी उपस्थित थे।

इंडो-एशियन न्यूज सर्विस।

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  • 1965 जंग : दुश्मन पर 3 दिन में भारी थी वायुसेना : अर्जन सिंह (साक्षात्कार)
    प्रियंका
    नई दिल्ली, 4 अक्टूबर (आईएएनएस)। अर्जन सिंह भारतीय वायुसेना के ऐसे एकमात्र अफसर हैं, जिन्हें फील्ड मार्शल के समकक्ष पांच सितारा रैंक पर प्रोन्नत किया गया था। पाकिस्तान के साथ 1965 की जंग में भारतीय वायुसेना का नेतृत्व कर चुके अर्जन सिंह का कहना है कि अगर संयुक्त राष्ट्र बीच में न आ गया होता और अगर जंग कुछ दिन और खिंच जाती तो फिर भारत जीत निर्णायक हुई होती।

    सिंह का जन्म लायलपुर (अब फैसलाबाद, पाकिस्तान) में हुआ था। उन्होंने 1 अगस्त, 1964 से 15 जुलाई, 1969 तक चीफ ऑफ एयर स्टाफ का पद संभाला था। 1965 में उन्हें पद्म विभूषण से सम्मानित किया गया था।

    96 साल के अर्जन सिंह ने ई-मेल साक्षात्कार के जरिए आईएएनएस के साथ 1965 की जंग की यादें ताजा कीं। पेश है इसके कुछ अंश :

    सवाल : क्या आपको लगता है कि 1965 के युद्ध में भारतीय वायुसेना पाकिस्तानी वायुसेना पर भारी पड़ी थी?

    जवाब : हमारे पठानकोट और कलईकुंडा के अड्डों पर पाकिस्तान के हमलों में हमें शुरुआती नुकसान हुआ था। तत्कालीन रक्षामंत्री हमारे महान मराठा नेता यशवंतराव चव्हाण ने भारतीय वायुसेना को हवाई हमले की हरी झंडी दे दी। हमने जल्द ही सैन्य कार्रवाई में संतुलन हासिल कर लिया और तीन दिन के अंदर उन पर (पाकिस्तान पर) पूरी तरह से अपनी हवाई श्रेष्ठता साबित कर दी। पठानकोट, अंबाला और आदमपुर के लड़ाकू विमान पाकिस्तान के प्रमुख हवाई ठिकानों जैसे सरगोधा, पेशावर, कोहाट आदि पर धावा बोलने में सफल रहे। इन हमलों को ऐसे अंजाम दिया गया था कि हमारे विमान कश्मीर घाटी में उड़ते थे और ये पाकिस्तानी रडार से बचने के लिए कवर का काम करते थे।

    हम पाकिस्तान के लगभग सभी शहरों में आपूर्ति व्यवस्था को ध्वस्त करने और महत्वपूर्ण ठिकानों को तबाह करने में कामयाब रहे। हमारी जानकारी के मुताबिक उन्होंने अपने विमानों को अफगानिस्तान के जाहिदान नामक सुरक्षित ठिकाने पर भेज दिया था।

    सवाल : भारत और पाकिस्तान, दोनों युद्ध जीतने के दावे करते हैं। आपको क्यों लगता है कि हम जीते थे?

    जवाब : पाकिस्तान राजनैतिक वजहों से 1965 की जंग जीतने का दावा करता है। मेरा मानना है कि जंग एक तरह के गतिरोध में समाप्त हुई थी। हम मजबूत स्थिति में थे। जंग अगर कुछ दिन और जारी रही होती तो हमें निर्णायक रूप से जीत मिल जाती। मैंने तत्कालीन प्रधानमंत्री लालबहादुर शास्त्री को युद्धविराम पर राजी नहीं होने की सलाह दी थी। लेकिन, मुझे लगता है कि वह संयुक्त राष्ट्र और कुछ अन्य देशों के दबाव में थे। शास्त्री किसी भी रूप में कमजोर इंसान नहीं थे। वह एक मजबूत इंसान थे और स्पष्ट फैसले लेते थे। दरअसल वह शांति में विश्वास रखते थे और नहीं चाहते थे कि किसी भी देश की अवाम को जंग की वजह से तकलीफ हो। उन्होंने एक ही निर्देश दिया था-कोशिश करना कि नागरिकों को चोट न पहुंचे।

    सवाल : क्या यह कहना सही होगा कि 65 की जंग में पहली बार भारतीय वायुसेना और पाकिस्तानी वायुसेना का आमना-सामना हुआ? उस वक्त के हिसाब से आप पाकिस्तान के मुकाबले भारत की तैयारी को कैसा पाते हैं?

    जवाब : पाकिस्तान के पास गुणात्मक और तकनीकी रूप से अधिक उन्नत सैबर और स्टारफाइटर जैसे विमान थे। हमारे पास नैट, हंटर, वैंपायर जैसे विमान थे। पाकिस्तान को अमेरिका का जबर्दस्त समर्थन हासिल था। उनके पास अत्याधुनिक राडार थे। मुझे लगता है कि वे अति-आत्मविश्वास का शिकार हो गए, क्योंकि उन्हें लगा कि भारतीय वायुसेना ने जैसे 1962 के चीन युद्ध में हिस्सा नहीं लिया था, उसी तरह इस बार भी नहीं लेगी। लेकिन, जिस समय से जंग में भारतीय वायुसेना उतरी, पलड़ा हमारा भारी होने लगा। इससे साफ है कि वायुसेना दुश्मन के किसी भी दुस्साहस का समाना करने के लिए तैयार थी।

    सवाल : जंग के दौरान राजनेताओं से आप अपने संवाद को किस रूप में याद करते हैं? क्या किसी भी मौके पर भारतीय वायुसेना और देश के राजनैतिक नेतृत्व में कोई असहमति पैदा हुई थी और अगर हुई थी तो फिर इसका समाधान कैसे निकला था?

    जवाब : मैं आपसे बता रहा हूं कि पाकिस्तान अखनूर सेक्टर में हमला कर जम्मू एवं कश्मीर को देश से काट देना चाहता था। जरनल जे.एन.चौधरी मेरे दफ्तर वायुसेना भवन आए और मुझसे कहा कि अगर भारतीय वायुसेना जंग में नहीं उतरेगी तो पाकिस्तान को चंबा-जौरियन सेक्टर में रोकना बहुत मुश्किल हो जाएगा। मैंने उनसे कहा कि भारतीय वायुसेना के शामिल होने के साथ ही यह लड़ाई पूरी तरह से युद्ध में बदल जाएगी। इसके बाद हम तत्कालीन रक्षामंत्री चव्हाण से मिलने गए। उन्होंने हमसे पूछा कि क्या भारतीय वायुसेना तैयार है। मैंने तुरंत कहा-हां। अगले ही मिनट उन्होंने फैसला लिया कि हवाई हमले किए जाएं। 1965 में इस निर्णायक नेतृत्व ने पाकिस्तान पर बढ़त लेने में महत्वपूर्ण भूमिका निभाई थी।

    इंडो-एशियन न्यूज सर्विस।
  • अखलाक की हत्या को सांप्रदायिरक रंग न दें : राजनाथ
    नई दिल्ली, 4 अक्टूबर (आईएएनएस)। केंद्रीय गृहमंत्री राजनाथ सिह ने रविवार को कहा कि उत्तर प्रदेश में ग्रेटर नोएडा के दादरी में मोहम्मद अखलाक नामक व्यक्ति की हुई हत्या को सांप्रदायिक रंग नहीं दिया जाना चाहिए। अखलाक की पीट-पीट कर इसलिए हत्या कर दी गई, क्योंकि अफवाह थी कि उसने गोहत्या की थी।

    राजनाथ ने संवाददाताओं से कहा, "यह एक दुर्भाग्यपूर्ण घटना थी, लेकिन इसे सांप्रदायिक रंग दिया जाना उचित नहीं है।"

    उल्लेखनीय है कि ग्रेटर नोएडा के दादरी कस्बे के बिसरा गांव में सोमवार रात 50 साल के मोहम्मद अखलाक की पीट-पीटकर हत्या कर दी गई। यह घटना सिर्फ इस अफवाह के कारण घटी कि अखलाक ने गोमांस खाया था।

    उत्तर प्रदेश के मुख्यमंत्री अखिलेश यादव ने रविवार को अखलाक के परिवार से लखनऊ में मुलाकात की और दोषियों को सजा दिलाने का संकल्प लिया।

    इंडो-एशियन न्यूज सर्विस।
  • नए गैस मूल्य से उत्खनन हतोत्साहित होगा : एसएंडपी
    नई दिल्ली, 4 अक्टूबर (आईएएनएस)। नया घरेलू गैस मूल्य तेल उत्खनन और उत्पादन कंपनियों को नया निवेश करने से हतोत्साहित करेगा। यह बात रविवार को अमेरिकी रेटिंग एजेंसी स्टैंडर्ड एंड पुअर्स ने कही।

    नया मूल्य 3.82 डॉलर प्रति यूनिट एक अक्टूबर से छह महीने के लिए लागू है।

    एसएंडपी ने एक बयान में कहा, "सरकार की निजी क्षेत्र की भागीदारी बढ़ाने और फार्मूला के आधार पर गैस मूल्य तय कर पारदर्शिता बढ़ाने की योजना अच्छे इरादे से की गई है।"

    बयान में कहा गया है, "गत एक साल से कीमत में गिरावट के कारण हालांकि उत्खनन परियोजना की व्यवहार्यता घटी है।"

    एजेंसी ने कहा कि भारत को उन देशों की तरह गैस मूल्य निर्धारित करना चाहिए, जहां गैस की कमी है, उनकी तरह नहीं, जहां गैस की प्रचुरता है।

    घरेलू गैस मूल्य गत एक तिमाही में अमेरिका के हेनरी हब, ब्रिटेन के नेशनल बैलेंसिंग पॉइंट और कनाडा के अल्बर्टा और रूस की कीमतों के भारित औसत के आधार पर तय किया जाता है।

    एसएंडपी ने कहा कि भारतीय मूल्य इस क्षेत्र के अन्य देशों के मूल्यों से कम है, इससे उत्खनन में पूंजी निवेश हतोत्साहित होगा।

    एजेंसी ने कहा, "निजी क्षेत्र की तेल एवं गैस कंपनियों द्वारा देश में निवेश काफी कम रहा है और संशोधित मूल्य के कारण पूंजीगत खर्च की उनकी योजना में अनिश्चितता बनी रहेगी।"

    तेल एवं प्राकृतिक गैस निगम के वित्त निदेशक ए.के. श्रीनिवासन ने यहां आईएएनएस से कहा कि मूल्य घटाए जाने से ओएनजीसी जैसी कंपनियां प्रभावित होंगी, जिनका लाभ 1,059 करोड़ रुपये घट जाएगा।

    नया मूल्य 4.66 डॉलर प्रति यूनिट के ग्रॉस कैलोरिफिक मूल्य आधारित पुराने मूल्य से 18 फीसदी कम है।

    नेट कैलोरिफिक मूल्य के आधार पर नया मूल्य एक अक्टूबर से 31 मार्च, 2016 तक 4.24 डॉलर प्रति यूनिट होगा, जो अभी 5.18 डॉलर है।

    इंडो-एशियन न्यूज सर्विस।
  • मोदी, मर्केल मुलाकात से द्विपक्षीय संबंध मजबूत होंगे
    नई दिल्ली, 4 अक्टूबर (आईएएनएस)। जर्मनी की चांसलर एंजेला मर्केल और प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी की सोमवार को होने वाली मुलाकात से दोनों देशों के संबंधों में ताजगी आएगी। इस मुलाकात में आपसी व्यापार और सुरक्षा के मुद्दे पर वार्ता हो सकती है।

    मर्केल रविवार रात यहां पहुंचेंगी और मंगलवार तक रहेंगी। उनके साथ आने वाले प्रतिनिधिमंडल में छह मंत्री और कई कारोबारी शामिल होंगे। वे बेंगलुरू भी जाएंगी।

    मर्केल दोनों देशों के बीच तीसरे अंतर सरकारी वार्ता के सिलसिले में आ रही हैं।

    इससे पहले अप्रैल 2015 में प्रमुख अंतर्राष्ट्रीय व्यापार मेला हनोवर मेसे के दौरान दोनों नेताओं की मुलाकात हुई थी। इस मेले में भारत साझेदार देश था।

    जर्मनी के राजदूत मार्टिन ने दो दिन पहले कहा था कि जर्मनी भ्रष्टाचार, निवेश के प्रारूप, कराधान की सुरक्षा, बौद्धिक संपदा अधिकार और व्यापार की सुविधा की वैधानिक व्यवस्था जैसे मुद्दे पर बात करेगा।

    दोनों नेता भारत-यूरोपीय संघ मुक्त व्यापार समझौते (एफटीए) पर भी वार्ता कर सकते हैं।

    सोमवार को मर्केल का राष्ट्रपति भवन में राजकीय स्वागत होगा। इसके बाद वह राजघाट जाएंगी। फिर दोनों नेताओं की आधिकारिक मुलाकात होगी और दोनों प्रतिनिधिमंडलों के बीच अंतर-सरकारी वार्ता होगी।

    मर्केल राष्ट्रपति प्रणब मुखर्जी से भी मिलेंगी।

    विदेशमंत्री सुषमा स्वराज अपने समकक्ष फ्रैंक वाल्टर स्टेनमीयर से तथा मर्केल से भी मिलेंगी।

    मोदी और मर्केल के बीच रक्षा, सुरक्षा, शिक्षा, नवीकरणीय ऊर्जा, उच्च प्रौद्योगिकी विनिर्माण, कौशल विकास, विज्ञान और प्रौद्योगिकी, रेलवे, जल और अवजल प्रबंधन, शहरी विकास तथा कृषि में सहयोग जैसे कई मुद्दों पर बात होगी।

    दोनों नेता छह अक्टूबर को बेंगलुरू में नैसकॉम द्वारा इंडस्ट्री 4.0 पर आयोजित एक सम्मेलन में हिस्सा लेंगे। दोनों नेता जर्मनी की कंपनी बोश के नवाचार और कौशल परिसर की भी यात्रा करेंगे।

    भारत और जर्मनी 2001 से रणनीतिक साझेदार हैं। यूरोपीय संघ में जर्मनी भारत का सबसे बड़ा व्यापारिक साझेदार है। जर्मनी भारत में सातवां सबसे बड़ा विदेशी निवेशक है।

    इंडो-एशियन न्यूज सर्विस।
  • देश को नेत्र अस्पतालों की जरूरत : राजनाथ
    नई दिल्ली, 4 अक्टूबर (आईएएनएस)। केंद्रीय गृह मंत्री राजनाथ सिंह ने रविवार को नई दिल्ली में एक नेत्र अस्पताल का उद्घाटन करते हुए कहा कि ऐसे और अस्पतालों की जरूरत है।

    राजनाथ ने दिल्ली और आसपास के इलाकों के अग्रणी नेत्र अस्पताल शार्प साइट सेंटर के उद्घाटन अवसर पर कहा, "भारतीय नेत्र अस्पतालों को विश्वस्तरीय उपचार मुहैया कराने की कोशिश करनी चाहिए। अस्पतालों को इस दिशा में मिलकर काम करने की जरूरत है।"

    शार्प साइट सेंटर के निदेशक कमल बी. कपूर ने कहा कि पूर्वी दिल्ली के प्रीत विहार इलाके में स्थित यह अस्पताल पूरी तरह से अंतर्राष्ट्रीय स्तर के शल्य चिकित्सा कौशल से युक्त है।

    इंडो-एशियन न्यूज सर्विस।
  • उप्र : अखिलेश का अखलाक के परिवार को न्याय का भरोसा
    लखनऊ, 4 अक्टूबर (आईएएनएस)। उत्तर प्रदेश के मुख्यमंत्री अखिलेश यादव ने रविवार को मोहम्मद अखलाक के परिवार से मुलाकात की और उन्हें सरकार की ओर से न्याय का भरोसा दिलाया।

    मुख्यमंत्री ने कहा कि सरकार दोषियों को सजा दिलाने का हर संभव प्रयास करेगी।

    उल्लेखनीय है कि ग्रेटर नोएडा के दादरी कस्बे के बिसरा गांव में सोमवार रात 50 साल के मोहम्मद अखलाक की पीट-पीटकर हत्या कर दी गई। यह घटना सिर्फ इस अफवाह के कारण घटी कि अखलाक ने गोहत्या की थी।

    अखिलेश ने पीड़ित परिवार को सरकार की ओर से हर तरह की मदद का वादा भी किया।

    मुख्यमंत्री ने मीडिया को बताया कि वह पीड़ित परिवार के दुख में भागीदार हैं और वह दोषियों को सजा दिलाने का हर संभव प्रयास करेंगे।

    उन्होंने कहा, "परिवार से जो छीन लिया गया है, हम उसे तो वापस नहीं दे सकते, लेकिन मैं उन्हें आश्वासन देता हूं कि इस दुख की घड़ी में और भविष्य में भी सरकार उनके साथ खड़ी रहेगी।"

    अखिलेश ने कहा कि सरकार पीड़ित परिवार को एक घर भी देगी।

    यह पूछे जाने पर कि क्या पीड़ित परिवार के किसी सदस्य को नौकरी भी दी जाएगी, मुख्यमंत्री ने कहा कि यदि कोई अनुरोध आता है तो इसपर विचार किया जाएगा।

    अखलाक द्वारा गोमांस खाने की अफवाह के संदर्भ में मुख्यमंत्री ने कहा, "पता नहीं किसने यह जहर घोला है?"

    इससे पहले सरकार ने अखलाक के परिवार को 10 लाख रुपये की अनुग्रह राशि देने की घोषणा की थी। जिसे शनिवार को बढ़ाकर 20 लाख रुपये कर दी गई।

    मुख्यमंत्री अखिलेश और अखलाक के परिवार के बीच हुई मुलाकात के दौरान उत्तर प्रदेश के अल्पसंख्यक कल्याण मंत्री मोहम्मद आजम खान भी उपस्थित थे।

    अखलाक के बड़े भाई, अफजल ने मीडिया से कहा कि उनके परिवार को न्याय चाहिए।

    पीड़ित परिवार समाजवादी पार्टी के अध्यक्ष मुलायम सिंह यादव से भी मुलाकात कर सकता है।

    इंडो-एशियन न्यूज सर्विस।
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