रात्रि पाली में काम करना स्तन कैंसर का कारण नहीं
अंतर्राष्ट्रीय, स्वास्थ्य, Science & Technology Oct 07, 2016
लंदन, 7 अक्टूबर (आईएएनएस/सिन्हुआ)। एक नए शोध में दावा किया गया है कि रात्रि पाली में काम करना स्तन कैंसर का कारण नहीं होता। नया शोध स्तन कैंसर को लेकर पुरानी अवधारणा व शोध से बिल्कुल उलट है।
ब्रिटिश वैज्ञानिकों ने हाल में एक शोध अध्ययन में पाया कि रात्रि पाली में काम करना महिलाओं में स्तन कैंसर का कारण नहीं होता।
शोध के नतीजे नेशनल कैंसर इंस्टीट्यूट के जर्नल में प्रकाशित हुए हैं। यह निष्कर्ष अमेरिका, चीन, स्वीडन और नीदरलैंड्स के 10 अध्ययनों के विश्लेषण पर निकाला गया है। अध्ययन में 14 लाख महिलाओं को शामिल किया गया।
बीबीसी ने शोध करने वाले एक सदस्य के हवाले से बताया, "यह इस मामले पर सबसे बड़ा अध्ययन है।"
यूनिवर्सिटी ऑफ ऑक्सफोर्ड में कैंसर एपिडेमियोलॉजी के कैंसर वैज्ञानिक और इस अध्ययन के मुख्य लेखक रूथ ट्रैविस ने कहा, "हमने पाया कि रात्रि पाली और लंबे समय से रात्रि पाली में काम करने वाली महिलाओं को स्तन कैंसर विकसित होने की अधिक जोखिम नहीं होता है।"
ब्रिटिश हेल्थ एंड सेफ्टी एक्सीक्यूटिव (एचएसई), कैंसर रिसर्च यूके और यूके मेडिकल रिसर्च काउंसिल द्वारा वित्तपोषित यह नया शोध नेशनल कैंसर इंस्टीट्यूट पत्रिका में गुरुवार को प्रकाशित किया गया है।
ब्रिटिश वैज्ञानिकों ने हाल में एक शोध अध्ययन में पाया कि रात्रि पाली में काम करना महिलाओं में स्तन कैंसर का कारण नहीं होता।
शोध के नतीजे नेशनल कैंसर इंस्टीट्यूट के जर्नल में प्रकाशित हुए हैं। यह निष्कर्ष अमेरिका, चीन, स्वीडन और नीदरलैंड्स के 10 अध्ययनों के विश्लेषण पर निकाला गया है। अध्ययन में 14 लाख महिलाओं को शामिल किया गया।
बीबीसी ने शोध करने वाले एक सदस्य के हवाले से बताया, "यह इस मामले पर सबसे बड़ा अध्ययन है।"
यूनिवर्सिटी ऑफ ऑक्सफोर्ड में कैंसर एपिडेमियोलॉजी के कैंसर वैज्ञानिक और इस अध्ययन के मुख्य लेखक रूथ ट्रैविस ने कहा, "हमने पाया कि रात्रि पाली और लंबे समय से रात्रि पाली में काम करने वाली महिलाओं को स्तन कैंसर विकसित होने की अधिक जोखिम नहीं होता है।"
ब्रिटिश हेल्थ एंड सेफ्टी एक्सीक्यूटिव (एचएसई), कैंसर रिसर्च यूके और यूके मेडिकल रिसर्च काउंसिल द्वारा वित्तपोषित यह नया शोध नेशनल कैंसर इंस्टीट्यूट पत्रिका में गुरुवार को प्रकाशित किया गया है।