
मोदी कॉरपोरेट ऋण बकायादारों के नाम बताएं : येचुरी
उत्तरप्रदेश, राष्ट्रीय Oct 04, 2016नई दिल्ली, 4 अक्टूबर (आईएएनएस)। मार्क्सवादी कम्युनिस्ट पार्टी (माकपा) के महासचिव सीताराम येचुरी ने मंगलवार को प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी से 100 बड़े कॉरपोरेट ऋण बकायादारों के नाम उजागर कर उन्हें लज्जित करने और सार्वजनिक क्षेत्र के बैंकों को एक इकाई में विलय के विचार से परहेज करने का अनुरोध किया।
मकपा नेता ने मंगलवार को प्रधानमंत्री को लिखे अपने पत्र में सरकारी बैंकों की गैर निष्पादित संपतियों में चिंताजनक वृद्धि और इन बुरे ऋणों की वसूली की केंद्र सरकार की अनिच्छा, जबकि कम राशि के ऋणों की वसूली के लिए सूखाग्रस्त क्षेत्रों में भी किसानों के पीछे पड़ने का उल्लेख किया।
येचुरी ने कहा, "हाल की रपट दर्शाती है कि साल 2015-16 में अधिकांश सरकारी बैंकों के लिए बुरे ऋणों के प्रावधानीकरण दोगुने और कुछ मामले में तीनगुने भी हो गए। इन बुरे ऋणों की वसूली के लिए ठोस प्रयास नहीं किए गए हैं और बदले में आपकी सरकार ने साल 2015-16 में बड़े बकायादारों के 59,547 करोड़ रुपये के बुरे ऋण मार कर दिए हैं।"
उन्होंने जोर देकर कहा, "यह सब करते हुए, छोटी राशि के ऋणों की वसूली के लिए सूखाग्रस्त क्षेत्रों में किसानों का लगातार पीछा किया जाता है।"
येचुरी ने कहा कि बड़े बकायादारों के पास अर्थसक्षम संपत्तियां हैं। अगर राजनीतिक इच्छा और दृढ़ता के साथ समर्थन दिया जाए तो बैंक आसानी से वसूली कर सकते हैं।
माकपा नेता ने कहा, "बजाय इसके एकल 'बुरे बैंक' की स्थापना कर सरकारी बैंकों के सभी बुरे ऋणों को उसमें मोड़ने का एक प्रस्ताव हमने देखा है। बुरे ऋणों को एक अलग इकाई में रखकर बैंकों के खाता-बही को साफ सुथरा दिखाने का यह एक प्रयास भर है, जो अब भी सरकार के स्वामित्व में होगा।"
उन्होंने कहा कि इस 'बुरे बैंक' में अब भी लोगों के पैसे लगे होंगे और अन्य बैंक आपकी सरकार द्वारा पुन: पूंजीकृत होंगे, जबकि बड़े बकायेदारों को ईमानदार करदाताओं की कीमत पर बिना किसी सजा के छोड़ दिया जाएगा।
माकपा नेता ने कहा कि 'बुरे बैंक' के विचार को रिजर्व बैंक के पूर्ववर्ती गवर्नर रघुराम राजन ने सार्वजनिक तौर पर खारिज किया था।
उन्होंने इस प्रस्ताव के नैतिक जोखिम को चिन्हित किया है, जहां बैंक इन बड़े ऋणधारकों को ऋण देंगे जो ऋण लौटाने में कम तत्परता दिखाएंगे।
येचुरी ने कहा कि समय की मांग है कि सरकार इन बड़े ऋणधारकों से लंबित ऋणों की वसूली शुरू करने के लिए तत्काल कार्य योजना को मूर्त रूप दे।