प्रधानमंत्री ने कलाम को 85वीं जयंती पर श्रद्धांजलि दी
उत्तरप्रदेश, राष्ट्रीय, Science & Technology Oct 15, 2016
नई दिल्ली, 15 अक्टूबर (आईएएनएस)। प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने शनिवार को देश के पूर्व राष्ट्रपति और 'मिसाइल मैन' ए. पी. जे. अब्दुल कलाम को 85वीं जयंती पर श्रद्धांजलि अर्पित की।
मोदी ने एक ट्वीट में कहा, "सभी भारतीयों की सोच में शामिल हमारे पूर्व राष्ट्रपति डॉ. ए. पी. जे. अब्दुल कलाम को उनकी जयंती पर श्रद्धांजलि।"
अपनी असाधारण सेवा के लिए कलाम को 1981 में पद्म भूषण, 1990 में पद्म विभूषण और 1997 में देश के सर्वोच्च नागरिक सम्मान भारत रत्न से नवाजा गया। वह 25 जुलाई, 2002 को भारत के 11वें राष्ट्रपति बने और 25 जुलाई, 2007 तक इस पद पर कार्यरत रहे।
'विंग्स ऑफ फायर', 'इग्नाइटिड माइंड्स : अन्लीशिंग द पावर विदिन इंडिया' और 'इंडिया 2020' के लेखक कलाम एक अच्छे वक्ता और लाखों लोगों के लिए प्रेरणास्रोत थे, खासकर बच्चों के लिए। वह हमेशा बच्चों को बड़े सपने देखने और जीवन में बड़े लक्ष्य प्राप्त करने के लिए प्रेरित करते थे।
कलाम का जन्म 15 अक्टूबर, 1931 में तमिलनाडु के रामेश्वरम में हुआ था। 27 जुलाई, 2015 को आईआईएम शिलांग में एक व्याख्यान के दौरान हृदय गति रुक जाने से उनका निधन हो गया था।
कलाम ने भारत के पहले स्वदेशी उपग्रह प्रक्षेपण यान (एसएलवी-3) को विकसित करने में परियोजना निदेशक के रूप में महत्वपूर्ण योगदान दिया, जिसने जुलाई, 1980 में रोहिणी उपग्रह को पृथ्वी की कक्षा में सफलतापूर्वक स्थापित किया। इसके बाद देश अंतरिक्ष क्लब का एक विशिष्ट सदस्य बन गया।
मोदी ने एक ट्वीट में कहा, "सभी भारतीयों की सोच में शामिल हमारे पूर्व राष्ट्रपति डॉ. ए. पी. जे. अब्दुल कलाम को उनकी जयंती पर श्रद्धांजलि।"
अपनी असाधारण सेवा के लिए कलाम को 1981 में पद्म भूषण, 1990 में पद्म विभूषण और 1997 में देश के सर्वोच्च नागरिक सम्मान भारत रत्न से नवाजा गया। वह 25 जुलाई, 2002 को भारत के 11वें राष्ट्रपति बने और 25 जुलाई, 2007 तक इस पद पर कार्यरत रहे।
'विंग्स ऑफ फायर', 'इग्नाइटिड माइंड्स : अन्लीशिंग द पावर विदिन इंडिया' और 'इंडिया 2020' के लेखक कलाम एक अच्छे वक्ता और लाखों लोगों के लिए प्रेरणास्रोत थे, खासकर बच्चों के लिए। वह हमेशा बच्चों को बड़े सपने देखने और जीवन में बड़े लक्ष्य प्राप्त करने के लिए प्रेरित करते थे।
कलाम का जन्म 15 अक्टूबर, 1931 में तमिलनाडु के रामेश्वरम में हुआ था। 27 जुलाई, 2015 को आईआईएम शिलांग में एक व्याख्यान के दौरान हृदय गति रुक जाने से उनका निधन हो गया था।
कलाम ने भारत के पहले स्वदेशी उपग्रह प्रक्षेपण यान (एसएलवी-3) को विकसित करने में परियोजना निदेशक के रूप में महत्वपूर्ण योगदान दिया, जिसने जुलाई, 1980 में रोहिणी उपग्रह को पृथ्वी की कक्षा में सफलतापूर्वक स्थापित किया। इसके बाद देश अंतरिक्ष क्लब का एक विशिष्ट सदस्य बन गया।