नई निगरानी प्रणाली से अवैध खनन पर लगेगी लगाम : पीयूष
उत्तरप्रदेश, राष्ट्रीय Oct 15, 2016
नई दिल्ली, 15 अक्टूबर (आईएएनएस)। केंद्रीय विद्युत, कोयला, नवीन और नवीकरणीय ऊर्जा तथा खनन राज्य मंत्री (स्वतंत्र प्रभार) पीयूष गोयल ने शनिवार को नई दिल्ली में खनन निगरानी प्रणाली (एमएसएस) की शुरुआत की। इस अवसर पर मंत्री ने 13 राज्यों में मीडिया के साथ वीडियो कॉन्फ्रेंसिंग लिंक के माध्यम से बातचीत की और एमएसएस के बारे में विस्तार से जानकारी दी।
यहां जारी आधिकारिक बयान के अनुसार, एमएसएस एक उपग्रह आधारित निगरानी प्रणाली है, जिसका उद्देश्य जनता की भागीदारी के माध्यम से स्वचालित रिमोट सेंसिंग खोज प्रौद्योगिकी के उपयोग से अवैध खनन गतिविधियों का पता लगाकर उन्हें रोकना और एक जिम्मेदार खनिज प्रशासन की स्थापना करना है।
बयान के अनुसार, खान मंत्रालय ने देश में अंतरिक्षि प्रौद्योगिकी का उपयोग करते हुए अवैध खनन गतिविधियों को रोकने के लिए भारतीय खान ब्यूरो (आईबीएम) के माध्यम से एमएसएस विकसित किया है। इसे विकसित करने में भास्कराचार्य इंस्टीट्यूट फॉर स्पेस एप्लीकेशंस एंड जियो - इनफॉर्मेटिक्स (बीआईएसएजी) गांधीनगर और इलेक्ट्रॉनिक्स एवं सूचना प्रौद्योगिकी मंत्रालय का सहयोग लिया गया है।
बयान में कहा गया है कि एमएसएस दुनिया में विकसित ऐसी पहली निगरानी प्रणाली है, जिसमें अंतरिक्ष प्रौद्योगिकी का उपयोग किया गया है। अवैध खनन गतिविधियों की निगरानी की वर्तमान प्रणाली स्थानीय शिकायतों और अपुष्ट जानकारियों पर आधारित है। इस तरह की शिकायतों पर की गई कार्रवाई की निगरानी के लिए कोई भी मजबूत प्रणाली उपलब्ध नहीं है।
बयान के अनुसार, यह प्रणाली मौजूदा खनन सीमा के आसपास के 500 मीटर के क्षेत्र की किसी भी असामान्य गतिविधि की जांच करती है, क्योंकि ऐसी गतिविधियां अवैध खनन की हो सकती हैं।
यहां जारी आधिकारिक बयान के अनुसार, एमएसएस एक उपग्रह आधारित निगरानी प्रणाली है, जिसका उद्देश्य जनता की भागीदारी के माध्यम से स्वचालित रिमोट सेंसिंग खोज प्रौद्योगिकी के उपयोग से अवैध खनन गतिविधियों का पता लगाकर उन्हें रोकना और एक जिम्मेदार खनिज प्रशासन की स्थापना करना है।
बयान के अनुसार, खान मंत्रालय ने देश में अंतरिक्षि प्रौद्योगिकी का उपयोग करते हुए अवैध खनन गतिविधियों को रोकने के लिए भारतीय खान ब्यूरो (आईबीएम) के माध्यम से एमएसएस विकसित किया है। इसे विकसित करने में भास्कराचार्य इंस्टीट्यूट फॉर स्पेस एप्लीकेशंस एंड जियो - इनफॉर्मेटिक्स (बीआईएसएजी) गांधीनगर और इलेक्ट्रॉनिक्स एवं सूचना प्रौद्योगिकी मंत्रालय का सहयोग लिया गया है।
बयान में कहा गया है कि एमएसएस दुनिया में विकसित ऐसी पहली निगरानी प्रणाली है, जिसमें अंतरिक्ष प्रौद्योगिकी का उपयोग किया गया है। अवैध खनन गतिविधियों की निगरानी की वर्तमान प्रणाली स्थानीय शिकायतों और अपुष्ट जानकारियों पर आधारित है। इस तरह की शिकायतों पर की गई कार्रवाई की निगरानी के लिए कोई भी मजबूत प्रणाली उपलब्ध नहीं है।
बयान के अनुसार, यह प्रणाली मौजूदा खनन सीमा के आसपास के 500 मीटर के क्षेत्र की किसी भी असामान्य गतिविधि की जांच करती है, क्योंकि ऐसी गतिविधियां अवैध खनन की हो सकती हैं।