पंजाबी गायक हरमन सिधू की रातोंरात ट्रक टक्कर में मौत, आखिरी पोस्ट बेटी के साथ

जब हरमन सिधू की कार रात के अंधेरे में एक कैंटर ट्रक से सीधे टकराई, तो पंजाब के दिल से एक आवाज़ बुझ गई। 21 नवंबर, 2025 की शाम, मानसा से अपने गाँव खियाला जा रहे थे वो। टक्कर इतनी भीषण थी कि कार बर्बाद हो गई। हरमन वहीं, सड़क पर, जीवन के आखिरी पल तक बिता गए। 37 साल की उम्र में, एक ऐसे कलाकार का अचानक अंत, जिसकी आवाज़ ने लाखों युवाओं के दिल छू लिए थे।

आखिरी रील जो दुनिया को रुला देगी

हरमन की आखिरी सोशल मीडिया पोस्ट एक ऐसी थी जिसे वो खुद भूल गया होगा — उसकी छोटी बेटी के साथ, हाथों में गेंदे के फूल लिए, मुस्कुराते हुए। इंस्टाग्राम पर शेयर किया गया यह रील, अब लाखों लोगों के लिए एक दुखद यादगार बन गया। लोगों ने कमेंट्स में ‘Rest in Peace’ लिखा, लाल दिल के इमोजी भेजे। कोई ने लिखा — ‘तुम्हारी आवाज़ सुनकर मैंने अपनी माँ को याद किया।’ कोई और — ‘तुम्हारी बेटी आज भी वही नाच रही होगी, जैसे तुमने उसे दिखाया था।’

ये रील सिर्फ एक पोस्ट नहीं, एक अंतिम संदेश था। एक ऐसा पिता जो अपने बच्चे के साथ घर की छत पर नाच रहा था — बिना कैमरे के बिना नकली शो के, सिर्फ एक असली पल के लिए। अब वो पल, एक दुनिया के लिए एक चिंगारी बन गया।

‘पेपर या प्यार’ का गायक, आम आदमी का गायक

हरमन सिधू ने अपनी शुरुआत खियाला के गाँव की गलियों से की थी। वहाँ पंजाबी लोक संगीत घर-घर का हिस्सा था। उन्होंने अपने गानों में इसी असलियत को बरकरार रखा। उनका गाना ‘Paper Ya Pyar’, जिसमें मिस पूजा थीं, ने उन्हें राष्ट्रीय स्तर पर मशहूर कर दिया। ये गाना सिर्फ एक ट्रैक नहीं, एक भावना था — छोटे शहरों के युवाओं के दिल की धड़कन।

टाइम्स ऑफ इंडिया ने उन्हें ‘एक दयालु आत्मा और एक दिया हुआ कलाकार’ कहा — और वो शब्द बिल्कुल सही थे। उनके गानों में कोई अहंकार नहीं, कोई झूठी चमक नहीं। बस एक आवाज़, एक दिल, और एक गाँव की धूल।

ट्रक टक्कर: एक दुर्घटना या एक चेतावनी?

ट्रक टक्कर: एक दुर्घटना या एक चेतावनी?

पुलिस के अनुसार, दुर्घटना मानसा-पटियाला सड़क पर, खियाला के निकट हुई। हरमन की कार एक कैंटर ट्रक से सीधे टकराई। डीएनए इंडिया ने बताया कि ‘कार इतनी खराब हो गई कि उसे पहचानना भी मुश्किल हो गया।’ उनका शव मानसा सिविल अस्पताल ले जाया गया, जहाँ पोस्टमॉर्टम किया गया।

लेकिन सवाल ये है — क्यों? क्या ड्राइवर थक गया था? क्या रोशनी कम थी? क्या ट्रक गलत लेन पर था? अभी तक कोई आधिकारिक जांच नहीं हुई। पुलिस इसे ‘विकासशील’ मान रही है। और यही डरावना है।

ये दुर्घटना नहीं, एक नियमित अभ्यास है। पिछले कुछ महीनों में ही राजवीर जवंदा नाम के एक अन्य पंजाबी गायक की भी ट्रक टक्कर में मौत हो गई थी। इस बार भी एक युवा कलाकार, एक गाने के बाद बिना घर लौटे।

कलाकारों की रातोंरात मौत: एक अनसुलझी कहानी

पंजाबी संगीत उद्योग तेजी से बढ़ रहा है — लेकिन इसके पीछे एक अंधेरा सच छिपा है। गायक रात-रात भर जाते हैं — शो के बाद, गाने के बाद, एक बार फिर घर की ओर जाते हैं। सड़कें खराब हैं, ट्रक अक्सर अवैध रूप से चलते हैं, और ड्राइवर थके हुए होते हैं।

कोई भी नहीं जानता कि आगे कौन गायब होगा। लेकिन आज, जब एक बेटी के लिए पिता की आखिरी तस्वीर वायरल हो रही है, तो ये सवाल बहुत ज्यादा तीखा हो जाता है।

अब क्या होगा?

अब क्या होगा?

हरमन के परिवार ने अभी तक कोई आधिकारिक बयान जारी नहीं किया है। फन्स उनकी याद में गाने सुन रहे हैं। सोशल मीडिया पर #RIPHarmanSidhu ट्रेंड कर रहा है। लेकिन क्या ये सिर्फ एक ट्रेंड रह जाएगा? या इसके बाद कोई बदलाव आएगा — जैसे ट्रक चलाने के नियम सख्त हों, या रात के समय सड़कों पर यातायात पर रोक लग जाए?

हरमन की बेटी अब उस रील को देखकर हंसेगी। और शायद कभी नहीं समझ पाएगी कि उस दिन उसके पिता को क्यों नहीं लौटाया गया।

अक्सर पूछे जाने वाले प्रश्न

हरमन सिधू की आखिरी पोस्ट क्या थी?

हरमन सिधू की आखिरी पोस्ट एक इंस्टाग्राम रील थी, जिसमें वो अपनी छोटी बेटी के साथ गेंदे के फूल लिए खड़े थे। यह वीडियो उनके घर की छत पर बेटी के नाचते हुए भी शामिल था। इस रील के बाद उन्होंने कोई और पोस्ट नहीं किया। मौत के बाद यह वीडियो लाखों लोगों ने शेयर किया, जिसमें अधिकांश ने ‘Rest in Peace’ और लाल दिल के इमोजी लगाए।

हरमन सिधू की मौत के बाद पंजाबी संगीत उद्योग क्या कर रहा है?

पंजाबी संगीत के कई कलाकारों ने सोशल मीडिया पर शोक व्यक्त किया है। लेकिन अभी तक कोई संगठित आंदोलन या नीति सुझाव नहीं आया है। इससे पहले भी राजवीर जवंदा की मौत के बाद एक ही प्रतिक्रिया थी — दुख, फिर भूलना। लोग अब उनके गाने सुन रहे हैं, लेकिन सड़क सुरक्षा जैसे वास्तविक मुद्दों पर चर्चा नहीं हो रही।

हरमन सिधू के गानों का जीवन पर क्या प्रभाव था?

हरमन के गाने युवाओं के लिए एक आवाज़ थे — छोटे शहरों के लोगों के लिए जिन्हें बॉलीवुड नहीं समझता था। ‘Paper Ya Pyar’ जैसे गाने में प्यार का अहसास असली जीवन के साथ जुड़ा हुआ था। उनकी आवाज़ में तनाव नहीं, बल्कि विश्वास था। उनके गाने अब एक यादगार बन गए हैं, जो आज भी रेडियो पर बज रहे हैं।

हरमन सिधू के बाद अब कौन बचेगा?

पंजाबी संगीत उद्योग में कई नए कलाकार हैं, लेकिन ज्यादातर अभी भी रातोंरात घूमने और लंबी यात्राओं के दबाव में हैं। कोई भी नहीं जानता कि अगला नाम कौन होगा। अगर सड़क सुरक्षा में सुधार नहीं हुआ, तो ये दुर्घटनाएँ बस एक और ट्रैक बन जाएंगी — जिसका नाम होगा ‘अगला गायक’।