JS NewsPlus - шаблон joomla Продвижение
BREAKING NEWS
अनिंद्रा के शिकार हैं तो दंतरोग विशेषज्ञ से मिलें!
उत्तर कोरिया ने पूर्वी सागर में बैलिस्टिक मिसाइलें दागी
अब हृदय रोग की पहचान 'दी हार्ट एप' से करें
टी-20 विश्व कप : ओमान ने आयरलैंड को दो विकेट से हराया
भारत-पाक मैच का आयोजन कराना खेलने से ज्यादा आसान : गांगुली
श्री श्री रविशंकर के कार्यक्रम में पुलिस ने गिनाई 5 बड़ी खामियां
ओला एप पर गुड़गांव, नोएडा में ऑटो-रिक्शा भी उपलब्ध
आर्ट ऑफ लिविंग पर 5 करोड़ रुपये जुर्माना, समारोह रोकने से इंकार
महिलाओं को अधिक झेलना पड़ना है 'गर्दन का दर्द'
दिल्ली में एम्स विनिर्माण स्थल पर जमीन धंसने से 2 की मौत

LIVE News

अनिंद्रा के शिकार हैं तो दंतरोग विशेषज्ञ से मिलें!

उत्तर कोरिया ने पूर्वी सागर में बैलिस्टिक मिसाइलें दागी

अब हृदय रोग की पहचान 'दी हार्ट एप' से करें

टी-20 विश्व कप : ओमान ने आयरलैंड को दो विकेट से हराया

भारत-पाक मैच का आयोजन कराना खेलने से ज्यादा आसान : गांगुली

मप्र : 30 वर्ष की सेवा बाद वीआरएस ले सकेंगे चिकित्सक

भोपाल, 19 फरवरी (आईएएनएस)। मध्य प्रदेश के लोक स्वास्थ्य एवं परिवार कल्याण विभाग के चिकित्सकों के लिए स्वैच्छिक सेवानिवृत्ति (वीआरएस) की अहर्तादायी सेवा 25 वर्ष से बढ़ाकर 30 वर्ष कर दी गई है। यह निर्णय शुक्रवार को मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान की अध्यक्षता में हुई मंत्रिपरिषद की बैठक में लिया गया।

मंत्रिपरिषद ने निर्णय लिया कि ऐसे चिकित्सक, जिनकी मूल नियुक्ति चिकित्सा अधिकारी के पद पर हुई थी, वे 30 वर्ष की नियमित सेवा पूरी होने के बाद अन्य शासकीय अधिकारी की तरह वरिष्ठ प्रवर श्रेणी वेतनमान के पात्र होंगे।

मंत्रिपरिषद ने आयुष विभाग के शासकीय स्वशासी आयुर्वेद महाविद्यालयों में स्नातकोत्तर पाठ्यक्रम में अध्ययनरत विद्यार्थियों की शिष्यवृत्ति (मानधन) निर्धारित की है। प्रथम वर्ष में 21 हजार, द्वितीय वर्ष में 22 हजार और तृतीय वर्ष में 23 हजार रुपए की शिष्यवृत्ति को मंजूरी दी गई।

मंत्रिपरिषद ने नौ एकलव्य आदर्श आवासीय उच्चतर माध्यमिक विद्यालय के लिए कुल 412 पद सृजित करने को मंजूरी दी। अवसंरचना विकास के लिए भारत सरकार से प्राप्त राशि के अलावा खर्च होने वाली राशि राज्य सरकार वहन करेगी।

मंत्रिपरिषद ने उद्यानिकी विभाग का नाम परिवर्तित करने का निर्णय लिया। अब विभाग का नाम उद्यानिकी एवं खाद्य प्रसंस्करण विभाग होगा।

मंत्रिपरिषद ने राज्य सड़क सुरक्षा नीति 2015 का भी अनुमोदन किया। नीति में आगामी जरूरी बदलावों के लिए गृह विभाग को अधिकृत किया गया है।

इंडो-एशियन न्यूज सर्विस।

Related items

  • अनिंद्रा के शिकार हैं तो दंतरोग विशेषज्ञ से मिलें!

    न्यूयार्क, 10 मार्च (आईएएनएस)। क्या आप अपनी पत्नी के खर्राटे से हर रात परेशान रहते हैं? अमेरिकी शोधकर्ताओं के एक दल के मुताबिक ऐसे मामलों में फिजीशियन को दिखाने की बजाए दंत रोग विशेषज्ञ को दिखाना ज्यादा ठीक रहेगा।

    दंत रोग विशेषज्ञ खर्राटे के कारणों जो कि आमतौर पर जीभ की बीमारी और टॉसिल से जुड़े होते हैं, उसका बेहतर तरीके से पता लगाकर इलाज कर सकते हैं।

    प्रमुख शोधकर्ता अमेरिका के बफेलो विश्वविद्यालय के थिकरित अल जेवैर का कहना है, "दंत रोग विशेषज्ञ स्लीप एनिपिया का बेहतर इलाज कर सकते हैं, क्योंकि इस ऊपरी वायुगमन मार्ग में अवरोध के कारण पैदा होता है, जिसकी जांच और इलाज से ही समस्या को दूर किया जा सकता है।"

    अल जेवैर ने सऊदी मेडिकल जर्नल में प्रकाशित इस शोध में लिखा है कि सामान्य चिकित्सकों के मुकाबले दंत रोग विशेषज्ञ मरीज के मुंह के अंदर बेहतर तरीके से देख सकते हैं, इसलिए वे रोग के कारणों की पहचान बेहतर ढंग से कर सकते हैं।

    कई वयस्कों को स्लीप एनिपिया की बीमारी होती है, लेकिन कई मामलों में निदान नहीं हो पाता। इस विकार के कारण हृदय संबंधी परेशानी, मधुमेह, निराशा, याददाश्त खोने के अलावा कई अन्य रोग भी हो सकते हैं।

    इंडो-एशियन न्यूज सर्विस।
  • अब हृदय रोग की पहचान 'दी हार्ट एप' से करें
    नई दिल्ली, 10 मार्च (आईएएनएस)। मैक्स हार्ट इंस्टीट्यूट के वरिष्ठ हृदय रोग विशेषज्ञ डॉक्टर राजीव राठी ने एक ऐसा एप बनाया है जिससे लोग घर बैठे अपने फोन पर पता लगा सकते हैं कि उन्हें हृदय की बीमारी के लक्षण तो नहीं।

    विश्व स्वास्थ्य संगठन (डब्ल्यूएचओ) की रिपोर्ट के अनुसार 2020 तक एक तिहाई मौत हृदय रोग के कारण होगी। अगर लक्षणों की पहचान कर सही समय पर इस बीमारी का इलाज शुरू कर दिया जाए तो अधिकतर मरीजों की जान बचाई जा सकती है।

    ऐसा देखा गया है कि अक्सर मरीज हृदयघात के लक्षणों को समझ नहीं पाते। जब वे डॉक्टर के पास पहुंचते हैं तब तक बहुत देर हो चुकी होती है। यह तक कि हृदय कि मांसपेशियां हमेशा के लिए मृत हो जाती हैं।

    गूगल प्ले स्टोर से 'दी हार्ट एप' को डाउनलोड कर बड़ी आसानी से हृदय रोग के लक्षणों को पहचाना जा सकता है। यह एप मुफ्त में उपलब्ध है। एप निर्माता डॉक्टर राठी कहते हैं "मुझे उम्मीद है कि अधिक से अधिक लोग इस मुफ्त सेवा का उपयोग करेंगे और अपने परिवार व मित्रों को भी इसके लिए प्रेरित करेंगे, ताकि देश में हृदय की बीमारियों से होने वाली मृत्यु दर को कम किया जा सके।"

    इंडो-एशियन न्यूज सर्विस।
  • श्री श्री रविशंकर के कार्यक्रम में पुलिस ने गिनाई 5 बड़ी खामियां

    नई दिल्ली, 9 मार्च (आईएएनएस)। दिल्ली पुलिस ने श्री श्री रवि शंकर के 'आर्ट ऑफ लिविंग फाउंडेशन' द्वारा आयोजित किए जाने वाले तीन दिवसीय 'वर्ल्ड कल्चर फेस्टिवल' की तैयारियों में पांच बड़ी खामियां उजागर की हैं। इसका आयोजन राष्ट्रीय राजधानी में यमुना खादर क्षेत्र में किया जा रहा है। इनमें सबसे बड़ी खामी संरचनात्मक मजबूती का अभाव है।

    गृह एवं शहरी विकास मंत्रालय को हाल ही में पुलिस ने जो रिपोर्ट सौंपी है उसमें इन खामियों के कारण कानून-व्यवस्था को लेकर गंभीर चिंता जताई गई है।

    रिपोर्ट से इसका भी खुलासा हुआ है कि इस कार्यक्रम की बुनियादी जरूरत संरचनात्मक मजबूती के बारे में अभी संबंधित प्राधिकरण से स्वीकृति प्रमाण पत्र प्राप्त किया जाना है।

    दिल्ली पुलिस ने इस आयोजन में शामिल अन्य संबंधित एजेंसियों के साथ आयोजन स्थल का मुआयना किया है। फाउंडेशन ने इस कार्यक्रम से जुड़ी प्रचार सामग्री में इसमें 35 लाख लोगों के भाग लेने की बात कही है, जबकि बुधवार को हरित न्यायाधिकरण से कहा है कि इस समारोह में केवल तीन लाख के करीब लोग आएंगे। आयोजन स्थल करीब एक हजार एकड़ में फैला है।

    इस कार्यक्रम में प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी एवं अन्य महत्वपूर्ण लोगों के भाग लेने की उम्मीद है। इसलिए जो मंच तैयार किया गया है वह कितना मजबूत है यह महत्वपूर्ण मुद्दा है।

    दिल्ली पुलिस के एक अधिकारी ने नाम न बताने की शर्त पर कहा, "दिल्ली पुलिस पर प्रधानमंत्री की सुरक्षा की जिम्मेदारी के साथ शहर की कानून-व्यवस्था बनाए रखने की भी जिम्मेदारी है। इसलिए सुरक्षा व्यवस्था को लेकर चिंता जताई गई है। "

    कार्यक्रम स्थल तक जाने के लिए जो रास्ते हैं वह भी दिल्ली पुलिस की चिंता के सबब हैं। क्योंकि यमुना नदी पर जितने अस्थाई पुल बनाए गए हैं वे कार्यक्रम के आयोजकों ने जितना वादा किया था उसके आधे हैं। सात की जगह सिर्फ दो पुल बने हैं जबकि कार्यक्रम शुरू होने में मात्र दो दिन शेष हैं। जो बने भी हैं उन पर रेलिंग नहीं है। जो खतरनाक साबित हो सकता है। लोग सीधे नदी में गिर सकते हैं।

    इसके अलावा रिपोर्ट में लोगों के बीच आतंकियों के भी घुसपैठ करने की आशंका जताई जा रही है। खुफिया ब्यूरो की जानकारी के अनुसार पाकिस्तान के गुजरात सीमा के जरिये 10 संदिग्ध आतंकी घुसे हैं।

    गाड़ियां खड़ी करने के लिए पर्याप्त जगह नहीं है। आयोजकों का दावा है कि करीब 10-12 हजार कारें आयोजन स्थल पर पहुंचेंगी।

    इसे देखते हुए गृह मंत्रालय ने पुलिस को कार्यक्रम को बहुत सावधानी और पर्याप्त उपाय करते हुए संभालने को कहा है।

    इंडो-एशियन न्यूज सर्विस।
  • ओला एप पर गुड़गांव, नोएडा में ऑटो-रिक्शा भी उपलब्ध
    नई दिल्ली, 9 मार्च (आईएएनएस)। परिवहन सुविधाएं मुहैया कराने वाली मोबाइल एग्रिगेटर ओला ने बुधवार को गुड़गांव एवं नोएडा में अपने एप पर ऑटो-रिक्शा को उपलब्ध कराने की घोषणा की है। इन शहरों के उपभोक्ता ओला एप पर कैब के साथ ही अब ऑटो रिक्शा की भी बुकिंग भी कर सकेंगे।

    ओला ऑटो इन दो शहरों के अलावा भारत के 12 शहरों यानी बैंगलोर, चेन्नई, दिल्ली, अहमदाबाद, हैदराबाद, पुणे, चण्डीगढ़, इन्दौर, जयपुर, गुड़गांव, नोएडा और मैसूर में भी उपलब्ध होंगे। जबकि गुड़गांव, नोएडा और मैसूर में बुधवार को इस सेवा की शुरुआत की गई।

    ऑटो रिक्शा की सवारी करने में लोगों को आमतौर पर किराये को लेकर काफी चिकचिक करनी पड़ती है। लेकिन ओला ऑटो पर निर्धारित किरायों के साथ उपभोक्ता एप पर अपनी राइड को ट्रैक भी कर सकते हैं और रियल टाइम में अपनी राइड का विवरण अपने दोस्तों और परिजनों के साथ लाइव मैप पर शेयर भी कर सकते हैं।

    ओला ऑटो 5 रुपये प्रति किलोमीटर की दर पर गुड़गांव और नोएडा में चौबीसो घंटे उपलब्ध हैं और 5 मिनट से भी कम समय में ये उपभोक्ताओं को उपलब्ध हो जाएंगे।

    ओला के वरिष्ठ निदेशक (ऑपरेशन्स) नीतेश प्रकाश ने कहा, "हमें खुशी है कि दिल्ली के उपभोक्ताओं और चालकों से शानदार प्रतिक्रिया मिलने के बाद अब हम गुड़गांव और नोएडा में भी ओला ऑटो सेवाओं की शुरुआत करने जा रहे हैं। इन शहरों के उपभोक्ता अब बड़ी आसानी से ओला ऐप पर मात्र एक टैप के द्वारा अपने लिए ऑटो की बुकिंग कर सकते हैं।"

    ओला प्लेटफॉर्म पर मौजूद हर ऑटो जीपीएस इनेबल्ड स्मार्टफोन द्वारा पावर्ड है और देश के 12 शहरों में ओला प्लेटफॉर्म पर 80,000 से ज्यादा ऑटो रिक्शा पंजीकृत हैं।

    इंडो-एशियन न्यूज सर्विस।
  • आर्ट ऑफ लिविंग पर 5 करोड़ रुपये जुर्माना, समारोह रोकने से इंकार
    नई दिल्ली, 9 मार्च (आईएएनएस)। राष्ट्रीय हरित न्यायाधिकरण (एनजीटी) ने बुधवार को श्री श्री रविशंकर के नेतृत्व वाले आर्ट ऑफ लिविंग के यमुना खादर इलाके में होनेवाले विश्व सांस्कृतिक महोत्सव पर रोक लगाने से इंकार कर दिया, लेकिन संस्था पर पांच करोड़ रुपये का जुर्माना लगाया है। साथ ही न्यायाधिकरण ने सरकार की खिंचाई करते हुए कहा कि अधिकारी अपना कर्तव्य निभाने में नाकाम रहे हैं।

    न्यायाधिकरण ने दिल्ली विकास प्राधिकरण (डीडीए) पर पांच लाख रुपये तथा दिल्ली प्रदूषण नियंत्रण समिति (डीपीसीसी) पर एक लाख रुपये का जुर्माना लगाया है।

    न्यायमूर्ति स्वतंत्र कुमार के नेतृत्व वाले एनजीटी ने डीपीसीसी को अक्षम करार देते हुए कहा कि वह अपने कर्तव्यों के निर्वहन में नाकाम रहा।

    एनजीटी ने समारोह के बाद यमुना खादर क्षेत्र को हुए नुकसान का आकलन करने का आदेश देते हुए कहा कि जुर्माना कई गुना बढ़ाया जा सकता है। न्यायमूर्ति ने कहा, "पर्यावरण के उद्धार के लिए आपको कीमत चुकानी पड़ेगी। नदी को हुए किसी भी प्रकार के नुकसान के लिए जुर्माना अदा करना होगा।"

    एनजीटी की चार सदस्यों वाली खंडपीठ ने कहा कि आर्ट ऑफ लिविंग को इलाके में जैव विविधता पार्क स्थापित करने के लिए कहा जा सकता है।

    न्यायाधिकरण ने पर्यावरण मंत्रालय की खिंचाई करते हुए कहा, "आपका प्राथमिक कर्तव्य क्या है? आपको विश्वास है कि आर्ट ऑफ लिविंग ने पर्यावरण को किसी प्रकार का नुकसान नहीं पहुंचाया है?"

    पर्यावरण मंत्रालय के वकील ने कहा, "हम इस बारे में अध्ययन के बाद ही कुछ कह सकते हैं।"

    इसके बाद न्यायाधिकरण ने कहा कि आप मजाक कर रहे हैं क्या। पर्यावरण को नुकसान पहुंचाने के बाद आप अध्ययन करेंगे?

    न्यायाधिकरण ने कहा कि सभी सरकारी अधिकारी अपने कर्तव्यों के निर्वहन में नाकाम रहे हैं।

    एनजीटी का यह कदम 11 मार्च से 13 मार्च तक आर्ट ऑफ लिविंग के एक कार्यक्रम के मद्देनजर, कथित तौर पर पर्यावरण कानूनों का उल्लंघन व यमुना नदी के प्रदूषण को लेकर सामने आया है। आर्ट ऑफ लिविंग ने ट्रिब्यूनल से कहा कि 155 देशों के लगभग तीन लाख लोग समारोह में शिरकत करेंगे। प्रचार में हालांकि दावा किया गया है कि समारोह में 35 लाख लोग शिरकत करेंगे।

    कार्यक्रम के खिलाफ याचिका दायर करने वाले पर्यावरणविद् कार्यकर्ता मनोज मिश्रा ने जोर दिया था कि न केवल समारोह को रोका जाए, बल्कि इसके आयोजकों पर जुर्माना भी लगाया जाए।

    फैसले के बाद मिश्रा ने संवाददाताओं से कहा, "अदालत ने हमारी याचिका को स्वीकार कर लिया है। हम अपनी प्राथमिक चिंता को सामने लाने में सफल रहे हैं।"

    उन्होंने कहा कि आर्ट ऑफ लिविंग पर किया गया जुर्माना केवल प्रारंभिक कदम है।

    वहीं, आर्ट ऑफ लिविंग ने अदालत में यह स्वीकार किया कि उसने समारोह के लिए 25.63 करोड़ रुपये खर्च किए, जिनमें से 15.63 करोड़ रुपये मंच व शामियाने के निर्माण में, जबकि 10 करोड़ रुपये सजावट व प्रकाश के मद में खर्च किए गए हैं।

    समारोह में कई केंद्रीय मंत्रियों के शिरकत करने की संभावना है। यह अभी तक स्पष्ट नहीं हो पाया है कि समारोह में प्रधानमंत्री शामिल होंगे या नहीं। राष्ट्रपति भवन के अधिकारियों ने सोमवार को ही साफ कर दिया था कि इस समारोह में राष्ट्रपति प्रणब मुखर्जी शिरकत नहीं कर रहे हैं।

    इंडो-एशियन न्यूज सर्विस।
  • महिलाओं को अधिक झेलना पड़ना है 'गर्दन का दर्द'
    न्यूयार्क, 9 मार्च (आईएएनएस)। महिलाओं और पुरुषों में दर्द के अलग-अलग अनुभवों पर प्रकाश डालते हुए अमेरिका के शोधार्थियों ने पता लगाया है कि महिलाओं को पुरुषों की तुलना में गर्दन दर्द का अधिक सामना करना पड़ता है। एक नए शोध में इसकी पुष्टि हुई है।

    यह दर्द सर्वाइकल डिजेनरेटिव डिस्क रोग के कारण होता है और पुरुषों की तुलना में महिलाओं में यह समस्या 1.38 फीसदी अधिक होने की संभावना होती है।

    सर्वाइकल डिजेनरेटिव डिस्क रोग गर्दन के दर्द का एक आम कारण है। इसमें गर्दन में कठोरता, खिंचाव, जलन, झुनझुनी और स्तब्धता का अनुभव होता है। सिर और गर्दन को हिलाने-डुलाने पर काफी तेज दर्द महसूस होता है।

    इस शोध में लोयोला यूनिवर्सिटी शिकागो स्ट्रिच स्कूल ऑफ मेडिसिन के भारतीय मूल के शोधार्थी राघवेंद्र और जोसेफ होल्टमैन ने 3,337 रोगियों का अध्ययन किया, जो दर्द का इलाज करा रहे थे।

    शोधार्थियों ने बताया कि महिलाओं में पुरुषों की तुलना में दर्द का फैलाव थोड़ा अधिक पाया गया, हालांकि यह अंतर सांख्यिकी रूप से महत्वपूर्ण नहीं था।

    यह शोध 'अमेरिकन एकेडमी ऑफ पेन मेडिसिन इन पाल्म स्प्रिंग्स' की वार्षिक बैठक में प्रस्तुत किया गया है।

    इंडो-एशियन न्यूज सर्विस।

खरी बात

आधी दुनिया

गर्व है ऐसे लोगों पर - सुहागा बाई, नूरेशा हमारी असली भारत माता है

संदीप नाईक पुटपूरा, उमरिया की नूरेशा बेगम सद्भाव की एक अद्भुत मिसाल है। एक दिन जब उन्हें मालूम पड़ा कि उनके मोहल्ले की आंगनवाड़ी में आरती नामक बच्ची भयानक कुपोषित...

जीवनशैली

'महिलाओं में भी होती है सेक्स की तीव्र इच्छा'

मांट्रियल, 9 मार्च (आईएएनएस)। सेक्स की तीव्र इच्छा और कामुक यौन कल्पनाओं को हम असामान्य यौन व्यवहार या आवेग समझते हैं, लेकिन वास्तव में लोगों के बीच यह काफी आम...