जब आप ‘भारतीय भोजन’ कहते हैं, तो दाल-चावल, रोटी, साग, और मसाले की खुशबू मन में आती है। पर असल में यह दुनिया के सबसे विविध खाने के तरीकों में से एक है। इस टैग पेज में हम आपको घर में आसानी से बन सकने वाले कुछ लोकप्रिय व्यंजनों के साथ-साथ उनके पोषण फायदों का भी त्वरित जिक्र करेंगे।
सबसे पहले बात करते हैं दाल-चावल की। दो कप बसमती चावल और एक कप मूंग दाल को बराबर पानी में 20 मिनट soak कर लें। फिर कुकर में थोड़ा तेल, जीरा, हिंग, कटी हुई प्याज़ और टमाटर डालकर 2-3 मिनट भूनें। अब दाल‑चावल मिलाकर नमक, हल्का हल्दी और गरम मसाला डालें, 5 मिनट तक धीमी आँच पर पकाएँ – तैयार है पौष्टिक खेत‑भोज।
अगर आपको कुछ तेज़ चाहिए तो ‘अंडा भुर्जी’ बनाइए। दो अंडे फेंटें, टमाटर, हरी मिर्च, कटा हुआ प्याज़ और थोड़ा नमक मिलाएँ, फिर नॉन‑स्टिक पैन में थोड़ा तेल गरम करके अंडा मिश्रण को हल्का-हल्का हिलाते हुए पकाएँ। यह प्रोटीन से भरपूर, कम समय में तैयार होने वाला व्यंजन है।
एक और लोकप्रिय विकल्प ‘वेजिटेबल पुलाव’ है। बासमती चावल को धोकर 15 मिनट भिगो दें। कड़ाही में तेल, काली जीरा, लौंग, दालचीनी, इलायची और कटी हुई सब्ज़ियाँ (गाजर, मटर, फूलगोभी) डालकर 3‑4 मिनट भूनें। अब चावल, पानी (चावल की मात्रा × 2) और नमक डालकर ढककर पकाएँ। साइड में दही या राइटा रखिए – एक पूरी थाली बन जाएगी।
भारतीय भोजन में अक्सर तेल और घी का उपयोग अधिक होता है। बचने के लिए आप तेल की मात्रा आधी कर सकते हैं, और पकाने के लिए एयर‑फ़्रायर या प्रेशर कुकर का इस्तेमाल कर सकते हैं। साथ ही, दाल‑चावल में ब्राउन राइस या क्विनोआ मिलाने से फाइबर बढ़ता है और ग्लाइसेमिक इंडेक्स घटता है।
सब्ज़ियों को भूनने के बजाय भाप में पकाएँ या ग्रिल करें ताकि पोषक तत्व बरकरार रहें। कच्चे पत्तेदार साग (पालक, मेथी) में आयरन और कैल्शियम बहुत होते हैं – इन्हें हल्की अदरक‑लहसुन की चटनी के साथ खाएँ तो स्वाद भी बढ़ेगा और पोषण भी।
भारत में हर क्षेत्र की अपनी खास रोटी होती है – रागी, ज्वार, बाजरे की रोटी या मल्टी‑ग्रेन रोटी। ये रोटी आम रोटी (गेंहू) से अधिक फाइबर देती हैं। अगर आप डायबिटीज़ या वजन कम करना चाहते हैं, तो इनका सेवन बढ़ाएँ।
डिसर्ट के रूप में टूरिया, खीर या हलवा की जगह फल, दही, या बेसन‑सेंव्ही के छोटे स्नैक्स दें। ये कम कैलोरी वाले होते हैं और खाने के बाद पेट भी ठीक रहता है।
आखिर में, खाना तैयार करते समय किचन टूल्स जैसे मिक्सर‑ग्राइंडर, स्टीमर और टॉमेटो प्रोसेसर रखें – इससे समय बचता है और हाथ‑काम कम होता है। और हाँ, हमेशा ताज़ा मसाले इस्तेमाल करें; निर्यातित पाउडर में फ्लेवर कम रहता है।
ये टिप्स और रेसिपी आपके रोज़मर्रा के खाने को आसान, स्वादिष्ट और स्वास्थ्य‑पूरक बनाते हैं। ‘भारतीय भोजन’ टैग में और भी बहुत सारी कहानियाँ, ट्रेंडिंग रेसिपी और समाचार मिलेंगे – बस स्क्रॉल करें और अपने किचन को नई ऊर्जा दें।